लाॅक डाउन इफेक्ट - जब प्रमोद त्यागी फिर से बने साहित्यकार
मुजफ्फरनगर । कोरोना संक्रमण के कारण हिंदुस्तान में लॉकडाउन है। उत्तर प्रदेश का मुजफ्फरनगर जनपद भी इससे अछूता नहीं है । इस लॉक डाउन में नेताओं की दिनचर्या में परिवर्तन हो गया है। नेता लॉकडाउन की लाइफ में क्या कर रहे हैं। इसी के मद्देनजर खोजी न्यूज़ ने आज अपना नया कार्यक्रम शुरू किया है। लॉक डाउन इफेक्ट ।
आज लॉक डाउन इफेक्ट में खोजी न्यूज़ ने मुजफ्फरनगर समाजवादी पार्टी के जिला अध्यक्ष प्रमोद त्यागी से जाना है कि लॉक डाउन के चलते उनकी राजनीतिक एवं सामाजिक लाइफ में क्या क्या परिवर्तन आया है।
चार दशक से भी ज्यादा से राजनीति में सक्रिय प्रमोद त्यागी वर्तमान में समाजवादी पार्टी के मुजफ्फरनगर जिला अध्यक्ष के रूप में काम कर रहे हैं। वह इससे पहले भी समाजवादी पार्टी के जिला अध्यक्ष रह चुके हैं। प्रमोद त्यागी जिला बार संघ के रिकॉर्ड आठ बार अध्यक्ष भी रहे हैं। पहले पूरा दिन प्रमोद त्यागी का राजनीतिक सरगर्मी एवं वकालत के पेशे में गुजर जाता था । प्रमोद त्यागी इन दिनों लॉक डाउन के कारण अपने घर में ही रह रहे हैं। वह सुबह उठने के बाद योग करते हैं, फिर अखबार पढ़ कर वह एक साहित्य जो कि महाभारत काल के राजा कर्ण के ऊपर वह लिख रहे हैं, उसमें व्यस्त हो जाते हैं। दोपहर के 12 बजे के बाद प्रमोद त्यागी लंच करने और फिर राजा कर्ण पर लिख रहे साहित्य से संबंधित कुछ किताबें पढ़ते हैं । इसके अलावा प्रमोद त्यागी कई बड़े साहित्यकारों की किताबों के साथ-साथ धार्मिक पुस्तकों का भी अध्ययन करते हैं ।
इस बीच प्रमोद त्यागी समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के निर्देश पर लॉक डाउन के कारण प्रभावित गरीब जनता को राशन वितरण के लिए कार्यकर्ताओं को बुलाकर वितरण की व्यवस्था करते हैं। इस बीच अगर किसी कार्यकर्ता एवं आम जनता का प्रमोद त्यागी के पास अपनी किसी समस्या को लेकर फोन आता है या पीड़ित व्यक्ति खुद उनके पास आता है तो वे संबंधित अफसर को फोन कर उसकी समस्या का समाधान करने का यथासंभव प्रयास करते हैं। प्रमोद त्यागी को इस बीच अपने परिवार में भरपूर समय व्यतीत करने का अवसर भी मिल रहा है, जो कि उनकी राजनीतिक लाइफ के कारण संभव नहीं हो पा रहा था । इस लॉक डाउन में प्रमोद त्यागी अपने पसंदीदा फल संतरे को भी बड़े चाव से खा रहे हैं । प्रमोद त्यागी बताते हैं की संतरा मेरा फेवरेट फल है, लेकिन आम दिनों में ज्यादा भागदौड़ के कारण मैं उसका सेवन प्रतिदिन नहीं कर पाता था लेकिन अब मैं रोज 4 से 5 संतरे खा रहा हूं, जिससे मुझे विटामिन सी की भी प्राप्ति हो रही है । इस लॉक डाउन में प्रमोद त्यागी 15 साल बाद फिर से साहित्यकार बन गए हैं। वह बताते हैं कि मुझे साहित्य में बहुत रुचि थी। मेरे द्वारा कई किताबें प्रकाशित भी की गई, लेकिन मेरा आखिरी प्रकाशन वर्ष 2005 में हो पाया था, उसके बाद राजनीतिक एवं वकालत की व्यस्तता के कारण उन्हें लग नहीं रहा था कि वह फिर से किसी साहित्य को लिख पाएंगे, लेकिन जब 24 मार्च 2020 को पूरे देश में लॉकडाउन की घोषणा हुई और मुझे अपने ही घर में रहना पड़ा, तो फिर से मेरे मन में आया कि मैं जो दानवीर राजा कर्ण पर पुस्तक लिखने के लिए सोचता रहता था , यह उसका सही समय है । प्रमोद त्यागी कहते हैं कि मैं फिर उन ग्रंथों एवं किताबों को संकलित करने में जुट गया। जिनमें राजा कर्ण के बारे में लिखा गया है। प्रमोद त्यागी बताते हैं कि वे इन दिनों इसी साहित्य को लिखने में व्यस्त है और उन्होंने अब तक 126 पेज इस साहित्य के लिख दिए हैं और उम्मीद करता हूं लॉक डाउन खत्म होने तक इस पुस्तक को लिख दूंगा । प्रमोद त्यागी मुजफ्फरनगर की जनता से अपील करते हैं कि कोरोना वायरस एक संक्रमण है। इससे बचाव का एक ही तरीका है कि आप अपने अपने घरों में स्वस्थ एवं सुरक्षित रहे।