BJP के साथ जा रहे RLD अध्यक्ष- जयंत चौधरी ने कही ऐसी बड़ी बात

BJP के साथ जा रहे RLD अध्यक्ष- जयंत चौधरी ने कही ऐसी बड़ी बात

बागपत। उत्तर प्रदेश में राष्ट्रीय लोकदल के भारतीय जनता पार्टी के साथ जाने के लगाए जा रहे कयासों के बीच पार्टी सुप्रीमो चौधरी जयंत सिंह के बयान ने अटकलों पर विराम लगा दिया है। चौधरी जयंत सिंह ने कहा है कि मैं सत्ता के साथ जाने वाला नहीं हूं और मैं विपक्ष में रहकर ही बीजेपी के दांत खट्टे किए रहूंगा।

सोमवार को बागपत पहुंचे राष्ट्रीय लोकदल के अध्यक्ष चौधरी जयंत सिंह ने अपने बीजेपी में जाने की खबरों का खंडन करते हुए कहा है कि बीजेपी या उसके मंत्री के बोलने से कुछ नहीं होता है क्योंकि यह लोग बोलने के अलावा धरातल कोई काम नहीं करते हैं। सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर के बयान को बेतुका बताते हुए चौधरी जयंत सिंह ने कहा है कि राजभर के बयान का कोई मतलब नहीं होता है। भारतीय जनता पार्टी में जाने की संभावनाओं को सिरे से नकारते हुए आरएलडी मुखिया ने कहा है कि वह विपक्ष में ही रहेंगे और यहीं से बीजेपी और उनकी सरकार को हडकाते रहेंगे।


राष्ट्रीय लोकदल के अध्यक्ष चौधरी जयंत सिंह ने कहा है कि वह विपक्षी दलों की अगली बैठक में जरूर शामिल होंगे। समान नागरिक संहिता बिल पर बोलते हुए जयंत चौधरी ने कहा है कि अभी उन्हें इसका स्वरूप मालूम नहीं है, इसलिए यूसीसी पर अभी से चर्चा करना ठीक नहीं है। उन्होंने कहा कि आधुनिक भारत में सभी के अधिकार समान होने चाहिए। महिला पुरुष सभी को समानता का अधिकार मिलना चाहिए। अब सरकार उस काम को कैसे करती है यह एक अलग विषय है।

महाराष्ट्र में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के भीतर हुई टूट-फूट पर बोलते हुए जयंत चौधरी ने कहा है कि भारत की राजनीति में यह चीजें पहली बार नहीं हुई है। अब 2024 के लोकसभा चुनाव में मतदाता इन बातों पर फैसला करेंगे कि यह टूट फूट सही थी या गलत। उत्तर प्रदेश की कानून व्यवस्था पर कटाक्ष करते हुए चौधरी जयंत सिंह ने कहा है कि आजाद समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चंद्रशेखर आजाद के ऊपर हुआ हमला यूपी में जंगलराज का बड़ा उदाहरण है। लोगों को इस तरह की नफरत से बचना चाहिए जिसमें राजनेताओं को हम लेकर निशाना बनाया जाता हो।

जयंत चौधरी ने कहा है कि वर्ष 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव क्षेत्र और विकास के लिए नया सवेरा होगा। उन्होंने कहा कि राजनीति में तोड़फोड़ होती रहती है और पार्टियां बदलने के साथ दलों के नाम भी बदल जाते हैं जो लोग नेता के साथ रहते हैं वह उनके फैसले पर भी साथ ही रहेंगे और उनके इरादों को अधिक मजबूत करेंगे।

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