जनेश्वर मिश्र पार्क लखनऊ की गंगा-जमुनी तहजीब की एक नायाब मिसाल
लखनऊ । लार्ड डाॅ खालिद हमीद साहब लंदन से लखनऊ आए तो उनकी बड़ी इच्छा थी कि जनेश्वर मिश्र पार्क घूमा जाए। इस पार्क के बारे में उन्होेंने काफी कुछ सुन रखा था उनके कई परिचितों ने भी पार्क की जो प्रशंसा की थी। उससे उनकी जिज्ञासा बढ़ी हुई थी। यह बात पूर्व मुख्यमंत्री एवं समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव तक पहुंची तो वे स्वयं लार्ड हामिद को पार्क दिखाने को तैयार हो गए।
लार्ड डाॅॅ खालिद हमीद जब जनेश्वर मिश्र पार्क पहुंचे तो इसकी विशालता, हरी भरी हरियाली और आकर्षक वातावरण से प्रभावित होकर कहने लगे कि यह पार्क तो लंदन के विख्यात हाइड पार्क जैसा है। डाॅॅ खालिद हमीद ने पानी से भरी झील, आकाश में लहराते राष्ट्रीय ध्वज को देखकर प्रसन्नता जाहिर की। उन्होेंने अखिलेश जी को बधाई दी कि उनके मुख्यमंत्रित्वकाल में 500 एकड़ में बने जनेश्वर मिश्र पार्क से पर्यावरण एवं प्रकृति का सुंदरतम रूप निखर कर आया है। अखिलेश जी ने कहा कि समाजवादी सरकार बनने पर जनेश्वर मिश्र पार्क में प्रवेश निःशुल्क होगा। भारत में यह सबसे बड़ा पार्क है।
जनेश्वर मिश्र पार्क में भ्रमण के दौरान गोण्डा से आए पंडित टी एन त्रिपाठी से भेंट हुई। उनका कहना था कि अखिलेश जी आपके कार्यकाल में ही जनहित के काम हुए थे। समाजवादी सरकार में हुए विकास कार्य ही आज भी दिखाई देते हैं। उत्तर प्रदेश में भाजपा ने पूरी व्यवस्था बिगाड़ दी है। अब सभी लोग आपकी सरकार आने का इंतजार कर रहे हैं।
त्रिपाठी ने कहा कि सब समय का फेर होता है। अब फिर समाजवादी सरकार के उत्तर प्रदेश में सत्तारूढ़ होने का समय आ गया है। श्री त्रिपाठी जी वहां गीता दर्पण पढ़ रहे थे और उनकी पोती अदिति त्रिपाठी अंग्रेजी किताब पढ़ रही थी। वह पांचवी कक्षा की छात्रा हैं।
त्रिपाठी के बराबर की बेंच पर बालागंज, लखनऊ से पार्क घूमने आए मोहम्मद आरिफ अपनी पत्नी फिरदौस के साथ बेठे थे। यहां एक नौजवान श्यामजी मिश्रा ने धारावाहिक अंग्रेजी में भाषण की कला प्रदर्शित की। वह त्रिवेणीनगर, सीतापुर रोड से आया था। दादा अपनी पोती को पार्क में घुमाने लाये थे।
जनेश्वर मिश्र पार्क लखनऊ की गंगा-जमुनी तहजीब का एक नायाब उदाहरण है। यहां सभी धर्म, जाति और विचारों के लोग एकत्र होते है। खुले माहौल में स्वच्छ हवा में सांस लेते हैं। जो भी यहां आता-जाता है एक बार अखिलेश यादव को अवश्य याद करता है, उनको धन्यवाद देता है। वहां राज्य के कई जनपदों के लोग मिले, कुछ तो अपने रिश्तेदारी में लखनऊ आये तो जनेश्वर मिश्र पार्क घूमने आ गए। वाॅटर बाॅडी में बोटिंग की व्यवस्था भी है। बच्चों के लिए झूला पार्क भी है।
एशिया के इस सबसे बड़े पार्क में भ्रमण करने वालों के पैर थक जाते हैं किन्तु आंखे थकती नहीं। मन भरता नही है। लोग सुबह से देर शाम तक यहां सपरिवार पिकनिक मनाते हैं। आज जब अखिलेश वहां पहुंचे तो बड़ी तादाद में युवा एकत्र होकर उनके जिंदाबाद के नारे लगाने लगे। कई बुजुर्गों ने उन्हें आशीर्वाद दिया तो महिलाओं ने फिर दोबारा सरकार में आने की कामना की।
~राजेन्द्र चौधरी