बूथवार सूची देखकर प्रत्याशियों की हुई सिट्टी पिट्टी ग़ुम

बूथवार सूची देखकर प्रत्याशियों की हुई सिट्टी पिट्टी ग़ुम

मुजफ्फरनगर। जिला प्रशासन द्वारा 10 फरवरी को हुए मतदान की सूची जारी कर दी गई है। उक्त सूची को देखने के बाद सभी प्रत्याशी बेचैन हैं। वहीं समर्थक आंकड़ों की बाजीगरी करते हुए अपने-अपने प्रत्याशियों को जीता हुआ बता रहे हैं। इतना जरूर है कि सूची जारी होने के बाद सभी प्रत्याशियों के दिल की धड़कनें तेज हो गई हैं। अब सभी को इस बात का इंतजार है कि 10 मार्च जल्द आए और उन्हें स्पष्ट वस्तुस्थिति ज्ञात करने का मौका मिल सके।

मिली जानकारी के अनुसार भारत निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार विगत 10 फरवरी को मुजफ्फरनगर की छह विधानसभा सीटों पर मतदान सम्पन्न हो चुका है। पुलिस-प्रशासन की सुदृढ़ व्यवस्था के चलते मुजफ्फरनगर में निर्विघ्न रूप से शांतिपूर्ण मतदान हुआ। जिला प्रशासन द्वारा बूथवार हुए मतदान की सूची जारी की गई है। उस सूची को देखने के लिए विभिन्न राजनीतिक दलों से जुड़े प्रत्याशी उत्सुक रहे। काफी देर तक उक्त सूची की जांच-पड़ताल की गई और समर्थकों से भी इस बारे में बात की गई। सूची देखने के बाद सभी प्रत्याशी पूरी तरह से बेचैन नजर आये। वहीं प्रत्याशियों के समर्थकों द्वारा सूची देखने के बाद आंकड़ों की बाजीगरी शुरू कर दी गई है। सभी प्रत्याशियों के समर्थक अपने-अपने प्रत्याशी को जीता हुआ बता रहे हैं। हालांकि जीत तो किसी एक राजनीतिक दल के प्रत्याशी की ही होगी, लेकिन फिलहाल कोई भी इसे स्वीकार करने को तैयार नहीं है।

10 मार्च को मतगणना का कार्य आरम्भ होगा। मतगणना के बाद ही पता चल सकेगा कि वास्तविक स्थिति क्या है? किसे जनता ने अपना नेता चुनकर विधानसभा में भेजने का निर्णय लिया है और किसे जनता ने पूरी तरह से नकार दिया है। मुजफ्फरनगर की छह विधानसभा सीटों की बात करें, तो यहां पर मुख्य मुकाबला भाजपा और गठबंधन प्रत्याशियों के बीच ही माना जा रहा है। जिला प्रशासन द्वारा जो मतदान की बूथवार सूची जारी की गई है, उसे देखने के लिए जहां भाजपाई बेचैन रहे, वहीं गठबंधन प्रत्याशी और उनके समर्थकों ने भी उक्त सूची को देखने के बाद अपने-अपने निष्कर्ष निकाले।

सभी जो आंकड़े पेश कर रहे हैं, उनके अनुसार उनके प्रत्याशी के समर्थन में अधिक वोट पडऩे का दावा किया जा रहा है। कोई किसी प्रत्याशी की जीत का दावा कर रहा है, तो कोई किसी प्रत्याशी को विजयश्री का ताज पहनाने की बात कर रहा है। सभी के अपने-अपने कयास हैं, अपने-अपने आंकड़े हैं, जिनके अनुसार वे बातें कर रहे हैं और अपने-अपने प्रत्याशियों का मनोबल भी बढ़ा रहे हैं। स्पष्ट स्थिति को 10 मार्च के बाद ही निकलकर सामने आयेगी। अब प्रत्याशियों का बस यही मन है कि शीघ्र ही दिन बीतें और 10 मार्च की तिथि आ जाये, जिसके बाद उन्हें अपनी हार-जीत की स्थिति का पता चले। 10 मार्च का सभी राजनीतिक दलों के प्रत्याशी बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं।

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