मंदिरों को लेकर स्वामी प्रसाद का विवादित बयान- ज्ञानवापी ही क्यों?
लखनऊ। काफी समय से राजनैतिक परिदृश्य से लापता चल रहे समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव एवं पूर्व मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य एक बार फिर से विवादित बयान देकर सुर्खियां पाने में कामयाब हो गए हैं। ज्ञानवापी सर्वे को लेकर स्वामी प्रसाद मौर्य का कहना है कि केवल ज्ञानवापी ही क्यों? बद्रीनाथ धाम मंदिर भी बौद्ध मठ को तोड़कर बनाया गया है। शुक्रवार को ज्ञानवापी सर्वे को लेकर समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव स्वामी प्रसाद मौर्य ने विवादित बयान देकर खुद को सुर्खियों में ला दिया है। एक निजी चैनल के इंटरव्यू के दौरान मीडिया कर्मी द्वारा ज्ञानवापी के सर्वे को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पार्ट वन सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे मौजूदा सपा राष्ट्रीय महासचिव स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा की सर्वे केवल ज्ञानवापी का ही क्यों?
उत्तर प्रदेश में 18 वीं विधानसभा चुनाव से ठीक पहले हुए हृदय परिवर्तन के बाद भगवाधारी से सपा नेता बने स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा है कि देश के सभी हिंदू मंदिरों की जांच की जानी चाहिए। क्योंकि यह अधिकांश मंदिर बौद्ध मठों को तोड़कर की बनाए गए हैं। स्वामी प्रसाद मौर्य का आरोप है कि उत्तराखंड के चार धाम की यात्रा में शामिल बद्रीनाथ धाम का मंदिर भी बौद्ध मठ को तोड़कर बनाया गया है।
उल्लेखनीय है कि समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव स्वामी प्रसाद मौर्य जब पिछले दिनों भारतीय जनता पार्टी को छोड़कर समाजवादी पार्टी में गए थे तो उस समय भी उन्होंने रामचरित मानस की चौपाइयों को लेकर देशभर में अपने बयान से बड़ा बवाल खड़ा कर दिया था। स्वामी प्रसाद मौर्य की ओर से रामचरित मानस की चौपाइयों को लेकर दिए गए विवादित बयान के बाद हिंदू समुदाय के लोगों के साथ-साथ साधु-संतों में भी भारी उबाल आ गया था।
शायद यही कारण रहा कि 18वीं विधानसभा के गठन के लिए उत्तर प्रदेश में हुए चुनाव में मतदाताओं ने जब उन्हें नकार दिया था तो समाजवादी पार्टी ने उनका राजनीति में वजूद बनाए रखने के लिए उन्हें विधान परिषद का सदस्य बना दिया था। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव स्वामी प्रसाद मौर्य के मुंह से हिंदू मंदिरों की जांच कराएं जाने के शब्द उनके मुहं से निकलते ही अब लोगों ने सपा नेता को घेरना शुरू कर दिया है। स्वामी प्रसाद मौर्य की सोच और ज्ञान पर सवालिया निशान लगाते हुए लोग कह रहे हैं कि आखिर बौद्ध धर्म पहले आया या सनातन?