कमलनाथ ने सीएम पर पलटवार साथ ही महिलाओं के लिए बड़ा ऐलान
भोपाल। मध्यप्रदेश विधानसभा में आज पेश किए गए वार्षिक बजट में लाड़ली बहना योजना के तहत पात्र महिलाओं को एक हजार रुपए प्रतिमाह देने के प्रावधान के बाद वरिष्ठ कांग्रेस नेता कमलनाथ द्वारा पार्टी की सरकार बनने की स्थिति में महिलाओं को 1500 रुपए देने के ऐलान पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने तीखा पलटवार किया है।
चौहान ने यहां यूनीवार्ता से चर्चा में कहा कि उन्होंने वर्ष 2017 में आहार अनुदान योजना प्रारंभ की थी, जिसका उद्देश्य अतिपिछड़ी जनजातीय समुदाय बैगा और सहरिया से आने वालीं महिलाओं के खाते में प्रतिमाह एक हजार रुपए प्रदान किए जाते थे। उन्होंने कहा कि वर्ष 2018 में कांग्रेस की सरकार बनने पर तत्कालीन मुख्यमंत्री कमलनाथ ने इस योजना को बंद कर दिया था। यही नहीं गरीबों के लिए भाजपा सरकार द्वारा शुरू की गयीं संबल योजना, मुख्यमंत्री तीर्थदर्शन योजना और विभिन्न वर्गों के कल्याण के लिए लागू योजनाएं कमलनाथ सरकार ने बंद कर दी थीं। कन्या विवाह योजना के तहत हितग्राही को मिलने वाली राशि बढ़ाने की घोषणा भी की थी, लेकिन वह वचन भी पूरा नहीं किया गया।
चौहान ने कहा कि अब भाजपा सरकार ने पूर्व में लागू आहार अनुदान योजना का विस्तार करते ही मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना लागू करने का निर्णय लिया है। इसके तहत प्रत्येक पात्र महिला के बैंक खाते में एक एक हजार रुपए भेजे जाएंगे। इसके लिए बजट में आठ हजार करोड़ रुपयों का प्रावधान किया गया है। इसके तत्काल बाद कमलनाथ ने घोषणा कर जता दिया है कि कांग्रेस ''झूठ की दुकान'' है। जब ये लोग सत्ता में थे, तब तो इन्होंने किसानों की कर्जमाफी का वचन तक नहीं निभाया। बेरोजगारी भत्ता की घोषणा के बाद उससे भी पलट गए।
मुख्यमंत्री ने राज्य सरकार पर कर्ज बढ़ने संबंधी विपक्ष के आरोपों के बारे में कहा कि राज्य सरकार ने कर्ज हमेशा केंद्र और राज्य सरकार के नियमों के अधीन रहकर लिया। हमारी सरकार ने कभी भी नियमों का अतिक्रमण नहीं किया। उन्होंने कहा कि लगभग बीस वर्ष पहले दिग्विजय सिंह की तत्कालीन सरकार में राज्य के सकल घरेलू उत्पाद का 32 प्रतिशत तक ऋण लिया गया था, लेकिन अब यह प्रतिशत 25 प्रतिशत के आसपास ही है। इसके अलावा राज्य का सकल घरेलू उत्पाद उस समय 71 हजार करोड़ रुपए था, जो अब बढ़कर 13 लाख करोड़ रुपए हो गया है।
चौहान ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश को आत्मनिर्भर बनाने और अर्थव्यवस्था ''फाइव ट्रिलियन डॉलर'' तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा है। इसी के अनुरूप राज्य सरकार आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश बनाने के साथ ही ''550 बिलियन डॉलर की एकाॅनामी'' बनाने के लक्ष्य के साथ कार्य कर रही है। इसलिए कैपिटल एक्पेंडीचर (पूंजीगत व्यय) राज्य में ऐतिहासिक रूप से बढ़ रहा है। अधोसंरचना के विकास में सरकार ने 56 हजार करोड़ रुपए से अधिक का खर्च का प्रावधान किया है। यह प्रदेश के इतिहास में अभूतपूर्व है। सिंचाई योजनाओं का जाल भी बिछाया जा रहा है।