प्रत्याशी और नेता के संस्कार- सभी को हाथ जोड़कर नमस्कार- जनता में वाह वाह
मुजफ्फरनगर। यह जगजाहिर है कि चुनावी माहौल है और सभी प्रत्याशी जनता के बीच जा रहे हैं। तकरीबन मुजफ्फरनगर के नगर पालिका परिषद पद के प्रत्याशी के चुनावी दफ्तरों को भी उद्घाटन हो चुका है। गठबंधन प्रत्याशी के मुख्य कार्यालय का उद्घाटन हुआ तो एक बात अलग ही देखने को मिली, वो बात है गठबंधन प्रत्याशी और उनके पति का व्यवहार। वरिष्ठ सपा नेता राकेश शर्मा के कुशल व्यवहार को लेकर जनता तारीफ करती है, वहीं अब उनकी पत्नि के व्यवहार की भी ऐसे ही प्रशंसा हो रही है। जनता का कहना है कि राकेश शर्मा वो नेता है, प्रोग्राम में चाहे कितनी व्यस्ता हो लेकिन वह महसूस नहीं होने देते। सभी से उनका हाल चाल जानते हैं, जो बात बहुत ही कम नेताओं में देखने को मिलती है। प्रोग्राम में ही नहीं बल्कि आम दिनों में भी वरिष्ठ सपा नेता राकेश शर्मा का व्यवहार ऐसे ही रहता है।
गौरतलब है कि गठबंधन प्रत्याशी लवली शर्मा के मुख्य कार्यालय का विगत दिवस उद्घाटन किया गया। इस उद्घाटन के दौरान मुजफ्फरनगर के धुरधंर नेताओं की भीड़ दिखाई दी तो वहीं सपा का छोटे से छोटा पदाधिकारी एवं कार्याकर्ता भी मुख्य कार्यालय पर मौजूद दिखाई दिये। कार्यकर्ता के अलावा वहां सर्वसमाज से बहुत लोग भी नजर आये, जो गठबंधन प्रत्याशी से लगाव की वजह से वहां पर कई घंटों तक मौजूद रहे। इस दौरान दिखाई दिया कि कार्यक्रम के शुरूआत से ही गठबंधन प्रत्याशी लवली शर्मा के पति वरिष्ठ सपा नेता राकेश शर्मा वहां पर मौजूद बुजुर्गों को हाथ जोड़कर बार-बार नमस्कार करते हुए उनका आर्शीवाद ले रहे थे, वहीं अन्य लोगों के पास भी जाकर वह उनका हाल चाल जान रहे थे।
अक्सर कार्यक्रमों में देखा जाता है कि नेता अपने छोटे से ही प्रोग्राम में इतना व्यस्त रहता है कि वह किसी का हाल नहीं जानता और उसे इतना भी ध्यान नहीं रहता है कि उसके प्रोग्राम में कौन-कौन आया है? मंच पर बैठा हुआ ही हाल हिला देता है और उसका काम समाप्त हो जाता है। लेकिन राकेश शर्मा भी चाहते तो शुरूआत से ही आराम से मंच बैठ सकते थे लेकिन उनकी आदत ने उन्हें बैठने नहीं दिया और हमेशा की तरह ही वह मौजूदा लोगों का हाल जानते रहे। जब वरिष्ठ सपा नेता राकेश शर्मा की पत्नि लवली शर्मा कार्यालय पर पहुंची तो उन्होंने गाड़ी से उतरते ही हाथ जोड़ते हुए सभी को नमस्कार करते हुए मंच पर पहुंची। गठबंधन प्रत्याशी लवली शर्मा और वरिष्ठ सपा नेता राकेश शर्मा ने अपने व्यवहार से वहां के लोगों से प्रशंसा बटोरने का काम किया।
