नेताओं की जुबानी हमदर्दी

नेताओं की जुबानी हमदर्दी

लखनऊ। पढ़कर दुख हुआ। राजनीति जलती चिता पर रोटी सेंक रही है। कोरोना महामारी को लेकर चिकित्सा विशेषज्ञों तक में एक मत नहीं है। अभी भारत में एक नयी दवा 2-डीऑक्सी-डी-ग्लूकोज को ट्रायल के बाद मंजूरी दी गयी है। इसके बाद यह कहा जाने लगा कि इसके बाद क्या वैक्सीन लगवाने की जरूरत नहीं रहेगी ? चिकित्सा विशेषज्ञ कहते हैं कि वैक्सीन अपनी जगह है और दवाई अपनी जगह। दरअसल, देश में कोरोना के बिगड़े हालात को काबू में करने के लिए सरकार का पूरा अमला जुटा हुआ है। कोरोना महामारी के खिलाफ जंग में सरकार, सेना और आम लोग भी अपनी भूमिका निभाने में लगे हैं। डीआरडीओ ने भी अपने वैज्ञानिकों को कोरोना से निपटने के लिए और दवा पर शोध करने के लिए पहले दिन ही लगा दिया था। तकरीबन एक साल के शोध और क्लिनिकल ट्रायल के बाद जो दवा बनकर आई वो है 2-डीऑक्सी-डी-ग्लूकोज अर्थात (2-डीजी)। इस प्रकार प्रयास तो हो रहे हैं। ईमानदारी और कर्तव्यनिष्ठा की शत प्रतिशत अपेक्षा करना व्यर्थ है। सरकार को इस नाते कठघरे में तो खड़ा किया जा सकता है लेकिन तभी जब विपक्ष के नेता भी अपना कर्तव्यबोध दिखा रहे हों। कांग्रेस नेता और प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर आरोप लगाया है कि वह कोविड के मुद्दे पर झूठ बोल रहे हैं। इसपर भाजपा उपाध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के प्रभारी राधा मोहन सिंह और राज्य के चिकित्सा शिक्षा मंत्री सुरेश खन्ना ने कांग्रेस के नेताओं को झूठा और गैर जिम्मेदार बताया है। कांग्रेस नेताओं को इस तरह के मामले उठाने भी नहीं चाहिए। वक्त का यह दौर बहुत बुरा है। कोरोना से मृत पिता का शव लेने को बेटा तैयार नहीं होता। कर्नाटक में दर्जनों शव गड्ढे में फेंके जाने का वीडियो जब सामने आया था, तब भी इंसानियत मजबूरी के आंसू रोई थी और अब बलिया के पास गंगा नदी में 60-65 शव बहते हुए मिले तब भी इंसानियत ही सिसक रही है। इस पर कांग्रेस के नेता को राजनीति नहीं करनी चाहिये।

एक मीडिया रिपोर्ट के हवाले से सुरजेवाला ने कहा है कि सरकार ऑल इज वेल का राग अलाप रही है। यह झूठ धर्म और राजधर्म दोनों का अपमान है। सुरजेवाला ने जो रिपोर्ट शेयर किया है उसमें दावा किया गया है कि नदियों में प्रवाहित किए गए शवों को कुत्ते नोच रहे हैं। कांग्रेस प्रवक्ता ने लिखा- संत और महंत सपने में भी झूठ नहीं बोलते- लेकिन योगी जी, उत्तर प्रदेश में शवों को कुत्ते नोच रहे, कूड़ा गाड़ी में ढोया जा रहा है पर शव ठेलों पर, शव नदियों में सड़ रहे हैं, लेकिन आप ऑल इज वेल का राग अलाप रहे! ये झूठ, धर्म और राजधर्म दोनों का अपमान है। गौरतलब है कि राज्य के कुछ जिलों में गंगा और यमुना नदी में शव पाए गए हैं। माना जा रहा है कि यह शव कोविड संक्रमितों के हैं। गाजीपुर, बलिया, हमीरपुर में यमुना और गंगा नदी में कई शव पाए गए हैं। हालांकि सरकार की ओर से इस मुद्दे पर अब तक स्पष्ट जवाब नहीं दिया गया है। कई मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि ये शव उन कोरोना पीड़ितों के हैं जिनके परिवार के सदस्यों द्वारा गरीबी के कारण और संसाधन के अभाव में शव को छोड़ दिया गया या सरकारी कर्मी इस डर से कि वे कहीं स्वयं संक्रमण की चपेट में न आ जाएं, शवों को नदी में फेंक कर फरार हो गए।

इससे पहले उत्तर प्रदेश में कोरोना वायरस नियंत्रण और बेहतर प्रबंधन के दावे को खारिज करते हुए विपक्षी दलों- समाजवादी पार्टी (सपा) और कांग्रेस के नेताओं ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार पर झूठे आंकड़े और हेराफेरी वाले दावे करने का आरोप लगाया था जबकि भाजपा ने पलटवार करते हुए खासतौर से कांग्रेस को कठघरे में खड़ा किया। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने कोरोना वायरस को नियंत्रित करने के भाजपा सरकार के दावे को खारिज करते हुए आरोप लगाया कि राज्य सरकार के सभी दावे हेराफेरी वाले हैं। इस पर भाजपा उपाध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के प्रभारी राधा मोहन सिंह और राज्य के चिकित्सा शिक्षा मंत्री सुरेश खन्ना ने कांग्रेस के नेताओं को झूठा और गैर जिम्मेदार बताया। हालांकि सपा अध्यक्ष और राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भी दोहराया कि भाजपा सरकार लगातार झूठे आंकड़े दे रही है और अभी भी स्थिति की भयावहता को स्वीकार नहीं कर रही है।

