बीजेपी में शामिल हुए एमएलए को लोगों ने सुनाई खरी खरी, लगाए नारे

गाजीपुर। समाजवादी पार्टी का साथ छोड़कर भारतीय जनता पार्टी में शामिल हुए विधायक के क्षेत्र में पहुंचने पर स्थानीय नागरिकों ने विरोध में उतरते हुए जोरदार नारेबाजी की और पार्टी छोड़कर बीजेपी में जाने को लेकर खरी-खोटी सुनाई। क्षेत्रीय नागरिकों ने विधायक पर इलाके में काम नहीं कराने का आरोप लगाया। इस दौरान विधायक के साथ कुछ लोगों की जमकर तू-तू मैं मैं भी हुई। उत्तर प्रदेश में विधानसभा के चुनाव आते ही राजनेताओं ने दल बदलने का काम शुरू कर दिया है। जिसके चलते एमपी, एमएलए और राजनेता अपने मौजूदा दल को छोड़कर नफे नुकसान का गुणा-भाग कर अपने मौजूदा दल को छोडकर दूसरे दलों में शामिल हो रहे हैं।
गाजीपुर की सैदपुर विधानसभा सीट से विधायक सुभाष पासी भी बदलाव की इस बयार में शामिल होते हुए समाजवादी पार्टी को छोड़कर पिछले दिनों दो नवंबर को ही भाजपा में शामिल हो गए थे। भारतीय जनता पार्टी में शामिल होने के बाद जब विधायक सुभाष पासी बुधवार की देर रात इलाके में पहुंचे तो क्षेत्रीय नागरिकों ने उनके विरोध में उतरते हुए उनके खिलाफ जोरदार नारे लगाए। वर्ष 2017 में समाजवादी पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ने वाले सुभाष पासी ने भाजपा उम्मीदवार विद्यासागर सोनकर को हराया था। सुभाष को 2 नवंबर को ही भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह ने अपनी पार्टी की सदस्यता ग्रहण कराई थी।
समाजवादी पार्टी को छोड़ते समय विधायक सुभाष पासी ने अपनी पार्टी पर जातिवादी होने का आरोप लगाया था। उन्होंने कहा था कि पार्टी में दलितों की अनदेखी की जा रही है। एमएलए होने के बाद भी पार्टी मंच पर उनकी बात नहीं सुनी जाती है। नाराज हुए लोगों ने विधायक पर क्षेत्र की उपेक्षा के चलते विकास कार्य नहीं कराने का आरोप लगाया। इस दौरान लोगों की बीजेपी विधायक के साथ कई स्थानों पर तू -तू मैं -मैं भी हुई। लोगों ने सपा मुखिया के समर्थन में नारे भी लगाए। विधायक के विरोध में लोगों के उतर जाने से काफी समय तक मौके पर अफरा-तफरी का माहौल बना रहा। कुछ जिम्मेदार लोगों ने आगे आते हुए हस्तक्षेप कर लोगों को शांत कराया और विधायक को वहां से निकाला।
