प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आलोचना करना मंत्रियों को पड़ा भारी-अब हो..

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आलोचना करना मंत्रियों को पड़ा भारी-अब हो..

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आलोचना करने वाले मंत्री अपने ही देश में बुरी तरह से चौतरफा घिर गए हैं। पूर्व राष्ट्रपति ने मालदीव के मंत्रियों द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा की गई लक्षद्वीप यात्रा का मजाक उड़ाने की घटना की निंदा करते हुए कहा है कि मंत्री द्वारा इस्तेमाल की गई भाषा भयानक थी।

दरअसल भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में लक्षद्वीप की यात्रा करते हुए विभिन्न स्थानों का दौरा किया था। प्रधानमंत्री की इस यात्रा के बाद देश के बहुत सारे लोग अब खुद भी लक्षदीप की यात्रा का प्लान बनाने लगे हैं।

इसी बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लक्षदीप की यात्रा से बुरी तरह चिढ़े मालदीव के मंत्री मरियम शिउना ने पीएम की यात्रा का मजाक उड़ाते हुए एक्स पर की गई पोस्ट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को विदूषक एवं कठपुतली कहा था।

जिसका अब उनके ही देश में विरोध शुरू हो गया है। चारों तरफ हो रही निंदा के से बुरी तरह घबराए मालदीव के मंत्री ने अब अपनी पोस्ट को डिलीट कर दिया है।

मंत्री शिउना के अलावा एक अन्य मंत्री जाहिद रमीज समेत मालदीव के अन्य अफसरों ने तस्वीरों के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लक्षद्वीप यात्रा का मजाक उड़ाया था।

उन्होंने एक ट्वीट शेयर करते हुए लिखा था कि प्रधानमंत्री मोदी का कदम मालदीव के लिए एक बड़ा झटका है और लक्षद्वीप में पर्यटन को पीएम मोदी का यह कदम बढ़ावा देगा।

मंत्री जाहिद रमीज ने कहा कि यह कदम बहुत अच्छा है, हालांकि हमारे साथ प्रति स्पर्धा करने का विचार भ्रामक है। वह हमारे द्वारा प्रदान की जाने वाली सेवा कैसे प्रदान कर सकते हैं? वह इतने साफ कैसे हो सकते हैं?

इन टिप्पणियों ने मालदीव के अधिकारियों की तीखी आलोचना शुरू करा दी है। कई लोगों ने मालदीव का बहिष्कार करने का आह्वान करते हुए सोशल मीडिया पर इसे खूब ट्रेंड करना शुरू कर दिया है।

इस बीच मालदीव के राष्ट्रपति रहे मोहम्मद नशीद ने मालदीव के मंत्रियों द्वारा पीएम मोदी की लक्षद्वीप यात्रा का मजाक उड़ाने की घटना की कड़ी निंदा करते हुए कहा है कि मंत्री मरियम शिउना द्वारा इस्तेमाल की गई भाषा अत्यंत भयानक थी। उन्होंने कहा है कि भारत मालदीव की सुरक्षा एवं समृद्धि के लिए एक प्रमुख सहयोगी है।

उन्होंने कहा है कि मालदीव सरकार को इस तरह की टिप्पणियों से खुद को दूर रखना चाहिए और भारत को इस बात का स्पष्ट आश्वासन देना चाहिए कि उनके बयान सरकार की नीतियों को प्रतिबिम्बित नहीं करते हैं।

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