बताया जाता है कि जनसम्पर्क के दौरान गठबंधन प्रत्याशी लवली शर्मा को कोई अपने से बड़ा नजर आता है, चाहे वह छत पर ही क्यों ना, उसे हाथ जोड़कर नमस्कर करती है। वहीं गठबंधन प्रत्याशी के पति राकेश शर्मा भी जनसम्पर्क कर रहे हैं और वोट मांग रहे हैं। दोनों पति और पत्नि के संस्कार को देखकर जनता कह रही है, नेता हो तो ऐसा।
वरिष्ठ सपा नेता राकेश शर्मा का कहना है कि सभी जाति के लोग, चाहे कोई भी जाति हो, सभी लोग मेरे परिवार के लोग हैं। मेरा परिवार बहुत बड़ा है, मुझे कमजोर नहीं होने देगा और विपक्षियों से डटकर मुकाबला कर अपना परचम लहरायेगा। राकेश शर्मा का कहना है कि वह छात्र राजनीति से ही पके पकाए है, वह हर चुनौती से मुकाबला करना जानते हैं। उन्होंने कहा कि वह दिमाग से बात नहीं करते, वह दिल से बात करते हैं। उन्होंने कहा कि मेरा कुछ बनने का मन नही है, मेरा कुछ करने का मन है। उनका कहना है कि चुनाव जीतने के बाद वह मुजफ्फरनगर नगर पालिका परिषद में चहुंमुखी विकास कराना चाहते हैं।
गठबंधन प्रत्याशी लवली शर्मा का कहना है कि वह भी अपने पति राकेश शर्मा की तरह निडर है। उन्होंने कहा कि मै झूठ नहीं बोलती अगर मैं चुनाव जीत जाती हूं तो किसी को निराश नहीं होने दूंगी। उन्होंने कहा कि मुझे किसी से डर नहीं लगता, मैं डटकर मुकाबला करूंगी। उनका कहना है कि मुझे जनता का बहुत प्यार मिल रहा है।
पहले भी देखने को मिला था कुछ ऐसा ही नजारा
मुजफ्फरनगर नगर पालिका परिषद से निवास करने वाले वरिष्ठ सपा नेता राकेश शर्मा द्वारा विधानसभा चुनाव से पहले 19 सितम्बर को जीआईसी मैदान में ब्राहमण सम्मेलन किया गया था। इस सम्मेलन में पंडाल खचाखच भरा हुआ दिखाई दिया था। ब्राहमण सम्मेलन में यह भीड़ यूं ही नहीं देखने को मिली थी क्योंकि उनका व्यवहार ही कुछ ऐसा है। इस नेता की खास बात यह है कि काफी भीड़ होने के बाद राकेश शर्मा सबको पहचान रहे थे और उनका हालचाल पूछ रहे थे। अक्सर सम्मेलन में देखा गया था कि राकेश शर्मा नाम से लोगों को पुकार रहे थे। अगर अन्य नेताओं की बात की जाये, तो नेता अपने प्रोग्राम में इतने व्यस्त होते हैं कि बस दूर-दूर से ही हाथ हिलाकर निकल जाते हैं और उन्हें आई हुई जनता का नाम नहीं पता होता है। लेकिन कुछ नेता ऐसे भी होते हैं चाहे भीड़ कितनी ही हो वह एक दम दूर से पूरी पब्लिक को जानते हैं। ऐसे नेताओं में राकेश शर्मा का भी नाम लिया जा सकता है। अपने क्षेत्र की जनता के नाम वो ही जानता होगा जो निरंतर उनके सम्पर्क में रहते हुए वार्तालाप करता रहता होगा। पब्लिक भी ऐसा ही नेता चाहती है जो उन्हें नाम से जाने और उनके बीच रहकर कार्य कर सके। ब्राहमण समाज की रिकॉर्ड-तोड़ भीड़ की सफलता ने राकेश शर्मा का कद और ऊंचा कर दिया था। मानें तो विधायक और एमपी न रहते हुए भी उनके सम्मेलन में एक विधायक और एमपी के प्रोग्राम से भीड़ अधिक थी।