क्षेत्रीय दल का दर्जा छीनने के बाद RLD के समक्ष हैंड पंप बचाने के लाले

क्षेत्रीय दल का दर्जा छीनने के बाद RLD के समक्ष हैंड पंप बचाने के लाले

मेरठ। भारत निर्वाचन आयोग की ओर से राष्ट्रीय लोकदल को दिया गया क्षेत्रीय पार्टी होने का दर्जा छीन जाने के बाद अब आरएलडी के सामने अपना चुनाव चिन्ह हैंड पंप बचाने के भी लाले पड़ गए हैं। चुनाव आयोग को एक चिट्ठी भेजकर आरएलडी की ओर से गुजारिश की गई है कि उन्हें आवंटित किए गए हैंडपंप के निशान को अभी किसी को नहीं दिया जाए।

दरअसल भारत निर्वाचन आयोग की ओर से देश के राजनैतिक दलों की लोकप्रियता एवं उन्हें मिले मतों की समीक्षा करते हुए दोबारा से राजनीतिक दलों के दर्जे तय किए गए हैं।


रविवार को उत्तर प्रदेश की राजनीति विशेषकर पश्चिमी उत्तर प्रदेश में अपना अच्छा खासा दखल रखने वाली राष्ट्रीय लोकदल से उसके क्षेत्रीय पार्टी होने का दर्जा चुनाव आयोग द्वारा छीन लिया गया था। इसी तरह तृणमूल कांग्रेस, सीपीआई एवं एनसीपी जैसे कई दलों से उनके राष्ट्रीय पार्टी होने का दर्जा छीनते हुए निर्वाचन आयोग द्वारा आम आदमी पार्टी को राष्ट्रीय पार्टी होने का दर्जा दे दिया गया है।

राष्ट्रीय लोकदल का क्षेत्रीय पार्टी होने का दर्जा छीन जाने के बाद अब उसे मिले चुनाव चिन्ह हैंड पंप को लेकर भी संकट खड़ा हो गया है। क्षेत्रीय पार्टी का दर्जा छीलने की वजह से अब एक तरह से इसके उम्मीदवार निर्दलीय की श्रेणी में आ गए हैं।

उत्तर प्रदेश में हो रहे नगर निकाय चुनाव में ताल ठोकने का इरादा बना रही राष्ट्रीय लोकदल ने अब अपने चुनाव निशान हैंडपंप को लेकर चुनाव आयोग को एक चिट्ठी लिखी है, जिसमें गुजारिश की गई है कि उन्हें मिला चुनाव चिन्ह हैंडपंप जो उनकी पार्टी का पुराना सिंबल है उसे केवल रालोद प्रत्याशियों के लिए ही रिजर्व कर दिया जाए। इस सिंबल को किसी और को आवंटित नहीं किया जाए।

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