लखनऊ के प्रेस क्लब से संगठन ने उठाई पसमांदा मुसलमानों के हक़ की आवाज
लखनऊ। ऑल इंडिया पसमांदा मुस्लिम महाज इस समय पूरे देश में सियासत में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाने की पुरजोर कोशिश कर रहा है। इसी कड़ी में पसमांदा मुस्लिम महाज ने उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में अपनी एक कार्यशाला आयोजित कर पसमांदा मुसलमानों को सियासत में उनका हक दिलाने की बात पुरजोर तरीके से की। इस कार्यशाला में पसमांदा समाज के विभिन्न प्रदेशों से आए लोगों ने भाग लिया।
सामाजिक संगठन ऑल इंडिया पसमांदा मुस्लिम महाज द्वारा प्रेस क्लब हजरतगंज में आयोजित पसमांदा मुसलमानों की समस्याएं उपलब्धियां एवं चुनौतियां विषयक कार्यशाला में बतौर विशिष्ट अतिथि अंजुमन इस्लामिया के अध्यक्ष मुख्तार अहमद ने कहा किअपनी सामाजिक पहचान के लिए वर्षों से संघर्ष कर रहे देश के पसमांदा मुसलमानों की अब अपनी पहचान होगी। अब जो राजनीतिक दल उन्हे सम्मान देगा, संख्या के आधार पर राजनीतिक हिस्सेदारी देगा, पसमांदा मुसलमान उसका समर्थन करने के लिए तैयार है। उन्होंने कहा कि पसमांदा मुसलमानों को सामाजिक, राजनीतिक एवं आर्थिक हाशिये पर पहुंचाने का श्रेय केवल देश की अवसरवादी राजनीतिक दलों को ही जाता है।
इस मौके पर प्रोफ़ेसर मसूद आलम फलाही ने कहा कि पसमांदा मुसलमानों की आबादी कुल मुसलमानों की 85 प्रतिशत है लेकिन उन्हें हमेशा राजनीतिक आर्थिक और सामाजिक हाशिए पर धकेला जाता है। इसका चिंतन देश के नीति-नियंताओं को करना चाहिये। उन्होंने कहा कि पसमांदा मुसलमान अब जागरूक हो चुका है। आगे की लड़ाई वह स्वयं लड़ेगा। पसमांदा मुसलमान अपनी ताकत पहचान चुका है और भविष्य में देश के राजनीतिक परिदृश्य में सबसे बड़ी ताकत के रूप में उभर कर सामने आएगा।
ऑल इंडिया पसमांदा मुस्लिम महाज के पदाधिकारियों ने मुसलमानों की समस्याएं, उपलब्धियां एवं आगे आने वाली चुनौतियों के बारे में भी विस्तार से चर्चा कर संगठन को और मजबूत कर पूरे देश में विस्तार करने की बात कही। कार्यशाला का संचालन संगठन के राष्ट्रीय प्रवक्ता शमीम अनवर अंसारी ने किया । कार्यशाला में संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष परवेज हनीफ, मुख्य कार्यकारी अधिकारी मोहम्मद यूनुस, सनोबर अली कुरैशी दिल्ली , शारिक अदीब संरक्षक, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सलीम अहमद कुरैशी दिल्ली ,मो० इदरीस अंसारी, डा० कलीम अंसारी, भाजपा अल्पसंखयक मोर्चा के पश्चिमी यूपी के अध्यक्ष जावेद मलिक, महमूद अहमद हाशमी, अमीरूल्ला अंसारी, शाईस्ता अख्तर, रजिया नसरीन, शमां बानो, नदीम राईन, आदि उपस्थित थे।