पाठ्यक्रम में तब्दीली को स्वामी प्रसाद ने बताया देवियों का चीरहरण

पाठ्यक्रम में तब्दीली को स्वामी प्रसाद ने बताया देवियों का चीरहरण

लखनऊ। रामचरितमानस और सनातन को लेकर समय-समय पर अपने मुंह से आग उगलते रहे पूर्व भगवाधारी नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने एनसीईआरटी के पाठ्यक्रम में रामायण और महाभारत को शामिल करने को लेकर अपनी भौंहें टेढ़ी करते हुए कहा कि इससे जातीय भेदभाव और पारिवारिक विघटन पैदा होगा।

बुधवार को सोशल मीडिया के मुख्य प्लेटफार्म एक्स पर पोस्ट करते हुए समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव स्वामी प्रसाद मौर्य ने एनसीईआरटी की पुस्तकों में रामायण एवं महाभारत को शामिल किए जाने को लेकर अपना विरोध दर्ज कराया है।

पूर्व भगवाधारी नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने भाजपा सरकार पर जातीय भेदभाव एवं पारिवारिक विघटन पैदा करने का आरोप लगाते हुए कहा है कि क्या सरकार व एनसीईआरटी रामायण एवं महाभारत को पाठ्यक्रम में शामिल कर तमाम देवियों के चीर हरण को बढ़ावा देना चाहती है?

उन्होंने कहा है कि अब एक बार फिर से सरकार द्वारा शंबूक का सिर एवं एकलव्य का अंगूठा नहीं काटा जाए। इस बात को भी सरकार द्वारा ध्यान में रखने की आवश्यकता है। पूर्व भगवाधारी नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने लिखा है कि क्या एनसीईआरटी एवं सरकार रामायण एवं महाभारत को बच्चों के पाठ्यक्रम में शामिल करते हुए सीता शूपर्णखा एवं द्रोपदी जैसी महान देवियों को क्रमशः अग्नि परीक्षा के बाद भी परित्याग, वैवाहिक प्रस्ताव पर नाक कान काटने की त्रासदी एवं द्रोपदी जैसी अन्य तमाम देवियों के चीर हरण को बढ़ावा देना चाहती है?

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