वोट के लिये कोट पर जनेऊ भी धारण कर लेते हैं विपक्ष के नेता- डिप्टी CM

वोट के लिये कोट पर जनेऊ भी धारण कर लेते हैं विपक्ष के नेता- डिप्टी CM

मथुरा। उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री दिनेश शर्मा ने कहा कि पांच सालों तक जनता को अपनी शक्ल तक दिखाना भी मुनासिब नहीं समझने वाले विपक्षी दलों के नेता चुनाव का शंखनाद होते ही राजनैतिक पर्यटन पर निकल पड़ते हैं और वोट के लिये कोट के ऊपर भी जनेऊ धारण करने में संकोच नहीं करते।

गोवर्धन में सोमवार को भाजपा प्रत्याशी के पक्ष में आयोजित एक चुनाव सभा में उप मुख्यमंत्री दिनेश शर्मा ने कहा कि चुनाव के समय जनता को भ्रमित करने के लिए विपक्ष के कुछ नेता कोट पर जनेऊ भी धारण कर लेते हैं और चुनाव बाद फिर अंर्तध्यान हो जाते है। समूचा विपक्ष मोदी और योगी को हराने के लिए एक हो जाता हैं। कांग्रेस अखिलेश के खिलाफ प्रत्याशी नहीं उतारती है जबकि बसपा वोट कटवा प्रत्याशी खड़ा कर देती हैं। ये तीनो दल जिस जाति पर भाजपा का प्रभाव अधिक होगा उसी का एक प्रत्याशी वोट काटने के लिए खड़ा कर देते हैं।

उन्होंने कहा कि कोरोना संक्रमण काल में केवल भाजपा के कार्यकर्ताओं एवं पदाधिकारियों ने काम किया है जब कि सपा, बसपा, कांग्रेस भाकपा, माकपा, एमआईएम या तो विदेशों में घूमते रहे हैं अथवा अपने धंधे करते रहे है। जनता की परेशानियों से इनको कोई सरोकार नहीं था। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अपने पिता के निधन का समाचार मिलने के बावजूद वहां न जाकर कोरोना पीड़ितों की सेवा और बीमारी पर अंकुश लगाने के लिये जुटे रहे। यही हाल कार्यकर्ताओं का था। भाजपा के छह विधायक कोरोना संक्रमण से दिवंगत हो गए। तीन मंत्री भी दिवंगत हो गए पर भाजपा के लोगों ने इस बीमारी से प्रभावित लोगों की मदद करना बन्द नही किया।

शर्मा ने सवालिया लहजे में कहा कि उस समय सपा और रालोद के लोग कहां चले गए थे। उप मुख्यमंत्री ने सपा के तीन गठबंधनों का जिक्र करते हुए कहा कि इसका पहला गठबन्धन कांग्रेस के साथ हुआ तथा उस समय राहुल और अखिलेश के विज्ञापन साथ साथ अखबारों में प्रकाशित कराए गए मगर अगला चुनाव आते ही यह गठबंधन टूट गया और फिर सपा बसपा का गठबन्धन बना लेकिन चुनाव बाद बुआ भतीजे का भी गठबंधन टूट गया। अब सपा और रालोद का गठबंधन बना है।

उन्होंने कहा कि कोरोना काल में बसपा अध्यक्ष मायावती, रालोद अध्यक्ष जयन्त चौधरी या कांग्रेस महासचिव प्रियंका वाड्रा किस गांव में गए थे। ये चुनाव के बाद साढ़े चार साल तक घर में रहते हैं और फिर राजनैतिक पर्यटन पर निकल पड़ते हैं। ऐसे तत्वों से सावधान रहने के लिये आगाह करते हुए उन्होंने स्पष्ट कहा कि भाजपा वोट की राजनीति नहीं करती। कोरोना काल के बाद मुफ्त राशन वितरण में सरकार ने कोई भेदभाव नही किया। भाजपा सबका साथ और सबका विकास लेकर चलती है। जातिवाद फैलाने के लिए अलग अलग जाति के सम्मेलन करना इनकी नीति है।

उप मुख्यमंत्री ने कहा कि भाजपा सरकार यहां का विकास करा रही है। मुख्यमंत्री स्वयं होली उत्सव में आतें हैं क्योंकि भाजपा भारतीय संस्कृति का प्रतिपादन करती है। ऐसे लोगों से कोई अपेक्षा नहीं की जा सकती जिन्हें कान्हा का सपना तो आता है लेकिन कान्हा की भूमि का विकास और उद्धार करना नही आता। यह चुनाव का महायज्ञ है इसमें कमल का बटन दबाकर इस यज्ञ में आहुति दे क्योंकि यहां का प्रत्याशी कमल का फूल है यहां व्यक्ति नहीं कमल का फूल चुनाव लड़ रहा है।

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