मोमता दीदी- ये कैसा खेला होबे
कोलकाता। सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के नेता कह रहे हैं- तृणमूल छाड़ा जेनो अन्य केओ वोट दिते ना पाड़े. केंद्रीय वाहिनी थाकबे बूथे, माठे थाकबो आमरा. खेला होबे! भयंकर खेला होबे।
विधानसभा चुनाव से पहले पश्चिम बंगाल में नेताओं की बयानबाजी और आरोपों को देखकर डर लगने लगा है। सत्तारूढ तृणमूल कांग्रेस के नेता ही एक अजीब से खेल की बात कह रहे हैं। हालांकि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी की पत्नी और साली को सीबीआई ने पूछताछ के लिए यूं ही नहीं बुलाया था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी पश्चिम बंगाल के चक्कर काट रहे हैं। उन्होंने कहा अब यहां की जनता ने परिवर्तन का मन बना लिया है। पीएम के कहने का आशय है कि अब पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी की सरकार नहीं रहेगी लेकिन सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के नेता कह रहे हैं- तृणमूल छाड़ा जेनो अन्य केओ वोट दिते ना पाड़े. केंद्रीय वाहिनी थाकबे बूथे, माठे थाकबो आमरा. खेला होबे! भयंकर खेला होबे। तृणमूल कांग्रेस के एक नेता ने यह विवादित बयान दिया है। इसका अर्थ है कि पश्चिम बंगाल के विधानसभा चुनाव में तृणमूल समर्थकों के अलावा कोई और वोट नहीं दे पायेगा। केंद्रीय बलों के जवान बूथ में रहेंगे। हम रहेंगे मैदान में। खेला होगा भयंकर। दक्षिण 24 परगना जिला के भांगड़ के तृणमूल नेता मुदस्सर हुसैन ने बंगाल विधानसभा चुनाव से पहले राज्य में केंद्रीय बलों की तैनाती के बाद यह विवादित बयान दिया है।
पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव से पहले आसार अच्छे नजर नहीं आ रहे हैं। चुनाव की तारीखों के एलान से पहले केंद्रीय बलों के बंगाल पहुंचने पर पार्टी के बड़े-बड़े नेताओं ने विवादित बयान दिये हैं। पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं सांसद सौगत राय हों या ममता बनर्जी की कैबिनेट के मंत्री ब्रात्य बसु। इन्होंने भी केंद्रीय बलों को बंगाल में भेजने पर सवाल खड़े किये हैं। ब्रात्य बसु ने कहा है कि केंद्र सरकार केंद्रीय बलों को भेजे या बंगाल में तोप तैनात कर दे, यहां जीत ममता बनर्जी की ही होगी। वहीं, स्पेशल ट्रेन से केंद्रीय बलों के कश्मीर से बंगाल पहुंचने के बाद सौगत राय ने अपनी प्रतिक्रिया में कहा था कि यदि केंद्र की पुलिस कुछ करेगी, तो हम चुपचाप नहीं बैठेंगे। तृणमूल नेताओं के ये बयान इस बात का संकेत है कि 'खेला होबे, खेला होबे' के नारे यूं ही नहीं लग रहे हैं।
उधर, दूसरे तरह के भी खेल हो रहे हैं। नेताओं को तोड़ने का खेल चल रहा हैजो चुनाव के समय का सबसे प्रिय खेल है। पश्चिम बंगाल में ये खेला भी खूब हुआ। दूसरा खेल गर्दन फांसने का हो रहा है। लड़ाई में जिसके पास जो हथियार होता है, वो उसी का प्रयोग करेगा। अवैध कोयला खनन मामले में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) के हाथ पश्चिम बंगाल में राजनीतिक रूप से सबसे शक्तिशाली परिवार तक पहुंच गये हैं। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी की पत्नी को सीबीआइ ने पूछताछ का नोटिस दिया। तृणमूल सांसद अभिषेक की साली को भी पूछताछ के लिए तैयार रहने को कहा गया था।
गृह मंत्री अमित शाह के बंगाल यात्रा से जाने और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बंगाल यात्रा से ठीक पहले अभिषेक बनर्जी की पत्नी और साली को पूछताछ के लिए सीबीआई की ओर से नोटिस जारी किये जाने पर बंगाल में राजनीतिक माहौल गरमा गया। तृणमूल ने इसे बदले की भावना से की गयी कार्रवाई बताया है, तो भाजपा ने सीबीआई की कार्रवाई पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया है।
