CBI-ED निदेशकों के कार्यकाल पर अध्यादेश सत्ता का दुरुपयोग : कांग्रेस
नई दिल्ली। कांग्रेस ने जांच एजेंसी केंद्रीय जांच ब्यूरो-सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय-ईडी के निदेशकों का कार्यकाल बढ़ाने के लिए अध्यादेश लाने के सरकार के कदम की आलोचना करते हुए इसे सत्ता का दुरुपयोग करार दिया है।
कांग्रेस प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने सोमवार को यहां पार्टी मुख्यालय में संवाददाता सम्मेलन में कहा कि मोदी सरकार ने सीबीआई और ईडी निदेशक का कार्यकाल बढाने के लिए अध्यादेश लाकर उनके अधिकार क्षेत्र को नियंत्रित करने का काम किया है। उनका कहना था कि अध्यादेश के जरिए निदेशकों का कार्यकाल पांच साल निश्चित करने की बजाय उसे दो साल ही रखा है और शेष कार्यकाल को बढ़ाने का प्रावधान अपने पास रखा है।
उन्होंने कहा कि इससे साफ हो गया है कि सरकार की मंशा अधिकारियों पर दबाव बनाए रखने की है और उनको इस तरह से नियंत्रित करने का प्रयास किया जाएगा कि यदि वे सरकार के इशारे पर काम नहीं करते हैं तो उनका सेवा विस्तार नहीं किया जाएगा। इस तरह से यदि निदेशक सरकार की हां पर हां मिलाने में असमर्थ रहते हैं तो उनका सेवा विस्तार रोक उन्हें हटा दिया जाएगा।
प्रवक्ता ने कहा कि इन अध्यादेशों के जरिए इस सरकार ने संसदीय व्यवस्था का भी मजाक उड़ाया है। उनका कहना था कि संसद सत्र शुरु होने से महज 15 दिन पहले अध्यादेश लाकर संसदीय परंपरा की शुचिता को भी नुकसान पहुंचाने का काम हुआ है। संसद का शीतकालीन सत्र शुरु होने के लिए एक पखवाड़े से कम का समय बचा है तो ऐसी क्या जल्दबाजी थी कि सरकार को अध्यादेश लाना पड़ा।
उन्होंने कहा कि सीबीआई और ईडी के निदेशकों के कार्यकाल को बढाने के लिए सरकार ने जिस तरह से कदम उठाए हैं वह लोकतांत्रिक परंपरा के खिलाफ है और पूरी तरह से सत्ता का दुरुपयोग है। उनका कहना था कि सरकार का यह कदम जनहित में नहीं बल्कि अपने फायदे के लिए और खुद के राजनीतिक हितों को साधने वाला है।
वार्ता