जन्मदिन विशेष ~ बचपन में ही अलीम सिद्दीकी ने मुलायम सिंह यादव को मान लिया था अपना नेता

जन्मदिन विशेष ~ बचपन में ही अलीम सिद्दीकी ने मुलायम सिंह यादव को मान लिया था अपना नेता

मुजफ्फरनगर 13 साल की उम्र में मुलायम सिंह यादव को अपना नेता मान चुके अलीम सिद्दीकी वर्तमान में भी समाजवादी पार्टी के लिए काम कर रहे हैं । अखिलेश यादव के नेतृत्व में 2022 मैं समाजवादी पार्टी की सरकार बने, ऐसी कामना करने वाले अलीम सिद्दीकी वर्तमान में समाजवादी पार्टी के मुजफ्फरनगर महानगर अध्यक्ष हैं। जीवन में पिता को अपना आदर्श मानने वाले अलीम सिद्दीकी के जन्मदिन पर खोजी न्यूज़ द्वारा उनका इंटरव्यू किया गया ।





2 जुलाई 1979 को मुजफ्फरनगर शहर के मोहल्ला लद्धावाला में सलीम हुसैन के घर में जन्मे अलीम सिद्दीकी गरीबों की मदद करने को अपना दायित्व मानते हैं। अलीम सिद्दीकी कहते हैं कि समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव से जब भी मुलाकात हुई तो मुलाकात खत्म होने से पहले उन्होंने यह जरूर कहा कि गरीब की मदद करनी चाहिए । राजनीति में हो तो अपने जिले के गरीब शोषित, पिछड़े, दलित के साथ-साथ अपने समाज के कमजोर लोगों की मदद करनी चाहिए। अलीम सिद्दीकी कहते हैं कि राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव की इस सीख पर मैं हमेशा काम करने की कोशिश करता हूं।





पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव को अपना नेता चुनने की वजह पर अलीम सिद्दीकी का जवाब आता है " 1992 में जब बाबरी मस्जिद की शहादत हुई थी तो मुलायम सिंह यादव जी ही थे कमजोर मुसलमानों की हिमायत की बात कर रहे थे।






अमर उजाला को अपना पसंदीदा अखबार बताते हुए अलीम सिद्दीकी ने कहा कि 1992 में जब बाबरी मस्जिद प्रकरण चल रहा था तब अमर उजाला समाचार पत्र में ही मुलायम सिंह यादव के बारे में पढ़ता था, तो मैंने सोच लिया था कि अगर मैं सियासत में आया तो मुलायम सिंह यादव जी के नेतृत्व में ही काम करूंगा। साधन संपन्न परिवार के अलीम सिद्दीकी 1995 में जब वह हाई स्कूल कर चुके थे, तो उनके परिवार के समक्ष आर्थिक संकट खड़ा हो गया था तब वह अपने पिता के साथ मिलकर काम करने लगे थे। अलीम सिद्दीकी कहते हैं मेरे पापा ने हमेशा संघर्ष किया है आज भी मैं अपने पिता से सलाह किये बगैर कोई काम नहीं करता। पिता से जुड़ा एक संस्मरण याद करते हुए अलीम सिद्दीकी ने बताया कि कोई भी पिता अपने बेटे को नाम लेकर पुकारता है लेकिन मेरे पिताजी सलीम हुसैन मुझसे इतना प्यार करते थे कि आज तक भी मुझे भैया ही कहते हैं ।




2011 में बीएसपी की सरकार के खिलाफ समाजवादी पार्टी के आंदोलन घेरा डालो डेरा डालो में बढ़-चढ़कर भाग लेने वाले अलीम सिद्दीकी वर्तमान में समाजवादी पार्टी के मुजफ्फरनगर महानगर अध्यक्ष के रूप में सक्रिय होकर काम कर रहे हैं। बचपन में अमर उजाला के संपादकीय पेज पढ़ने वाले अलीम सिद्दीकी बचपन से ही अपने से बड़ी उम्र के लोगों के में बैठते थे । वहां उन्हें बताया गया था कि अखबार के फ्रंट पेज पर तो आपको वह खबर मिलेगी जो देश में चल रहा है, जो फिलहाल ब्रेकिंग न्यूज़ है लेकिन अखबार के संपादकीय पेज पर अखबार के संपादक एंव देश के बड़े पत्रकारों के लेख छपते थे कि देश के अंदर क्या चल रहा है, देश की राजनीति में क्या चल रहा है। वह सारी जानकारी अखबार के संपादकीय पेज पर मिलती है , तब से आज तक मैं समाचार पत्र का संपादकीय पेज जरूर पढ़ता हूं।





समाजवादी पार्टी के महानगर अध्यक्ष अलीम सिद्दीकी से जब सवाल किया गया इस संपादकीय लिखने वालों में अलीम सिद्दीकी को सबसे ज्यादा किस पत्रकार ने प्रभावित किया तो तपाक से जवाब दिया कुलदीप नैय्यर। अलीम सिद्दीकी कहते हैं कुलदीप नैय्यर से मैं बहुत प्रभावित रहा हूं क्योंकि वह जब भी लिखते थे देश की सच्चाई लिखते थे। इसी कारण मैं उनका बहुत बड़ा फैन हूं। उनके सबसे अच्छा आर्टिकल के सवाल पर अलीम सिद्दीकी कहते हैं कि मुझे आज भी याद है जब 1996 में अटल बिहारी वाजपेई देश के प्रधानमंत्री थे तब उन्होंने भाजपा की राजनीति पर एक सटीक टिप्पणी लिखी थी उन्होंने लिखा था कि भाजपा के दो चेहरे हैं।






समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव मैं मुलायम सिंह यादव की छवि देखने वाले अलीम सिद्दीकी कहते हैं कि 2011 में जब राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव मुजफ्फरनगर आए थे तब 5 मिनट की उन से मेरी मुलाकात हुई थी। उनके बातचीत करने के अंदाज, उनकी कार्यशैली देख कर मुझे लगा था कि वह नेताजी मुलायम सिंह यादव के पद चिन्हों पर ही चलेंगे। आज अखिलेश यादव जी ने देश में मुलायम सिंह यादव जी की तरह ही अपनी संघर्षशील नेता की छवि बनाई है।





अपनी पसंदीदा मूवी देखने के सवाल पर अलीम सिद्दीकी का जवाब आता है कि मैं टीवी पर केवल क्रिकेट मैच या न्यूज़ चैनल ही देखता हूं बाकी कुछ नहीं देखता। क्रिकेट के शौक के सवाल पर अलीम सिद्दीकी कहते हैं कि मुझे क्रिकेट में सचिन तेंदुलकर, रविंद्र जडेजा और अजहरूद्दीन बेहद पसंद है ।

भारतीय टीम के फैन अलीम सिद्दीकी कहते हैं कि क्रिकेट का कभी मुझ पर ऐसा जुनून होता था कि अगर इंडिया का मैच दिन में होता था तो मैं दोपहर का खाना तक नहीं खाता था और ऊपर से अगर टीम इंडिया हार जाती थी तो उस दिन शाम का भी खाना हारने के गम में मैं नहीं खाता था।

2008 से समाजवादी पार्टी में सक्रिय सदस्य के रूप में काम करने वाले अलीम सिद्दीकी को अखिलेश यादव की सरकार में वाणिज्य कर विभाग में सदस्य बनाया गया था। मुजफ्फरनगर समाजवादी पार्टी में महानगर उपाध्यक्ष के तौर पर काम कर चुके अलीम सिद्दीकी व्यापार सभा से भी जुड़े रहे हैं।

पुलिस को अपना मित्र मानने वाले अलीम सिद्दीकी एक घटना का जिक्र करते हुए कहते हैं कि 2013 में मैं गांव से वापस शहर में लौट रहा था। मेरे मामा मेरे साथ थे तब कुछ बदमाशों ने लूट के इरादे से हमें रोक लिया तथा मामा के विरोध करने पर उन बदमाशों ने उनकी हत्या कर दी थी। मैं किसी तरह बच गया था ।तब कुछ लोगों ने कहा था कि ऐसा कैसे हो सकता है कि दो व्यक्तियों में से एक जिंदा रहा और एक मारा गया। मरने वाले के परिजन मुझ पर शक कर रहे थे। घटना वाले दिन ही मुजफ्फरनगर के एसएसपी के तौर पर चार्ज संभालने वाले नितिन तिवारी ने मुझे बुलाकर पूरी घटना जानी और उन्होंने पुलिस टीम को इस घटना को सही वर्कआउट करने पर लगा दिया। अलीम सिद्दीकी कहते हैं यूपी पुलिस पर भले ही लोग इल्जाम लगाते हो लेकिन मेरे साथ पुलिस ने इंसाफ किया था। एसएसपी नितिन तिवारी ने बिना किसी दबाव के इस घटना का 8 दिन बाद सही खुलासा करते हुए असली कातिलों को जेल भेज दिया था तब से मैं पुलिस को अपने मित्र के तौर पर देखता हूं।

अखिलेश यादव को 2022 में मुख्यमंत्री देखने की इच्छा रखने वाले अलीम सिद्दीकी कहते हैं कि 2011 की तरह 2022 से पहले भी समाजवादी पार्टी की साईकिल यात्रा चलाई जानी चाहिए। इस साइकिल यात्रा से प्रदेश के युवा समाजवादी पार्टी से जुड़ेंगे और संघर्ष करते हुए 2022 में समाजवादी पार्टी की सरकार बनाएंगे ।

अलीम सिद्दीकी की संघर्षशील छवि का ही कारण है कि समाजवादी पार्टी ने 17 दिसंबर 2019 को उन्हें मुजफ्फरनगर के महानगर अध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंप दी। अलीम सिद्दीकी कहते हैं कि संगठन ने जो जिम्मेदारी मुझे दी है। मैं उसे बेहतर ढंग से निभाऊंगा। मेरा मकसद मुजफ्फरनगर महानगर में समाजवादी पार्टी के विचारों को जन-जन तक पहुंचाना है। मेरे द्वारा महानगर कार्यकारिणी की घोषणा कर दी गई है। जिसमें मेरा प्रयास रहा है कि समाज के प्रत्येक वर्ग को उसमें जोड़ सकूं।

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