बर्थडे स्पेशल- SP के निष्ठावान नेता है MLA रफीक अंसारी
मेरठ। पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव एवं वरिष्ठ नेता रामगोपाल यादव को अपना आदर्श मानने वाले नेता ने अपनी राजनीति की शुरूआत एक पार्षद के चुनाव से की और समाजसेवा ने उनको कई बार पार्षद बना दिया। 2012 विधानसभा चुनाव में भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष से हारने के बावजूदं समाजसेवा में जुटे रहे, यही कारण रहा कि जनता ने उनको 2017 के विधानसभा चुनाव में अपना प्रतिनिधि चुना। जी हां हम बात कर रहे है सपा सरकार में हथकरघा एवं पर्यटन विभाग के दर्जा प्राप्त राज्यमंत्री एवं मेरठ विधानसभा सीट से विधायक रफीक अंसारी की। मेरठ विधायक रफीक अंसारी के जन्मदिन पर विशेष..
रफीक अंसारी ने उत्तर प्रदेश के जनपद मेरठ में मुस्लिम समाज के यासीन अंसारी के परिवार में 5 नवम्बर 1962 को जन्म लिया था। रफीक अंसारी की प्रारंभिक शिक्षा मेरठ जनपद में ही हुई। उन्होंने 8वीं कक्षा की परीक्षा उत्तीर्ण की। बचपन से क्रिकेट का शौक रखने वाले रफीक अंसारी का विवाह 8 अगस्त 1984 को खुर्शीदा के साथ हुआ था। रफीक अंसारी के एक बेटा और 6 बेटियां है। रफीक अंसारी क्रिकेट में अपना बेस्ट खिलाड़ी कपिल देव को मानते है। रफीक अंसारी ने क्रिकेट छोड़कर सपा के वरिष्ठ नेता रामगोपाल यादव से प्रेरणा लेकर राजनीति की शुरूआत एक पार्षद के चुनाव से की। रफीक अंसारी सबसे पहले सन् 1992 में पार्षद का चुनाव लड़े और चुनाव में जीत हासिल की। रफीक अंसारी ने लोगों की मदद एवं विकास कार्यो से जनता के दिल में जगह बना ली थी। जनता ने रफीक अंसारी को लगातार तीन बार पार्षद बनाया था।
पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव एवं समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता रामगोपाल को आदर्श मानने वाले रफीक अंसारी को समाजवादी पार्टी ने सन् 2012 के विधानसभा चुनाव में मेरठ विधानसभा सीट से टिकट दे दिया था। रफीक अंसारी के सामने भारतीय जनता पार्टी ने उत्तर प्रदेश में भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मीकांत वाजपेई को चुनाव में उतारा था। जिसमें रफीक अंसारी केवल 4 हजार वोटों से हार गये थे। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने हार के बावजूद भी उनकी काबिलियत को देखते हुए रफीक अंसारी को उत्तर प्रदेश सरकार में हथकरघा एवं पर्यटन विभाग का दर्जा प्राप्त राज्यमंत्री बनाया था। रफीक अंसारी ने मेरठ मेयर के पद का चुनाव लड़ा इस चुनाव में 9 प्रत्याशी मैदान में थे। सपा नेता रफीक अंसारी भारतीय जनता पार्टी के हरिकांत अहलूवालिया से हार गये थे। उनको इस चुनाव में एक लाख के आस-पास वोट मिले थे। सपा नेता रफीक अंसारी मेयर पद के चुनाव में दूसरे नंबर पर थे। वह लगातार जनता की सेवा करते रहे। समाजवादी पार्टी ने 2017 विधानसभा चुनाव में रफीक अंसारी पर भरोसा करते हुए भारतीय जनता पार्टी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष एवं चार बार विधायक रहे लक्ष्मीकांत के सामने रण में उतार दिया था। जब चुनाव परिणाम घोषित हुआ तो सपा नेता रफीक अंसारी ने भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष्य लक्ष्मीकांत वाजपेई को विधानसभा चुनाव के रण में 103217 वोट पाकर 28 हजार 769 वोटों से मात दे दी थी। सपा नेता रफीक अंसारी को विधानसभा चुनाव में 52.79 प्रतिशत वोट हासिल किये थे।
सपा विधायक रफीक अंसारी को राज्यसभा चुनाव में क्रॉस वोटिंग के लिए उन्हें मेरठ में भाजपा के विधायक एवं पूर्व विधायक की तरफ से क्रॉस वोटिंग करने पर दस करोड़ रुपया का ऑफर मिला था। सपा विधायक रफीक अंसारी ने मेरठ के भाजपा विधायक तथा पूर्व विधायक का नाम बताने से इन्कार कर दिया था। रफीक अंसारी ने यह ऑफर ठुकरा दिया था क्योंकि वह समाजवादी पार्टी के ईमानदार नेता है। अपनी पार्टी से हटकर कोई कार्य नहीं करते है। सपा नेता रफीक अंसारी को उनकी पार्टी के सप्रीमों का बहुजन समाज पार्टी के प्रत्याशी को वोट करने का निर्देश मिला था, इसलिए उन्होंने बसपा प्रत्याशी को ही वोट दिया था।
सपा विधायक ने भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष को चुनावी रण में मात दी थी। उन्होंने बजट सत्र में विधानसभा में बुनकरों की समस्या उठाई थी। सपा विधायक रफीक अंसारी ने विधानसभा में कहा था कि देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के वाराणसी के साथ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के गोरखपुर, गृहमंत्री राजनाथ सिंह के लखनऊ व लालजी वर्मा के टांडा क्षेत्र में बड़ी संख्या में बुनकर हैं। अब अगर प्रदेश में हिंदू धागा बनाता है तो मुसलमान उससे कपड़ा बुनने का काम करता है। कपड़ा तैयार होने पर हिंदू व्यापारी इसे बाजार में बेचते हैं। सपा विधायक ने कहा था कि करोड़ों लोग बुनकर व्यवसाय से जुड़े हैं। अब तक बुनकरों की बिजली सब्सिडी सीधे विद्युत निगम को मिलती थी, लेकिन अब सब्सिडी हथकरघा विभाग को दी जाने लगी है।