तीन चूल्हों पर पक रही विपक्ष की खिचड़ी

तीन चूल्हों पर पक रही विपक्ष की खिचड़ी

लखनऊ। देश में इन दिनों विपक्षी दल तीन अलग-अलग चूल्हों पर खिचड़ी पका रहे हैं। दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के संस्थापक अरविन्द केजरीवाल मेक इन इंडिया मिशन पर निकल पड़े हैं। वे कहते है कि हमारी पार्टी ही भारत को विश्व में नम्बर एक बना सकती है। इसके लिए वे हरियाणा के आदमपुर से यात्रा शुरू कर रहे हैं। उनके साथ पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान भी यात्रा करेंगे। केजरीवाल ने हरियाणा के आदमपुर को ही इसलिए चुना है क्योंकि यहां से कांग्रेस के विधायक कुलदीप विश्नोई ने त्याग पत्र दे दिया और भाजपा में शामिल हो गये। इस प्रकार आदमपुर विधान सभा क्षेत्र से उपचुनाव होना है और केजरीवाल को यहां से अपना विधायक बनाने की संभावना दिख रही है। दूसरी तरफ कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी भी भारत जोड़ो की खिचड़ी पका रहे हैं। कांग्रेस के नेता यह समझने का प्रयास कर रहे हैं कि भारत जोड़ो से उनका तात्पर्य क्या है, हालांकि जनता की समझ में नहीं आ रहा है।

तीसरा चूल्हा बिहार के मुख्य मंत्री नीतीश कुमार का जल रहा है। उसपर भाजपा मुक्त भारत की खिचड़ी पक रही है। इसका नाम भी भाजपा के कांग्रेस मुक्त भारत की नकल करके रखा गया है। मुख्य मकसद विपक्षी दलों को एक करने का बताया जा रहा है। हालाँकि नीतीश बाबू साफ-साफ कहते हैं कि मैं विपक्ष का नेता नहीं बनना चाहता। पीएम पद की रेस में शामिल न होने की घोषणा वे पहले ही कर चुके हैं। इस प्रकार तीन चूल्हों पर पक रही विपक्षी दलों की खिचड़ी ठीक से पक पाएगी अथवा नहीं और उसका स्वाद कैसा रहेगा, इसके लिए कुछ दिनों तक तो प्रतीक्षा करनी ही पड़ेगी।

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कई वरिष्ठ नेताओं के साथ भारत जोड़ो यात्रा की विधिवत शुरुआत की। पार्टी इस यात्रा को व्यापक जनसंपर्क अभियान बता रही है तथा इससे संगठन को संजीवनी मिलने की उम्मीद कर रही है। राहुल गांधी ने यहां विवेकानंद पॉलिटेक्निक से 118 अन्य भारत यात्रियों और कई अन्य वरिष्ठ नेताओं एवं कार्यकर्ताओं के साथ पदयात्रा की शुरुआत की। पार्टी ने राहुल समेत 119 नेताओं को भारत यात्री नाम दिया है जो कन्याकुमारी से पदयात्रा करते हुए कश्मीर तक जाएंगे। ये लोग कुल 3570 किलोमीटर को दूरी तय करेंगे। राहुल गांधी 'भारत जोड़ो यात्रा शुरू करने से पहले श्रीपेरंबदूर में पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के स्मारक पर एक प्रार्थना सभा में शामिल हुए। यहीं पर तीन दशक पहले एक आत्मघाती हमला करके राजीव गांधी की हत्या कर दी गई थी। पिता के स्मारक पर आयोजित प्रार्थना सभा में शामिल होने के बाद कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने कन्याकुमारी में एक कार्यक्रम में हिस्सा लिया था जहां तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन ने उन्हें राष्ट्र ध्वज सौंपा था। यात्रा शुरू करने से पहले राहुल गांधी कन्याकुमारी में विवेकानंद रॉक मेमोरियल, तिरुवल्लुवर स्टैच्यू और कामराज मेमोरियल भी गए थे। लोकसभा चुनाव 2024 के लिए विपक्षी दलों को एकजुट करने की कवायद में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार दिल्ली में कई राष्ट्रीय नेताओं से मिल चुके हैं। पटना लौटने से पहले उन्होंने कहा कि विपक्षी एकता को लेकर वे आशान्वित हैं। सबका रुख सकारात्मक रहा है। हम मेन फ्रंट बनाना चाहते हैं, थर्ड फ्रंट नहीं। हम विपक्षी एकजुटता की कोशिश करते रहेंगे। उन्होंने कहा कि 2024 के चुनावों के लिए उनके गठबंधन के नेता का फैसला बाद में किया जाएगा।

