मंत्रियों का इम्तिहान- विरोधी दलों ने भाजपा की राह बनाई कठिन
देवरिया। पूर्वी उत्तर प्रदेश के देवरिया जिले में इस बार के विधान सभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी पिछला चुनाव परिणाम इतिहास को दोहराने के लिये जी जान से जुटी है, मगर विरोधी दल समाजवादी पार्टी, कांग्रेस और बहुजन समाज पार्टी की किलेबंदी ने उसकी राह में चुनौतियां पेश कर दी हैं।
देवरिया जिले की सात सीटों पर सपा, बसपा और कांग्रेस द्वारा दलित मुस्लिम वोटों में सेंधमारी की कोशिश के चलते इस बार मुकाबला रोचक हो गया है। इन सीटों पर छठे चरण में तीन मार्च को होने वाले मतदान में जिले की पथरदेवा योगी सरकार के मंत्री सूर्य प्रताप शाही और जय प्रकाश निषाद की प्रतिष्ठा का इम्तिहान होगा। वहीं, बरहज, देवरिया सदर, रामपुर कारखाना और सलेमपुर सीट पर भाजपा उम्मीदवारों को भितरघात की चुनौती से भी निपटना है।
देवरिया सदर विधानसभा में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सूचना सलाहकार शलभ मणि त्रिपाठी की जनप्रतिनिधि बनने की योग्यता परखी जायेगी। पत्रकार से नेता बने शलभ मणि को मौजूदा भाजपा विधायक सत्य प्रकाश मणि के स्थान पर चुनाव मैदान पर उतारा गया है। 2017 के विधानसभा चुनाव में देवरिया संसदीय क्षेत्र की सात विधानसभा सीटों में से छह पर भाजपा ने भगवा फहराया था जबकि भाटपाररानी सीट समाजवादी पार्टी के हाथ लगी थी। मोदी लहर में कांग्रेस और बसपा को करारी शिकस्त का सामना करना पड़ा था और उनका खाता भी नहीं खुल सका था।
चुनाव विश्लेषकों के अनुसार भाजपा के लिये 2017 का इतिहास दोहराना आसान नहीं होगा। जिले की सात सीटों में से तीन पर त्रिकोणीय और चार पर सीधी लड़ाई के आसार बन रहे हैं। पथरदेवा से कृषिमंत्री सूर्य प्रताप शाही को चुनौती देने के लिये सपा ने पूर्व मंत्री ब्रह्मा शंकर त्रिपाठी को यहां से मैदान में उतारा है, वहीं बसपा ने सपा सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे शाकिर अली के बेटे परवेज आलम को मैदान में उतार लड़ाई को रोचक बना दिया है।
ब्रह्मा शंकर, ब्राह्मणों का सम्मान वापस दिलाने की दुहाई दे रहे हैं और शाही अपनी सरकार के विकास कार्यों के बल पर जनता से आशीर्वाद मांग रहे हैं। जबकि परवेज आलम मुस्लिम सजातीय वोटरों और बसपा के परम्परागत वोटों के बल पर यहां ताल ठोक रहे हैं।
रूद्रपुर विधानसभा में योगी सरकार के मंत्री जय प्रकाश निषाद को पूर्व कांग्रेसी विधायक अखिलेश प्रताप सिंह और बसपा सरकार में मंत्री रहे तथा वर्तमान में यहां से सपा प्रत्याशी राम भुआल निषाद से कड़ा मुकाबला करना होगा। निषाद बाहुल्य इस क्षेत्र में दो निषादों के चुनावी अखाड़े में उतरने से कांग्रेस की नजर मत विभाजन पर है जिसका वह फायदा उठाने की जुगत में है।
बरहज विधानसभा में भाजपा ने मौजूदा विधायक सुरेश तिवारी का टिकट काटकर युवा नेता दीपक मिश्र को मैदान में उतारा है। दीपक मिश्र भाजपा के दिग्गज नेता रहे पूर्व विधायक स्वर्गीय दुर्गा प्रसाद मिश्र के पुत्र हैं। क्षेत्र में फायर ब्रांड नेता के रूप में पहचान बनाने वाले दीपक मिश्र अपने पिता की विरासत का हवाला देकर जनता का आशीर्वाद मांग रहे है। बरहज में ब्राह्मण मतदाताओं की संख्या अच्छी मानी जाती है। उनके मुकाबले सपा ने अपने प्रत्याशी को बदलते हुए अब यहां से कभी बसपा के कद्दावर नेता तथा विधायक रहे स्वर्गीय राम प्रसाद जायसवाल के बेटे मुरली मनोहर जायसवाल को मैदान में उतारा है। राजनीति के गुणा भाग में माहिर, जायसवाल परिवार के सदस्य मुरली मनोहर जायसवाल सपा उम्मीदवार के रूप में क्षेत्र की जनता से आशीर्वाद मांग रहे हैं।
भाटपाररानी विधानसभा सीट पर सपा ने मौजूदा विधायक आशुतोष उपाध्याय पर एक बार फिर से दांव लगाया है। कुशवाहा बाहुल्य क्षेत्र में सपा की उम्मीद ब्राह्मण तथा यादव मतदाताओं से हैं। आशुतोष, पांच साल से विपक्ष में रहने के बावजूद विकास कार्यों के बल पर क्षेत्र की जनता से आशीर्वाद मांग रहे हैं। भाजपा ने इस सीट पर कुशवाहा बिरादरी के सभाकुंवर को अपना उम्मीदवार बनाते हुए अपनी ही जाति को साधने का प्रयास किया है। अभी तक इस सीट पर भाजपा जीत से दूर रही है। माना जा रहा है कि यहां की चुनावी लड़ाई सपा और भाजपा के बीच सकती है।
रामपुर कारखाना विधानसभा से भाजपा ने अपने मौजूदा विधायक कमलेश शुक्ला का टिकट काटकर एक युवा चेहरे सुरेंद्र चौरसिया को मैदान में उतारा है। वहीं, सपा ने यहां से पूर्व विधायक गजाला लारी को और बसपा ने पुष्पा शाही को टिकट देकर चुनावी लड़ाई को रोचक बना दिया है।
देवरिया सदर विधानसभा सीट से भाजपा ने यहां के मौजूदा विधायक सत्य प्रकाश मणि त्रिपाठी का टिकट काटकर पत्रकार से नेता बने शवभ मणि त्रिपाठी को चुनाव मैदान में उतारा है जबकि सपा ने यहां से भाजपा के पूर्व विधायक स्व जनमेजय सिंह के पुत्र पिन्टू.सिंह को यहां से चुनाव मैदान में उतारा है। बसपा ने यहां से रजिस्ट्री आफिस में बाबू रहे राम शरण सिंह को प्रत्याशी बनाया है।
सलेमपुर सुरक्षित सीट से भाजपा ने यहां के मौजूदा विधायक काली प्रसाद का टिकट काटकर सपा से भाजपा में आई लक्ष्मी गौतम को अपना उम्मीदवार बनाया है जबकि सपा ने कभी यहां से विधायक रहे मनबोध प्रसाद को यहां से उम्मीदवार बनाया है। यहां सीधी चुनावी लड़ाई इन दोनों के बीच हो सकती है।