संसदीय समिति ने छोटे कारोबारियों को बड़ा राहत पैकेज देने की सिफारिश

संसदीय समिति ने छोटे कारोबारियों को बड़ा राहत पैकेज देने की सिफारिश

नई दिल्ली। संसद की एक विभागीय समिति ने सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योग श्रेणी के उद्योगों के लिए सरकार के घोषित राहत पैकेज को अपर्याप्त बताते हुए कहा है कि यह निचले स्तर तक नहीं पहुंचा है। समिति ने कहा है कि छोटी कारोबारियों को व्यापक आर्थिक पैकेज दिया जाना चाहिए जिससे मांग, निर्यात, निवेश और रोजगार में वृद्धि हो सके।

राज्यसभा में मंगलवार को पेश उद्योग से संबंधित एक विभागीय संसदीय समिति की रिपोर्ट ' सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग क्षेत्र पर कोविड -19 महामारी का प्रभाव तथा इसके नियंत्रण के लिये अपनायी गयी नीति' में कहा गया है कि कोविड महामारी ने देश की अर्थव्यवस्था को बुरी तरह से प्रभावित किया है। देश का छोटा कारोबरी बदहाली में है और बड़े आर्थिक संकट का सामना कर रहा है।

समिति के अनुसार सरकार ने छोटे उद्योग क्षेत्र के लिए जो उपाय किये हैं, वे अपर्याप्त हैं। ये ऋण उपलब्ध कराते हैं और दीर्घकालिक है जबकि छोटे उद्योगों को तात्कालिक उपायों की जरूरत है।

जारी.वार्ता

रिपोर्ट के अनुसार छोटे उद्योगों को तत्काल राहत देने के लिए सरकार के एक बड़े और व्यापक आर्थिक पैकेज की घोषणा करनी चाहिए जिससे मांग, निवेश, निर्यात और रोजगार सृजन को बढ़ावा मिल सके। समिति ने कहा है कि यह आर्थिक पैकेज तुरंत जारी होना चाहिए।

समिति ने छोटे उद्योगों की बदहाली पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा है कि सरकार की योजनायें बड़े और मध्यम स्तर के उद्योगों को ध्यान में रखकर बनायी जाती है जिससे छोटे उद्योगों की उपेक्षा हो जाती है। छोटे उद्योग अक्सर सरकारी सहायता से वंचित रह जाते हैं और कार्यशील पूंजी की तंगी से जूझते हैं। इसलिये इन उद्योगों को लंबे समय तक कार्यशील पूंजी उपलब्ध कराने की व्यवस्था होनी चाहिए।

समिति ने कहा है कि कोविड-19 के दौरान छोटे उद्योगों के लिए पूंजी के अलावा कच्चे माल की उपलब्धता सबसे बड़ी समस्या रही है। बड़े कारोबारी जमाखोरी कर रहे हैं जिससे कच्चे माल के दाम बहुत बढ़ गए हैं। सरकार को ऐसी व्यवस्था करनी चाहिए जिससे छोटे उद्योगों को कच्चे माल की उपलब्धता बनी रहे।

वार्ता

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