सरकार को प्राकृतिक प्रकोप से निबटने में समाजवादी सरकार से सबक लेना चाहिए : अखिलेश यादव

सरकार को प्राकृतिक प्रकोप से निबटने में समाजवादी सरकार से सबक लेना चाहिए : अखिलेश यादव

लखनऊ समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा है कि असमय ओलावृष्टि और बरसात ने किसानों की जिंदगी तबाह कर दी है। किसानों का अच्छी उपज होने का सपना चूर-चूर हो गया है। खेती से ही किसान अपनी आजीविका कमाने और परिवार चलाने का काम करता है। फसल चौपट होने से उसकी गृहस्थी की गाड़ी पटरी से उतर गई है। भाजपा सरकार की संवेदनहीनता ने किसान को जीते जी मार दिया है।

इन दिनों आई प्राकृतिक विपदा से गेहूं, दलहन, सरसों और आलू की फसल पूरी तरह चौपट हो गई है। गेहूं की बाली टूट गई है और आम के बौर गिर गए हैं। चना, मटर की फसल को भी भारी वर्षा से नुकसान पहुंचा है। पूरब से पश्चिम तक हजारों हेक्टेयर फसल पर ओला पड़ गया है। इस आपदा में कई जानें भी गई हैं। सीतापुर में तेज आंधी, वर्षा से दो लोगों की मौत हो गई है।

प्राप्त सूचनाओं के अनुसार, आजमगढ़, सम्भल, लखीमपुरखीरी, लखनऊ सुल्तानपुर, प्रतापगढ़, बहराइच, गोण्डा, सीतापुर, हरदोई, महाराजगंज, बाराबंकी, बिजनौर, जौनपुर, अयोध्या, प्रयागराज, शाहजहाँपुर, महोबा आदि जिलों में फसलों को भारी नुकसान हुआ है। किसानों को अब खाने के भी लाले पड़ जाएंगे। विडम्बना है कि गेहूं की पर्याप्त पैदावार न होने की स्थिति में भी भाजपा सरकार 01 अप्रैल से 15 जून 2020 तक गेहूं खरीद करने का इरादा बनाए हुए है। पता नहीं भाजपा किस लोक में विचरण करती रहती है?

भाजपा सरकार ने संकट के इन दिनों में भी पीड़ित किसानों को अंतरिम आर्थिक मदद नहीं दी है। फसल के नुकसान के आंकलन में भी लापरवाही हो रही है। भाजपा सरकार ने किसानों को उनके भाग्य के सहारे छोड़ दिया है। वैसे भी भाजपा बड़े पूंजी घरानों को राहत पहुंचाने में तत्परता बरतती है, किसान और गरीब उसकी प्राथमिकता में कभी रहा ही नहीं। सूदखोरों के चंगुल में फंसे किसान आत्महत्या करने को मजबूर हो जाते हैं।

भाजपा सरकार ने किसानों को बहकाने वाली कई घोषणाएं कर उसका वोट तो हासिल कर लिया और फिर उसकी ओर से मुंह मोड़ लिया है। कर्जमाफी तो मुख्यमंत्री जी की तुकबंदी की भेंट चढ़ गई। किसानों की आय दुगनी करने का दावा छलावा निकला। सच तो यह है कि भाजपा ने किसानों को हर तरह से ठगा है। एक तरफ खाद की बोरी से 5 किलो खाद चोरी की है, दूसरी तरफ बीज, खाद के दाम बढ़ा दिए हैं।

भाजपा सरकार को प्राकृतिक प्रकोप से निबटने में समाजवादी सरकार के कामों से सबक लेना चाहिए। किसानों को समाजवादी सरकार ने पेंशन, फसल बीमा के साथ समय से खाद, बीज उपलबध कराये थे। मुफ्त सिंचाई के साथ किसानों की कर्जमाफी की थी। बजट का 75 प्रतिशत भाग गांव-किसान के लिए आवंटित किया था। भाजपा सरकार ने किसानों के हितों पर कुठाराघात करने के अलावा कुछ नहीं किया है।

भाजपा सरकार को किसानों की परेशानी को देखते हुए तत्काल तमाम सरकारी देय, सरकारी और गैरसरकारी ऋणों की माफी कर देना चाहिए तथा खेती-किसानों के काम आने वाले सामान की खरीद में सब्सिडी देनी चाहिए। भाजपा सरकार अगर अन्नदाता की उपेक्षा की नीति पर चलती रहेगी तो समाजवादी उसका भरसक प्रतिरोध करेंगे।


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