गठबंधन में रार-उधर चल रही थी बैठक इधर शिवपाल भागवत कथा में ध्यानमग्न
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में 18 वीं विधानसभा के गठन के लिए हुए चुनाव में गठबंधन को मिली हार को लेकर मंथन के लिए बुलाई गई बैठक में कई दलों की अनुपस्थिति ने सत्ता हासिल करने के लिये की गई विभिन्न दलों की एकता पर सवाल खड़े कर दिए हैं। बैठक आरंभ होने के बाद हालात कुछ ऐसे रहे कि उधर सपा और उसके सहयोगी दलों की हार पर मंथन को लेकर बैठक चल रही थी तो इधर प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के मुखिया बैठक का बायकाट करते हुए भागवत कथा को ध्यान लगाकर सुन रहे थे। इतना ही नहीं महान दल को न्योता ही नहीं भेजा गया था, जबकि अपना दल कमेरावादी की नेता पल्लवी पटेल भी बैठक में शामिल होने के लिए नहीं पहुंच पाई।
मंगलवार को समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव की ओर से शाम 5.00 बजे 18 वीं विधानसभा के गठन के लिए हुए चुनाव में गठबंधन करके इलेक्शन लड़े सहयोगी दलों की बैठक बुलाई गई थी। बैठक में शामिल होने के लिए प्रगतिशील समाजवादी पार्टी लोहियावादी के मुखिया एवं सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव के चाचा शिवपाल सिंह यादव को भी बुलावा भेजा गया था। बैठक शुरू होने से पहले राष्ट्रीय लोकदल एवं सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी व कई अन्य दल के नेता निर्धारित किए गए स्थान पर पहुंच गए।
बैठक में आने के लिए शिवपाल सिंह यादव का इंतजार देखा गया। लेकिन वह बैठक में शामिल होने के बजाय उसका बॉयकाट कर इटावा में भागवत कथा सुनने में व्यस्त रहें। उधर बताया जा रहा है कि गठबंधन में शामिल महान दल को बैठक में शामिल होने का न्योता ही नहीं भेजा गया था। इसके अलावा बताया जा रहा है कि अपना दल कमेरावादी की नेता पल्लवी पटेल भी सपा और उसके सहयोगी दलों की बैठक में नहीं पहुंच पाई। हालांकि उनके बैठक में ना पहुंच पाने की वजह अभी स्पष्ट नहीं हो पाई है।
उल्लेखनीय बात यह है कि जिस समय राजधानी लखनऊ में सपा मुखिया अखिलेश यादव द्वारा गठबंधन साथियों के साथ बैठक की जा रही थी। ठीक उसी समय उनके चाचा शिवपाल सिंह यादव इटावा में चल रही भागवत कथा को ध्यान मग्न होकर सुन रहे थे। 2 दिन पहले सपा विधानमंडल दल की बैठक में नहीं बुलाए जाने से नाराज शिवपाल सिंह यादव ने लखनऊ से दिल्ली जाकर सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव से मुलाकात की थी।