बड़े बेआबरू होकर सरकारी बंगले से निकले स्वामी प्रसाद मौर्य
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में 18 वीं विधानसभा के गठन के लिए हुआ चुनाव स्वयं को किंग मेकर समझने वाले पूर्व कैबिनेट मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य एवं दारा सिंह चौहान जैसे नेताओं के लिए वाटर लू साबित हुआ है। अपनी दल बदलू की छवि को बरकरार रखने के लिए चौबे जी से छब्बे जी बनने चले दोनों पूर्व मंत्रियों को चुनाव में मिली हार के चलते अब सरकारी सुख सुविधाओं से भी महरूम होना पड़ रहा है। विधानसभा चुनाव में मिली हार के बाद स्वामी प्रसाद मौर्य ने अपने सरकारी बंगले को खाली कर दिया है।
दरअसल उत्तर प्रदेश में 18 वीं विधानसभा के गठन के लिए हुए चुनाव से ऐन पहले कैबिनेट मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य योगी आदित्यनाथ मंत्रिमंडल से कैबिनेट मंत्री का पद छोड़कर बाहर हो गए थे और उन्होंने समाजवादी पार्टी की सदस्यता ग्रहण करते हुए बीजेपी सरकार को नेस्तनाबूद करने की हुंकार भरी थी। इसके बाद दारासिंह चौहान और सहारनपुर के धर्मसिंह सैनी भी कैबिनेट मंत्री का पद छोडकर भाजपा से सपा में शामिल हो गये थे। समय-समय पर बड़ी-बड़ी बातें करने वाले स्वामी प्रसाद मौर्य को मतदाताओं ने ऐसा सबक सिखाया कि नई सरकार में कैबिनेट मंत्री बनना तो उन्हें विधानसभा के भीतर जाने का मतदाताओं ने मौका नहीं दिया। अपनी दलबदलू की छवि को बरकरार रखने के लिए ऐन वक्त भाजपा को छोड़कर सपा में गए स्वामी प्रसाद मौर्य को हार नसीब होने पर अब कैबिनेट मंत्री के तौर पर मिले मकान को खाली करना पड़ा है।
उधर दूसरे मंत्री दारा सिंह चौहान भी अब सरकारी बंगले को खाली करने की तैयारी कर रहे है। क्योंकि उनकी पार्टी सत्ता में नहीं आ पाई है। इसलिए उनके मंत्री बनने का दूर तक भी सवाल पैदा नहीं होता है। लिहाजा स्वयं ही बोरिया बिस्तर लपेटकर दारा सिंह चौहान वापस घर लौट रहे हैं।