भैंसा बुग्गी में सवार होकर पहुंचे रालोद कार्यकर्ता-महंगाई पर किया हंगामा
खतौली। राष्ट्रीय लोकदल के हाईकमान के आह्वान पर हाथों में सिलेंडर और घड़े लेकर भैंसा बुग्गी पर सवार होते हुए खतौली में तहसील मुख्यालय पहुंचे रालोद कार्यकर्ताओं ने जोरदार प्रदर्शन किया और अच्छे दिनों के रूप में दिनोंदिन बढ़ रही महंगाई को लेकर हाहाकार मचाया। अधिकारियों को राष्ट्रपति के नाम संबोधित पत्र सौंपकर रालोद की ओर से महंगाई को नियंत्रित किए जाने की मांग की गई।
शनिवार को राष्ट्रीय लोकदल के प्रदेशीय प्रवक्ता अभिषेक गुर्जर के साथ अनेक पार्टी कार्यकर्ता देश में दिनोंदिन बढ़ रही महंगाई का अनोखा विरोध करते हुए तहसील मुख्यालय पर पहुंचे। अपनी बाइक को भैंसा बुग्गी में रखने के बाद उसके ऊपर बैठे रालोद पदाधिकारी हाथों में सिलेंडर व घड़े लिए कार्यकर्ताओं के साथ तहसील में पहुंचे और महंगाई को लेकर जमकर हंगामा किया। इस दौरान रालोद प्रवक्ता अभिषेक गुर्जर ने कहा कि वर्ष 2014 के दौरान जब भाजपा सत्ता में आई थी तो उस समय 55 प्रति लीटर के हिसाब से देशवासियों को डीजल मिल रहा था, लेकिन 7 साल के भीतर ही डीजल के दाम दोगुने के करीब यानी 90 रूपये प्रति लीटर से भी अधिक जा पहुंचे हैं। इसी तरह अच्छे दिन लाने की बात कहने वाली भाजपा सरकार ने 500 रूपये से भी कम कीमत पर मिलने वाले गैस सिलेंडरों की कीमत 900 रूपये और पेट्रोल की 100 रूपये से भी अधिक पहुंचा दी है। 200 रूपये प्रति लीटर तक जा पहुंचा खाद्य तेलों के दाम आसमान छू रहे हैं। जिससे रसोई घर में खाद्य तेल की कमी उत्पन्न होने के साथ-साथ अन्य आवश्यक चीजों के दामों में वृद्धि से लोगों में हाहाकार मचा हुआ है। कोरोना की मार से अभी तक नहीं उभरे लोगों को महंगाई से निजात दिलाने की बजाय सरकार इधर-उधर की बातों पर ध्यान दे रही है। पकोड़े तलने की सलाह देने वाली मोदी सरकार के राज में देश का आम आदमी खाद्य तेलों के दाम बढ़ने पर पकोड़े तलने से भी लाचार हो गया है। धरना प्रदर्शन में गैस सिलेंडर के साथ महिलाओं ने भी बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया और जोरदार नारेबाजी करते हुए महंगाई को लेकर अपना विरोध जताया। रालोद कार्यकर्ताओं को अनोखे ढंग से प्रदर्शन करते हुए देखकर तहसील में अपने काम धंधे के सिलसिले में आए लोगों ने भी महंगाई को लेकर सरकार के प्रति गहरी नाराजगी जताई। धरना प्रदर्शन के दौरान रालोद की ओर से अधिकारियों को राष्ट्रपति के नाम संबोधित ज्ञापन दिया गया। जिसमें महंगाई को नियंत्रित कर युवाओं को रोजगार देने, किसानों के बकाए का भुगतान कराने और अन्य कई समस्याओं के निदान की मांग की गई है।