सीबीआई अधिकारी तृणमूल सुप्रीमो ममता के भतीजे की पत्नी रुजिरा बनर्जी (रुजिरा नरुला) से पूछताछ करना चाहते हैं। इस बाबत 21 फरवरी को अपराह्न करीब दो बजे सीबीआई की टीम कोलकाता के हरीश मुखर्जी रोड स्थित रुजिरा बनर्जी के आवास पहुंची, ताकि उनके घर पर ही पूछताछ हो सके, लेकिन अधिकारियों को बताया गया कि रुजिरा घर पर नहीं हैं। रुजिरा को पूछताछ के लिए नोटिस देने के करीब तीन घंटे बाद सीबीआई की टीम आनंदपुर स्थित उनकी बहन मेनका गंभीर के आवास पर भी गयी। सूत्रों के अनुसार, उन्हें भी नोटिस देकर पूछताछ के लिए तैयार रहने को कहा गया ।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बंगाल आगमन से पहले राज्य की सत्तारूढ़ पार्टी तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं सांसद अभिषेक बनर्जी ने भाजपा के नारे 'दोहरे इंजन वाली सरकार' (केंद्र और राज्य में एक ही पार्टी की सरकार) पर जबर्दस्त हमला किया और कहा कि भगवा दल सार्वजनिक धन हड़पने के लिए यह व्यवस्था चाहता है। तृणमूल की युवा शाखा के अध्यक्ष और दक्षिण 24 परगना के डायमंड हार्बर संसदीय सीट से लोकसभा के सांसद अभिषेक बनर्जी ने यह भी दावा किया कि यह नारा इस बात को भी साबित करता है कि केंद्र में भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार पश्चिम बंगाल की मदद नहीं कर रही है, क्योंकि वह राज्य में सत्ता में नहीं है। उन्होंने कहा कि भाजपा नेता यह तर्क देते हुए 'दोहरे इंजन वाली सरकार' के नारे लगा रहे हैं कि संभवतः अप्रैल-मई में होने वाले विधानसभा चुनाव में भाजपा की जीत से पश्चिम बंगाल के विकास में तेजी आयेगी, क्योंकि केंद्र में भी उसी की सरकार है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भतीजे बनर्जी उत्तर बंगाल के जलपाईगुड़ी जिले के नागरकाटा में एक रैली को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा, 'भाजपा कह रही है कि वह राज्य में दोहरे इंजन वाली सरकार चाहती है। वे राज्य में दोहरे इंजन वाली सरकार क्यों चाहते हैं? ताकि वे आमजन का धन लूट सकें और बच निकलें। उन्होंने कहा, उन्होंने (भाजपा ने) बंगाल के लिए कुछ नहीं किया, क्योंकि यहां दोहरे इंजन वाली सरकार नहीं है। यह भाजपा सरकार का चरित्र है। वे गैर-भाजपा शासित राज्यों के लिए कुछ नहीं करते।अभिषेक बनर्जी ने कहा कि भाजपा ने वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में हर नागरिक को 15-15 लाख रुपये देने का वादा किया था, लेकिन लोगों को पिछले सात साल में एक भी पैसा नहीं मिला। उन्होंने कहा, 'अब वे राज्य के लोगों, किसानों को यह कहकर रिश्वत देने की कोशिश कर रहे हैं कि यदि वे सत्ता में आते हैं, तो उन्हें 18-18 हजार रुपये दिये जायेंगे। यह आम आदमी को बेवकूफ बनाने की एक और कोशिश है.'
भाजपा कह रही है कि राज्य में यदि वह सत्ता में आती है, तो वह प्रधानमंत्री-किसान योजना के तहत राज्य के हर किसान को 18-18 हजार रुपये देगी। उन्होंने तृणमूल के नये चुनावी नारे- 'बांग्ला निजेर मेयेकेई चाय' (बंगाल अपनी बेटी को चाहता है) का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को बंगाल की बेटी के रूप में पेश किया और कहा, 'हम दिल्ली में बैठे लोगों के आगे कभी सिर नहीं झुकायेंगे। बंगाल के लोग अपनी बेटी ममता बनर्जी पर पूरा भरोसा दिखायेंगे।
यह तो अच्छी बात है कि बंगाल के लोग अपनी बेटी पर भरोसा करें। बेटियों ने तो यह साबित भी कर दिया कि वे भरोसे लायक हैं लेकिन तृणमूल कांग्रेस के नेता जिस खेल की तरफ इशारा कर रहे हैं, उससे डर लग रहा है। (हिफी)