बजट पर बोले राकेश टिकैत- कर्ज की नहीं राहत की होनी चाहिए थी बात
मुजफ्फरनगर। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा संसद में पेश किए गए बजट के दौरान कृषि ऋण लक्ष्य को बढ़ाकर 20 लाख करोड़ रुपए किए जाने पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता चौधरी राकेश टिकैत ने कहा है कि बजट में किसानों को कर्ज की नहीं बल्कि राहत देने की बात होनी चाहिए थी।
बुधवार को जिला मुख्यालय पर राजकीय इंटर कॉलेज के मैदान पर भारतीय किसान यूनियन के आंदोलन का नेतृत्व कर रहे चौधरी राकेश टिकैत ने कहां है कि केंद्रीय वित्त मंत्री द्वारा संसद में पेश किया गया बजट पूरी तरह से निराशाजनक है।
भाकियू प्रवक्ता ने केंद्रीय वित्त मंत्री द्वारा कृषि ऋण लक्ष्य को बढ़ाकर 20 लाख करोड़ रुपए किए जाने के ऐलान पर कहा है कि किसानों को केंद्र सरकार कर्ज देने की बात कर रही है। जबकि किसानों को राहत देने की बात की जानी चाहिए थी।
उन्होंने कहा है कि नए बजट से आने वाले समय में लैंड बैंक बनेंगे जिसके चलते किसानों की भूमि पर कब्जा कर लिया जाएगा। भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता ने कहा है कि सरकार की ओर से दिए जाने वाले कर्ज के बोझ तले किसान आत्महत्या जैसे आत्मघाती कदम उठाने की ओर अग्रसर होंगे।