कांग्रेस के परंपरागत गढ़ रहे सुंदरगढ़ में अब भाजपा की है बादशाहत
सुंदरगढ़। छत्तीसगढ़ में जशपुर जिले से सटे पड़ोसी राज्य ओडिशा की सुंदरगढ़ लोकसभा सीट यूं तो कांग्रेस की परंपरागत सीट रही है, लेकिन समयांतर में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और जनता दल के साथ क्षेत्रीय दलों का भी यहां कब्जा रहा है तथा वर्ष 2009 के आम चुनाव को छोड़कर इससे पहले 1998 से 2019 की अवधि में हुए चुनाव में भाजपा की ही बादशाहत कायम है।
दिलचस्प तथ्य यह भी है कि 2014 के आम चुनाव में 21 सीटों वाले ओडिशा में सुंदरगढ़ ही एकमात्र संसदीय सीट रही, जहां भाजपा अपनी जीत का खाता खोल सकी थी, जबकि शेष 20 सीट बीजू जनता दल (बीजद) ने अपने नाम कर ली। इसके बाद 2019 में यहां भाजपा के जुएल ओरांव ने अपनी पार्टी कर कब्जा बरकरार रखा। ऐतिहासिक तथ्यों के मुताबिक सुंदरगढ़ में राजवंशों का शासन रहा और 1948 तक गंगपुर रियासत की राजधानी रही। आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र होने के कारण सुंदरगढ़ लोकसभा सीट अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित है।
वर्ष 1952 में पहले आम चुनाव में कांग्रेस ने जीत की शुरुआत की थी। इसके बाद 1957 और 1962 में गणतंत्र परिषद ने लगातार जीत दर्ज की तथा 1967 में स्वतंत्र पार्टी ने चुनाव जीता। वर्ष 1971 में कांग्रेस ने सुंदरगढ़ सीट पर पुनः कब्जा किया, लेकिन आपातकाल के बाद 1977 में हुए चुनाव में जनता पार्टी ने कांग्रेस से यह सीट छीनी। इसके बाद 1980 में कांग्रेस ने यहां फिर चुनाव जीता और 1984 में अपना कब्जा बरकरार रखा। वर्ष 1989 में सुंदरगढ़ सीट जनता दल के हाथ लगी , लेकिन 1991 में यह फिर कांग्रेस के हाथ में चली गयी और 1996 में भी कांग्रेस ने यह जीत दोहरायी।
ओडिशा की राजनीति में एक अचंभे की तरह उदीयमान आदिवासी क्षत्रप जुएल उरांव ने 1998 में भाजपा की ओर से सुंदरगढ़ सीट कांग्रेस से छीन ली और इसके बाद 1999 तथा 2004 तक पीछे मुड़कर नहीं देखा और लगातार अपना वर्चस्व कायम रखा। वर्ष 2009 में उरांव की जीत की राह में कांग्रेस के हेमानंद बिस्वाल रोडब्रेकर साबित हुए और चुनावी नतीजा अपनी ओर मोड़ लिया, लेकिन 2014 के चुनाव में उरांव ने पुनः जीत हासिल की। उन्होंने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी मशहूर हाॅकी खिलाड़ी बीजद के दिलीप कुमार तिर्की को परास्त किया । यह चुनाव इस दृष्टि से भी उल्लेखनीय रहा कि राज्य की 21 सीटों में यही वह सीट रही जो भाजपा के खाते में गयी। वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में भी भाजपा के उरांव ने सुंदरगढ़ संसदीय सीट पर अपना कब्जा कायम रखा। आसन्न लोकसभा चुनाव 2024 में सुंदरगढ़ सीट से आदिवासी क्षत्रप श्री उरांव भाजपा का ध्वज लिए चुनाव मैदान में मुकाबले के लिए तैयार हैं जहां उनके समक्ष 2014 चुनावों में प्रतिद्वंद्वी रहे पद्मश्री दिलीप तिर्की बीजद की ओर से चुनाव मैदान में हैं। कांग्रेस ने इस बार यहां से जनार्दन देहरी के अपना प्रत्याशी बनाया है।
हिल स्टेशन, मनोरम पहाडियों और झरनों की खूबसूरती को समेटे अपने नाम को चरितार्थ करते सुंदरगढ़ जिले की आधी आबादी खेती और इससे जुड़े काम-धंधों पर आश्रित है। जर्मनी के सहयोग से ओडिशा में स्थापित राउरकेला इस्पात संयंत्र इसी जिले में है जिसकी बदौलत बहुत से स्थानीय लोगों को संयंत्र में रोजगार मिला है। सुंदरगढ़ संसदीय क्षेत्र में सात विधानसभा सीटें सुंदरगढ़ , तालसरा , वीरमित्रपुर , रघुनाथपली , राउरकेला , रागांगपुर और बोनाई है। वर्तमान में इन विधानसभा सीटों में भाजपा तीन , बीजद दो और कांग्रेस तथा मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी एक-एक सीटों पर काबिज है। अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित सुंदरगढ़ लोकसभा क्षेत्र की कुल जनसंख्या में 51 प्रतिशत अनुसूचित जनजाति और नौ प्रतिशत अनुसूचित जाति वर्ग की है।