एक बयान में लल्लू ने सवाल उठाया कि आंकड़ों में हेराफेरी करने वाले मुख्यमंत्री की प्रशंसा करने वाले रक्षा मंत्री को क्या अपनी संसदीय सीट लखनऊ सहित प्रदेश भर के श्मशानों में चिताओं से उठती लपटें नहीं दिखाई दीं? बिना ऑक्सीजन एवं बिना दवाओं से होती मौतें उन्हें क्यों नहीं दिखाई देती हैं? रक्षा मंत्री जिस तरह मुख्यमंत्री की तारीफ कर रहे हैं उससे साबित होता है कि मानवीय संवेदना का उनसे कोई संबंध नहीं है। ध्यान रहे कि 11 मई को लखनऊ के दौरे पर आए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने हज हाउस के एक कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की प्रशंसा करते हुए कहा था कि उप्र सरकार के कामकाज की सराहना विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने भी की है और यह कोई छोटी बात नहीं है। उधर, कांग्रेस नेता लल्लू ने आरोप लगाया कि ग्रामीण एवं कस्बाई इलाकों में फर्जी जांच से गुमराह कर अंतरराष्ट्रीय संस्था डब्ल्यूएचओ से प्रशंसा प्राप्त की गयी है, जबकि जमीनी सच्चाई यह है कि उत्तर प्रदेश में न टीका है, न ऑक्सीजन है, न दवाई, फिर भी उनके झूठे दावे में कोई कमी नहीं आ रही है। यह प्रदेश की योगी सरकार को झूठा साबित करने का प्रयास नहीं, बल्कि एक अन्तरराष्ट्रीय संस्था को झूठा कहकर अपमानित किया जा रहा है। कांग्रेस नेता का यह कहना कि सरकार की लापरवाही के कारण शवों के ढेर लगे हैं और शवों की मीनार खड़ी कर वह प्रशंसा प्राप्त कर रही है, निहायत ही घटिया भाषा है। महामारी से जूझ रही जनता को उत्तेजित करने की यह मानसिकता निंदनीय है। श्मशान घाटों पर विद्युत शवदाहगृहों के सामने लाशों को देखकर छाती दुख से फट जाती है लेकिन इस पर भी अगर कोई राजनीति कर रहा है तो उसकी समझ पर तरस ही आएगा। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष जब कहते हैं कि मानवता को कलंकित करने वाली ऐसी निर्लज्जता भाजपाई लाते कहां से हैं तो सवालिया निशान उनके बयान पर भी लगता है। इसी प्रकार सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने ट्वीट किया कोरोना वायरस ने जिस तरह उत्तर प्रदेश के गांवों को प्रभावित किया है वो अति चिंतनीय है। गांवों और कस्बों में दवाई, ऑक्सीजन एवं उपचार के अभाव से लोगों का जीवन संकट में है और भाजपा सरकार अभी भी स्थिति की भयावहता को स्वीकार नहीं कर रही है।

उन्होंने लिखा कि भाजपा सरकार के झूठ से मृत्यु का सच छुपाया नहीं जा सकता है। यादव ने सिलसिलेवार ट्वीट में यह भी लिखा कि गोरखपुर के अस्पतालों की स्थिति अत्यंत दयनीय है। स्ट्रेचर के अभाव में एक भाई अपने कोरोना पीड़ित भाई को कंधों पर ले जाने पर मजबूर है। अपनी सफलता का झूठा ढिंढोरा पीटने में लगी भाजपा सरकार अपनी अकर्मण्यता और नाकामी के कारण जनता का सहारा बनने की जगह बोझ बन गई है। उन्होंने ट्वीट में इसका वीडियो भी संलग्न किया है। अब पूर्व मुख्यमंत्री और सपा के मुखिया इस समस्या का कोई समाधान जानते हों तो बताएं। उल्लेखनीय है कि गोरखपुर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का गृह जिला है।

बहरहाल, लल्लू के बयान पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए भाजपा उपाध्यक्ष सिंह ने कहा कि अफवाह फैलाना कांग्रेस के डीएनए में है और जब-जब देश पर विपत्ति आई, कांग्रेस पार्टी के नेताओं ने विपदा से निकलने में सहयोग की बजाय लोगों को भड़काने, गुमराह करने और अफवाह फैलाकर देश को अशांति की ओर ले जाने का ही काम किया है। राज्य के चिकित्सा शिक्षा मंत्री सुरेश खन्ना ने कांग्रेस के नेताओं को गैर जिम्मेदार और झूठा बताया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के नेता वर्तमान में कोरोना से पीड़ितों की मदद करने के बजाए उन्हें गुमराह करने का कार्य कर रहे हैं। इस तरह की राजनीति क्या उचित कही जा सकती है? (हिफी)

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