कोरोना का कहर-नियम टूटे तो रद्द होगी रैली, अधिकारियों का होगा यह हाल
नई दिल्ली। चुनाव आयोग पश्चिम बंगाल में पिछले साल हुए विधानसभा चुनाव के दौरान नियमों को लेकर की गई ढिलाई के चलते हुई आलोचना को इस बार झेलने के लिए कतई मूड में नहीं है। चुनाव चुनाव आयोग की ओर से की गई इस बार तैयारियों के तहत अगर किसी भी राजनीतिक रैली में कोविड-19 नियमों का उल्लंघन होता है तो उसे तत्काल रद्द कर दिया जाएगा। इसके अलावा संबंधित अधिकारियों को लापरवाही बरतने के आरोपों में सस्पेंड भी किया जाएगा।
दरअसल इस साल उत्तर प्रदेश, पंजाब, उत्तराखंड एवं गोवा समेत पांच राज्यों के भीतर विधानसभा के लिए चुनाव होने हैं। चुनाव आयोग की ओर से इन राज्यों के भीतर अपनी तैयारियां शुरू कर रखी है। चुनाव को लेकर आयोग ने गृह मंत्रालय से कहा है कि यदि राजनीतिक रैलियों में कहीं भी किसी भी तरह के कोविड-19 नियमों का उल्लंघन होता है तो फिर नेशनल एंड स्टेट डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट के तहत अधिकारियों की जवाबदेही तय की जाए। उधर स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से चुनाव आयोग को बताया गया है कि उत्तर प्रदेश समेत सभी चुनावी राज्यों के भीतर फिलहाल कोरोना की स्थिति नियंत्रण के भीतर है। लेकिन कोविड-19 के नियमों का पालन किया जाना अत्यंत जरूरी है। उल्लेखनीय है कि अभी तक उत्तर प्रदेश में कोरोना के नए वेरिएंट ओमिक्रॉन के 31 केस ही मिले हैं। जबकि उत्तराखंड में 8, गोवा में 5 और पंजाब के भीतर 2 मामले ही मिले हैं। उत्तर प्रदेश में पॉजिटिविटी रेट भी फिलहाल 0.24 फ़ीसदी ही है। जबकि उत्तराखंड में 1.01 फ़ीसदी है। मणिपुर में भी कोरोना का पॉजिटिविटी रेट 1 प्रतिशत के आसपास है, जबकि पंजाब में आंकड़ा 2 फीसदी से ज्यादा है। इतना ही नहीं उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश और गोवा के भीतर वैक्सीनेशन की गति भी ठीक है।