मुगल सम्राट अकबर की जयंती पर अल्पसंख्यक कांग्रेस ने गोष्ठी का किया आयोजन

मुजफ्फरनगर। उत्तर प्रदेश अल्पसंख्यक कांग्रेस के आह्वान पर मुगल सम्राट अकबर की जयंती पर, जिला अल्पसंख्यक कांग्रेस मुजफ्फरनगर द्वारा सम्राट अकबर की शासन दृष्टि विषय पर एक गोष्ठी का आयोजन ग्लोबल अकैडमी खतौली में किया गया। जिसकी अध्यक्षता हकीम जफर महमूद ने की तथा संचालन मुफ्ती मुजीब नदवी ने किया।
गोष्ठी में मुख्य अतिथि सैयद वसीरिजवी प्रदेश उपाध्यक्ष अल्पसंख्यक कांग्रेस तथा विशिष्ट अतिथि ताहिर अंसारी प्रदेश सचिव अल्पसंख्यक कांग्रेस रहे। गोष्ठी में बोलते हुए हकीम जफर महमूद ने कहा कि आज के इस कार्यक्रम का उद्देश्य आने वाली पीढ़ी को मुगलों के इतिहास से परिचित कराना है। मुगल वंश के तीसरे सम्राट अकबर 15 सितंबर 15 अक्टूबर 1542 को पैदा हुए और 13 वर्ष की आयु में हिंदुस्तान की राजगद्दी पर बैठे। वह बहुत कुशल, दूरदर्शी एवं सेकुलर विचारधारा के शासक थे। उन्होंने हिंदू मुस्लिम एकता के लिए दीन ए इलाही नाम का एक धर्म बनाया, जिसमें सभी धर्म की अच्छी बातों को इकट्ठा किया। उनके समय में हिंदू मुस्लिम त्यौहार आपस में मिलजुल कर मनाए जाते थे। उनके दरबार में सबसे ज्यादा हिंदू सरदार थ। उनके सेनापति राजा मानसिंह थे जिनकी बहन से उन्होंने शादी की थी। उन्होंने जजिया कर माफ कर दिया। इन्हीं सब बातों ने अकबर को अकबर महान बना दिया। 27 अक्टूबर 1605 में उनकी मृत्यु के समय उनका साम्राज्य पूरे उत्तर में मध्य भारत में फैला हुआ था, जो उस समय के महान साम्राज्यों में माना जाता था। ऐसे महान शासक के जन्मदिन पर अल्पसंख्यक कांग्रेस उन्हें खिराजे अकीदत पेश करती है।
गोष्ठी में सैयद वसी रिजवी, ताहिर अंसारी, मुफ्ती मुजीब, राव कुर्बान और इतिहास अध्यापक फिरोज आलम, कफील अहमद, काजी शाहिद ने सम्राट अकबर के बारे में विस्तार से विचार रखे। गोष्ठी में काफी संख्या में लोग मौजूद रहे।