पीड़ितों से मिले मंत्री- SO को फोन पर लगाई फटकार- बोले ये मत समझो...

पीड़ितों से मिले मंत्री- SO को फोन पर लगाई फटकार- बोले ये मत समझो...

मेरठ। उत्तर प्रदेश सरकार में जल शक्ति विभाग के राज्य मंत्री दिनेश खटीक ने मेरठ जनपद के थाना फलावदा क्षेत्र में पढ़ने वाले रसूलपुर गांव में पहुंचे कर पीड़ितों से मुलाकात कर पूर्ण जानकारी ली। इसके बाद उन्होंने एडीजी को फोन कर एक्शन लेने के लिए कहा। थाना प्रभारी को फोन पर फटकार लगाई। राज्य मंत्री ने पीड़ितों को इस इंसाफ दिलाने का आश्वासन दिया है।

राज्य मंत्री दिनेश खटीक ने मेरठ के गांव रसूलपुर में पहुंचकर पीड़ितों से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने एडीजी डीके ठाकुर को फोन किया और कहा कि मैं रसूलपुर आया हूं, बहुत ही भयानक मंजर है। क्या दलित यहां से छोड़ कर चले जाएं? दूसरे संप्रदाय के लोगों ने हमला किया है। ये तीसरी घटना है, सख्त एक्शन लीजिएगा।

इसी बीच राज्य मंत्री दिनेश खटीक ने थाना अध्यक्ष फलावदा राजेश कंबोज को फोन पर फटकार लगाते हुए कहा कि क्या थानेदार साहब आपके थाना इलाके में दलितों को रहने का अधिकार नहीं है? पत्थर बरसाए गए, घर में घुसकर भी हमला किया गया और वह लोग वीडियो बना रहे थे। आप क्या समझ रहे हैं। अगर यह अपनी पर आ गए तो कुछ नहीं बचेगा। इससे आगे राज्य मंत्री ने कहा कि यह मेरा परिवार है इसे डराया जा रहा है। मैंने एडीजी से बात की है और अब मुख्यमंत्री जी से भी बात करूंगा। राज्यमंत्री ने आगे कहा कि किसी से दबने की जरूरत नहीं है। कानून के दायरे में रहकर हम इंसाफ दिलाएंगे और यहां पर विशेष संप्रदाय के लोग आकर लोगों को धमकाएंगे यह हम बिल्कुल भी होने नहीं देंगे।

राज्य मंत्री दिनेश खटीक से पीड़ितों ने कहा कि पुलिस ने मुकदमे में से विशेष समुदाय के लोगों के नाम हटा दिए हैं। इन लोगों के घरों में ईंट पत्थर रखे रहते हैं और हमारा यहां पर रहना मुश्किल हो गया है।

उल्लेखनीय है कि मेरठ के थाना फलावदा क्षेत्र मैं पढ़ने वाले गांव रसूलपुर में 15 जून को डीजे बजाने को लेकर दो समुदायों के बीच विवाद हो गया। विवाद इतना बढ़ गया कि दोनों पक्ष के बीच मारपीट शुरू हुई और इसी दौरान कुछ लोगों ने पथराव कर दिया जिसमें 6 लोग घायल हुए थे। सूचना पाकर को सौरभ सिंह और थाना प्रभारी राजेश कुमार कांबोज पुलिस टीम के साथ गांव पहुंचे। दोनों पक्षों ने एक दूसरे के विरुद्ध प्रार्थना पत्र दिया, जिस पर संज्ञान लेते हुए पुलिस ने 12 लोगों के विरोध अभियोग पंजीकृत किया।

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