स्वामी प्रसाद का बयान खत्म हुए सियासी कैरियर को जिंदा रखने की कोशिश
प्रयागराज। रामचरितमानस पर दिए गए विवादित बयान के बाद चौतरफा घिरे स्वामी प्रसाद मौर्य के ऊपर अब अपनी ही पार्टी के लोगों ने हमला बोलना शुरू कर दिया है। सपा नेत्री एवं पार्टी की प्रवक्ता रही ऋचा सिंह ने स्वामी प्रसाद मौर्य की ओर से रामचरितमानस पर दिए गए बयान को खत्म हो चुके राजनीतिक कैरियर को जिंदा रखने की कोशिश करार दिया है।
बृहस्पतिवार को समाजवादी पार्टी की नेत्री एवं दल की प्रवक्ता रही ऋचा सिंह ने अपने टि्वटर हैंडल पर ट्वीट करते हुए स्वामी प्रसाद मौर्य की ओर से रामचरितमानस को लेकर की गई टिप्पणी पर तीखी प्रतिक्रिया दी है।
ऋचा सिंह ने कहा है कि स्वामी प्रसाद मौर्य करोड़ों हिंदुओं की आस्था पर चोट पहचानते हुए अपने खत्म हो चुके सियासी कैरियर को जिंदा रखने की असफल कोशिश कर रहे हैं। ऋचा सिंह ने लिखा है कि मानसिक जुगाली से स्वामी प्रसाद मौर्य दलित आंदोलन खड़ा करना चाहते हैं, जबकि दलितों की बुनियादी जरूरतों एवं समस्याओं पर जीवन में उन्होंने कभी भी ध्यान नहीं दिया है। दलित विमर्श मात्र वक्तव्य देने का विषय नहीं है बल्कि उनकी चुनौतियों व दुख दर्द में शामिल होने के लिए जमीन पर उतरना पड़ता है। सपा नेत्री का कहना है कि कई बार स्वामी प्रसाद मौर्य कई बार बीएसपी और एक बार बीजेपी सरकार में मंत्री रहे हैं, लेकिन इस दौरान उन्हें रामचरितमानस में कभी कोई अमानता नजर नहीं आई थी। स्वामी प्रसाद मौर्य को अगर वास्तव में रामचरित मानस की चौपाइयों से कोई दिक्कत है तो वह उन्हें नहीं पढ़े और ना ही उन्हें देखें।