मंत्री की चिट्ठी पर बवाल - बोले दलित हूँ, इसलिये मेरे साथ है भेदभाव

मंत्री की चिट्ठी पर बवाल - बोले दलित हूँ, इसलिये मेरे साथ है भेदभाव

लखनऊ। उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार में जल शक्ति राज्यमंत्री दिनेश खटीक द्वारा विभागीय मंत्री एवं अधिकारियों की उपेक्षा से आहत होकर राजनीतिक हलकों में तैर रही उनके इस्तीफे की चर्चा अब वायरल हो रही चिट्ठी के जरिए सच साबित हो रही है। प्रदेश के जल शक्ति राज्य मंत्री दिनेश खटीक ने विभाग के अधिकारियों द्वारा कोई तवज्जो नहीं दिए जाने तथा दलितों को उचित मान-सम्मान नहीं दिए जाने तथा प्रधानमंत्री की नमामि गंगे तथा हर घर जल योजना के नियमों की अनदेखी से आहत होकर अपने पद से त्यागपत्र देने की बाबत एक चिटठी केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह को भेज दी है।


बुधवार को सोशल मीडिया पर वायरल हो रही प्रदेश सरकार के जल शक्ति राज्यमंत्री दिनेश खटीक की ओर से केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को भेजी गई चिट्ठी में लिखा गया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा तथा गृह मंत्री अमित शाह के अथक परिश्रम एवं कुशल नेतृत्व में दलितों और पिछड़ों को साथ लेकर चलने के कारण आज उत्तर प्रदेश में भाजपा सरकार का गठन हुआ है। दलित समाज से जुड़ा होने के कारण मुझे भी एक ईमानदार एवं स्वच्छ छवि वाले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में जल शक्ति विभाग में राज्य मंत्री नियुक्त किया गया है, जिससे पूरा दलित समाज भाजपा सरकार के प्रति पूरी तरह से उत्साहित एवं समर्पित है। परंतु जल शक्ति विभाग में दलित समाज का राज्य मंत्री होने के कारण मेरे किसी भी आदेश पर कोई कार्यवाही नहीं की जाती है और ना ही मुझे किसी बैठक आदि की सूचना दी जाती है। इतना ही नहीं विभाग में कौन-कौन सी योजनाएं वर्तमान में संचालित हैं तथा उस पर क्या कार्रवाई हो रही है इस बाबत भी कोई सूचना अधिकारियों द्वारा मुझे नहीं दी जाती है। जिसके कारण राज्यमंत्री को विभाग के बारे में कोई ठोस जानकारी नहीं हो पाती है। संबंधित विभाग के अधिकारी राज्यमंत्री को केवल गाड़ी उपलब्ध करा देना ही राज्य मंत्री का अधिकार समझते हैं और इतने से ही राज्य मंत्री के कर्तव्यों का निर्वहन हो जाना समझते हैं।

जल शक्ति राज्यमंत्री ने लिखा है कि मेरे विभाग में स्थानांतरण सत्र में बहुत बड़ा भ्रष्टाचार किया गया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की जीरो टॉलरेंस नीति को ध्यान में रखते हुए मेरे संज्ञान में आने पर इस विभाग में स्थानांतरित किए गए अधिकारियों के स्थानांतरण के संबंध में जब सूचना मांगी गई तो वह अभी तक भी उपलब्ध नहीं कराई गई है। विभागाध्यक्ष से दूरभाष पर वार्ता करके इस बाबत सूचना हेतु कहा गया फिर भी अभी तक सूचना हासिल नहीं हुई है।

प्रमुख सचिव सिंचाई अनिल गर्ग को इस स्थिति से अवगत कराना चाहा लेकिन उन्होंने मेरी पूरी बात सुने बगैर ही मेरा टेलीफोन काट दिया जो कि एक जनप्रतिनिधि का अपमान है। जल शक्ति राज्य मंत्री ने कहा है कि मैं दलित जाति का मंत्री हूं, इसलिए इस विभाग में मेरे साथ बहुत ज्यादा भेदभाव किया जा रहा है। मुझे विभाग में अभी तक कोई अधिकार नहीं दिया गया है और मेरे पत्रों का जवाब भी नहीं दिया जाता है। मेरे द्वारा लिखे गए पत्रों पर कोई कार्यवाही नहीं की जाती है।

जल शक्ति राज्यमंत्री ने लिखा है कि विभाग में जब दलित समाज के राज्य मंत्री का कोई अस्तित्व ही नहीं है तो फिर ऐसी स्थिति में राज्य मंत्री के तौर पर मेरा कार्य करना दलित समाज के लिए बेकार है। इन्हीं सब बातों से आहत होकर मैं अपने पत्र से त्यागपत्र दे रहा हूं।

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