सचिन अग्रवाल के सम्बोधन से मुलायम हुए थे प्रभावित- दिया था अतिरिक्त समय
मुजफ्फरनगर। व्यापारियों की समस्या को प्रमुखता के साथ उठाते हुए पार्टी के संरक्षक मुलायम सिंह यादव व अन्य नेताओं के माध्यम से हल कराने वाले सपा जिला कोषाध्यक्ष सचिन अग्रवाल आज भी अपनी पार्टी को सर्वसमाज का हितैषी मानते हैं और वह लगातार पार्टी से जुड़े रहकर आगे भी सरकार आने पर व्यापारियों की समस्याओं के निदान के मंसूबे पाले हुए है। जनपदभर में सचिन पटाखा के नाम से विख्यात हो चुके समाजवादी पार्टी के जिला कोषाध्यक्ष सचिन अग्रवाल राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री एवं मौजूदा समय में समाजवादी पार्टी के संरक्षक मुलायम सिंह यादव के माध्यम से जनपद के ही नहीं बल्कि प्रदेश के अन्य जनपदों व्यापारियों की समस्याओं को समाधान करा चुके हैं। जनपद में दवा कारोबारी की हत्या का मामला उन्होंने ही उठाते हुए आरोपियों को जेल भिजवाने में अपनी प्रमुख भूमिका निभाई थी। यह सचिन अग्रवाल की वाकपटुता ही थी कि मंच पर व्यापारियों की समस्याओं को उठाते समय मुलायम सिंह यादव की और से उन्हें बोलने का अतिरिक्त समय दिया गया था। उनके सम्बोधन सुनकर सपा संरक्षक पूरी तरह से प्रभावित हुए थे।
सपा जिला कोषाध्यक्ष सचिन अग्रवाल ने खोजी न्यूज से बताते हुए कहा कि सपा कार्यालय पर सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव की मौजूदगी में आयोजित मीटिंग हुई थी। इस दौरान सचिन अग्रवाल ने अपने सम्बोधन में कहा था कि सपा जिलाध्यक्ष प्रमोद त्यागी के नेतृत्व में जिले में सपा का संगठन अपने संघर्ष और सक्रिय के बलबूते यूपी के मजबूत जिलों में अपनी पहचान बनाये हुए है। इस दौरान सचिन अग्रवाल ने वैश्य समाज व्यापारी समाज के मुद्दों को भी प्रमुखता से उठाए। उन्होंने कहा कि जब सपा सरकार थी तो वैश्य समाज उनकी नीतियों से प्रसन्न था। उन्होंने कहा कि आज देश और प्रदेश में भाजपा की सरकार को व्यापारी समाज की बताई जाती है लेकिन इस सरकार में व्यापारी अपने-आप को ठगा से महसूस कर रहा है। उन्होंने कहा कि टैक्स बढ़ रहा है और देश-प्रदेश में पेट्रोल-डीजल, रसोई गैस के दाम आसमान छू रहे हैं यह बीजेपी की सबसे बड़ी विफलता है।
सपा जिला कोषाध्यक्ष सचिन अग्रवाल ने कहा कि सपा सरकार में चुंगी कर हटाया गया था और व्यापारी समाज के प्रति सोच रखने वाले नेता सिर्फ अखिलेश यादव ही हैं। उन्होंने कहा कि अखिलेश यादव ने व्यापारियों को व्यापारी बीमा योजना की सौगात दी थी। इसी बीच मुलायम सिंह यादव ने सचिन अग्रवाल को रोकते हुए कहा कि व्यापारी इस देश की रीढ़ की हड्डी है। एक व्यापारी ही है, जिसके टैक्स द्वारा यह सरकार चलती है। तब तक हमारी सरकार बनी तो हमने व्यापारियों का सम्मान किया। इसके बाद सचिन अग्रवाल को मुलायम सिंह यादव ने 7 मिनट और सम्बोधन के लिये दिये। लेकिन सचिन अग्रवाल ने 5 मिनट में ही जनता तक अपनी बात पहुंचा दी थी।
सपा जिला कोषाध्यक्ष सचिन अग्रवाल कहते हैं कि इस भाजपा सरकार में व्यापारी सुरक्षित नहीं है। प्रदेश के जनपद कानपुर में मनीष गुप्ता की हत्या हो गई। उन्होंने कहा कि पीड़ित परिवारों से मिलने के लिये अखिलेश यादव कानपुर पहुंचे। अखिलेश यादव ने मनीष गुप्ता की पत्नी मीनाक्षी गुप्ता से मुलाकात कर उन्हें 20 लाख रूपये की आर्थिक सहायता प्रदान की। इससे ही पता चलता है कि अखिलेश यादव व्यापारियों के प्रति कितना लगाव रखते हैं।
सपा जिला कोषाध्यक्ष सचिन अग्रवाल ने कहा कि दवा व्यापारी अनुज कर्णवाल हत्याकांड में कई दिन बीत जाने के पश्चात भी खुलासा नहीं हुआ था। इस पर सपा के जिला कोषाध्यक्ष सचिन अग्रवाल ने कदम उठाते हुए प्रदर्शन करने का कार्य प्रांरभ किया था। इस प्रदर्शन के लिये उन्होंने सपा के वरिष्ठ नेताओं समेत सैंकड़ों कार्यकर्ताओं को महावीर चौक स्थित सपा कार्यालय पर इकट्ठा किया था। सपा कार्यालय से कलेक्ट्रेट स्थित जिलाधिकारी दफ्तर तक सपा नेताओं ने पैदल मार्च की घोषणा की थी। इस दौरान पुलिस बल को महावीर चौक पर तैनात कर दिया गया था। सपा व्यापार सभा के प्रदेश अध्यक्ष संजय गर्ग इस प्रदर्शन के मुख्य अतिथि थे। उन्होंने सभी कार्यकर्ताओं के साथ प्रदेश सरकार के विरूद्ध नारेबाजी करते हुए डीएम दफ्तर जाने के लिये सड़क की तरफ पहुंचे तो तैनात पुलिस बल ने सपा के इस काफिले को लाठी के दम पर वहीं रोकने की कार्यवाही प्रारंभ कर दी थी। इस दौरान पुलिस बल और सपा नेताओं में काफी नौंक-झोंक हुई थी।
सपा जिला कोषाध्यक्ष सचिन अग्रवाल सहित कार्यकर्ताओं ने पुलिस के जबरन रोकने पर वहीं हंगामा स्टार्ट कर दिया था। उन्होंने कहा था कि अगर उन्हें ज्ञापन देने से जाने के लिये रोका गया तो पुलिस प्रशासन के विरूद्ध आंदोलन किया जायेगा। इसके पश्चात पुलिस अफसरों संग सपा नेताओं की वार्ता हुई थी और एक प्रतिनिधिमंडल को कलेक्ट्रेट ले जाने की बात पर सहमति बनी थी। पुलिस की कार्यवाही का निरंतर नारेबाजी कर विरोध कर रहे जिला कोषाध्यक्ष सचिन अग्रवाल सहित कई कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार कर पुलिस लाइन भेज दिया गया था। उनके काफी संधर्ष के बाद इस हत्याकांड का खुलासा 12 से 13 दिन में हो गया था और हत्यारोपी को उनके अंजाम तक पुलिस ने पहुंचा दिया था।