बोले राहुल और खडगे- नफरती विचारधारा के विरुद्ध है हमारी लड़ाई
सांगली। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खडगे तथा पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने भारतीय जनता पार्टी(भाजपा) पर देश में नफरत फैलाने का आरोप लगाते हुए कहा है कि भाजपा की इसी सोच के खिलाफ कांग्रेस आज लड़ रही है जबकि पहले यही लड़ाई छत्रपति शिवाजी महाराज, शाहूजी महाराज, महात्मा फुले तथा अन्य लोगों ने लड़ी है।
राहुल गांधी गुरुवार को यहां एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि पिछले दिनों महाराष्ट्र में छत्रपति शिवाजी की मूर्ति तोड़ी गई और इसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने माफी मांगी है तो उन्हें बताना चाहिए कि मूर्ति किसने तोड़ी और उन्होंने माफी क्यों मांगी है।
उन्होंने कहा “महाराष्ट्र एक प्रगतिशील प्रदेश है। यहां अलग-अलग लोगों ने काम किया और जनता को एकसाथ लेकर चले। उन सभी ने महाराष्ट्र को रास्ता दिखाया है। छत्रपति शिवाजी महाराज, शाहू जी महाराज, फुले जी समेत कई लोगों ने महाराष्ट्र के साथ-साथ पूरे देश को जीने का तरीका दिया, प्रगति और प्रेरणा दी। देश के कोने-कोने में भाजपा नफरत फैला रही है। ये नयी चीज नहीं है, ये सदियों से यही कर रहे हैं। विचारधारा की यह लड़ाई पुरानी है। आज ये लड़ाई भाजपा और कांग्रेस के बीच है। इससे पहले यही लड़ाई शिवाजी महाराज और फुले जी ने लड़ी थी। अगर आप छत्रपति शिवाजी महाराज, शाहू जी महाराज, फुले जी, आंबेडकर जी को पढ़ेंगे तो पता चलेगा कि इन सभी की विचारधारा और कांग्रेस की विचारधारा एक जैसी है।”
उन्होंने कहा “यहां कुछ दिन पहले छत्रपति शिवाजी महाराज की मूर्ति टूट गई। इसके बाद श्री मोदी जी ने कहा- 'मैं शिवाजी महाराज से माफी मांगता हूं।'माफी मांगने के अलग-अलग कारण हो सकते हैं-इस मूर्ति का कान्ट्रैक्ट आरएसएस के किसी व्यक्ति को दिया गया हो, या शायद प्रधानमंत्री कह रहे हों कि मुझे इसका कान्ट्रैक्ट मेरिट पर देना चाहिए था। मूर्ति के बनने में भ्रष्टाचार हुआ हो या शायद प्रधानमंत्री इसके लिए माफी मांग रहे हैं। आपने छत्रपति शिवाजी महाराज की मूर्ति बनाई लेकिन ये ध्यान नहीं दिया कि वो खड़ी रहे।”
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खडगे ने कहा “मैं छत्रपति शिवाजी महाराज, छत्रपति शाहूजी महाराज की इस धरती को नमन करता हूँ। लोकमान्य तिलक, महात्मा फुले, सावित्री बाई फुले और बाबासाहेब डॉ अंबेडकर जैसे कई विचारकों और समाज सुधारकों ने इस देश की विचारधारा पर अमिट छाप छोड़ी। इसी धरती के सपूत और कांग्रेस पार्टी के नेता पूर्व उप प्रधानमंत्री,वाई बी चव्हाण साहब, वसंत दादा पाटिल, समेत सभी प्रमुख नेताओं के योगदान को भी हम नहीं भूल सकते।महाराष्ट्र में शिक्षा की रोशनी फैलाने का काम, चेतना जगाने का काम, फुले-अंबेडकर की विचारधारा ने किया।'
उन्होंने डॉ पतंगराव कदम को याद करते हुए कहा “थोड़ी देर पहले हमने डॉ पतंगराव कदम जी की मूर्ति का लोकार्पण किया और उनकी याद में बना संग्रहालय भी समर्पित किया। पतंगराव जी शून्य से शिखर तक पहुँचे थे। उनका जीवन एक साधारण शिक्षक की सफलता की कहानी है। यह आम लोगों के लिए प्रेरणाश्रोत है। एक गरीब किसान परिवार में पैदा होकर मेहनत और विजन के बूते उन्होंने शानदार काम किए। 19 साल की उम्र में गाँव के बच्चों को शिक्षा देने के लिए 1964 में भारती विद्यापीठ स्थापित किया। लंबे समय तक शिक्षक के रूप में काम किया। चार दशकों तक उन्होंने महाराष्ट्र में शिक्षा, सिंचाई, सहकारिता, बैंकिंग, ग्रामीण विकास, औद्योगिक विकास में सफलताएँ हासिल की। सहकारिता आंदोलन में भारतीय सहकारी बैंक, शुगर फैक्ट्री, कताई मिल खोली। इससे क्षेत्र का विकास हुआ और रोजगार मिला। उन्होंने जो वृक्ष लगाए वे आज विशाल हो चुका है।”
कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा “आज शिक्षक दिवस है । इस मौक़े पर मुझे महात्मा ज्योतिबा फुले की पंक्तियाँ याद आती है.. 'विद्ये विना मती गेली।मति विना नीती गेली। नीति विना गती गेली।गति विना वित्त गेले। वित्ता विना शूद्र खचले।इतके अनर्थ एका अविद्येने केले।'
वार्ता