विपक्षी गठबंधन की व्यापक रूपरेखा के बारे में नीतीश कुमार ने कहा कि पहले साथ आना जरूरी है। एनसीपी प्रमुख शरद पवार और सीपीआई(एमएल) के महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य से मुलाकात के बाद नीतीश कुमार ने बिहार का उदाहरण देते हुए कहा कि बिहार में सभी विपक्षी दल एकजुट हैं। वहां राज्य के 7 विपक्षी दल एकसाथ हैं। बिहार में भाजपा अकेली पड़ गई है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि महागठबंधन की सरकार बनने के बाद से सभी दलों ने एकजुट होकर समाज के हित में काम किया है। नीतीश कुमार ने कहा कि 2024 के लोकसभा चुनावों में विपक्ष की एकजुटता से ही भाजपा को केंद्र से हटाया जा सकता है। जैसे बिहार में भाजपा अकेली पड़ गई है, ठीक उसी तरीके से एकजुट होने की जरूरत है। एकजुटता की इस कोशिश में हम लागातार काम करेंगे। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल भी मेक इन इंडिया के नाम से खिचड़ी पका रहे हैं। उनका इरादा भी अपनी पार्टी को राष्ट्रीय राजनीतिक दल का दर्जा दिलाना है।

दिल्ली में वह भाजपा को ऐसे समय में दो बार पटकनी दे चुके हैं जब इस 'पहलवान' ने देश भर में अपना भगवा लहरा रखा है। दिल्ली के बाद आम आदमी पार्टी की सरकार पंजाब में भी केजरीवाल ने बनवा दी है। अब ये हरियाणा में पार्टी को मजबूत करना चाहते हैं। आदमपुर से इसी लिए अपनी यात्रा शुरू की है। उपचुनाव मे अगर आम आदमी पार्टी ने जीत हासिल करली तो आगे का रास्ता आसान हो जाएगा। अरविन्द केजरीवाल कहते हैं कि - मैं अपील करता हूं कि सभी 130 करोड़ लोग इस मिशन से जुड़ जाएं। जोड़ने का कारण बताते हैं कि लोगों में बाध है और संवाल है कि 75 साल में कई देश आजाद हुए और आगे निकल गये। केजरीवाल कहते हैं कि अगर हम देश को इन देताओं (विश्व रूप से भाजपा के नेताओं का ही वे जिक्र करना चाहते हैं) के भरोसे छोड़ देंगे तो हम और ज्यादा पिछड़ जाएंगे। केजरीवाल कहते है कि इस मिशन का राजनीति से कोई लेना-देना नहीं है, इसलिए मैं बीजेपी, कांग्रेस, इस पार्टी उस पार्टी के लोगों से अपील करता हूं कि इस मिशन से जुड़ें। मैं देश के सभी राष्ट्रभक्तों से अपील करता हूं कि वे इससे जुड़ें जो लोग देश का नम्बर-एक देशना चाहते हैं।

जाहिर है कि केजरीवाल अपनी खिचड़ी को सबसे ज्यादा सुपाच्य और पौष्टिक बता रहे हैं लेकिन राहुल गांधी और नीतीश भी अपनी - अपनी खिचड़ी को राष्ट्र के हित में बताते हैं। तो, पहले इस खिचड़ी को पकने दो, फिर चख कर देखेंगे तब बताएंगे कि खिचड़ी कैसी है। (हिफी)

(अशोक त्रिपाठी-हिन्दुस्तान फीचर सेवा)

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