विधायक पंकज ने सदन में उठाई गन्ना किसानों की समस्या

विधायक पंकज ने सदन में उठाई गन्ना किसानों की समस्या

लखनऊ। मुजफ्फरनगर की चरथावल विधानसभा सीट से समाजवादी पार्टी की विधायक पंकज मलिक ने आज सदन में गन्ना किसानों की समस्याओं को प्राथमिकता के साथ उठाया।

सपा विधायक पंकज मलिक ने यूपी विधानसभा में चल रहे बजट सत्र के दौरान सदन में बोलते हुए कहा कि किसानों को गन्ना लागत का वाजिब मूल्य नहीं मिल रहा है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश का पड़ोसी राज्य हरियाणा है , वहां गन्ना किसान को 372 रुपये प्रति कुंटल का दाम मिल रहा है और इसके साथ ही पंजाब में लगभग 380 रुपये प्रति कुंतल गन्ने का भाव है। पंकज मलिक ने कहा कि वहां की रिकवरी भी हम से 1:50 प्रतिशत कम है।

उन्होंने बीजेपी पर पलटवार करते हुए कहा कि बार-बार कहा जाता है कि किसानों की आय दुगनी करेंगे। उन्होंने सत्तापक्ष की ओर इशारा करते हुए कहा कि आप ही बता दीजिए कि किसानों की आय कहां से बढ़ी है। विधायक पंकज मलिक ने बजाज शुगर मिलों की तरफ इशारा करते हुए कहा कि एक-दो ग्रुप ऐसे हैं जिन्हें सरकार का संरक्षण प्राप्त है। सरकार इनके मालिकों के खिलाफ कार्रवाई नहीं करती है जबकि छोटे कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई करती है। उन्होंने शामली गन्ना किसानों की समस्याओं को उठाते हुए कहा कि शामली जिले में गन्ना किसानों का लगभग 600 करोड रुपए बकाया है। उसी ग्रुप का दूसरा शुगर मिल बुढ़ाना में है ।वहां भी थोड़ा भुगतान इसलिए हुआ कि भारतीय किसान यूनियन के नेताओं ने आत्मदाह की धमकी दी, धरना दिया तब जाकर भुगतान हुआ।

उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना से मांग की कि वह चाहे बुढ़ाना की शुगर मिल हो या थानाभवन हो या ऊन शुगर मिल का मामला हो, वहां गन्ना किसानों की समस्याओं का समाधान होना चाहिए।

विधायक पंकज मलिक ने कहा कि पूरे प्रदेश में आज किसान दुखी है, मरने के कगार पर है। उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष की ओर देखते हुए कहा कि मेरा अनुरोध है कि सरकार को किसान के प्रति आज निर्णय लेना चाहिए। उन्होंने कहा कि पहले किसान समिति से खाद लेता था आज वह भी मिल देने लगी है। उनका कहना था कि पहले समिति से किसान को फायदा हो जाता था, उसे समिति से खाद खरीदने पर 1 साल का लोन मिल जाता था मगर सरकार ने अब वह भी मिल को दे दिया है। उन्होंने किसानों की एक गंभीर समस्या को उठाते हुए कहा कि पहले समिति किसानों को खाद के मामले में सहयोग करती थी मगर अब जब गन्ना किसान का भुगतान होता है तो शुगर मिल खाद के पैसे पहले ही काट देती है।

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