दादा की कर्मभूमि में जयंत चौधरी हुए लोगों से रूबरू
बागपत। अपनी पुश्तैनी सीट बागपत को वापस पाने के लिए राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) मुखिया जयंत चौधरी जी जान से जुट गए है।
गुरुवार को जयंत चौधरीअपने दादा व पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय चौधरी चरण सिंह की कर्मभूमि छपरौली से शक्ति रथ पर सवार होकर अपने मतदाताओं से रूबरू होने निकले हैं।
लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से गठबंधन होने के बाद जयंत चौधरी के सामने कई चुनौतियां आ खड़ी हुई है। पहली चुनौती तो उनके सामने भाजपा हाई कमान के सम्मुख पश्चिम उत्तर प्रदेश में राष्ट्रीय लोकदल के वर्चस्व को बरकरार रखना है तो दूसरी चुनौती में उनको अपनी खोई हुई पुश्तैनी बागपत लोकसभा सीट को वापस भी लाना है। शायद यही वजह है की जयंत चौधरी इस सीट को पाने के लिए जी तोड़ मेहनत कर रहे हैं और वे इसमें कोई कसर बाकी नहीं छोड़ना चाहते है।
छपरौली से शुरू हुए शक्ति रथ पर सवार होकर वह गांव-गांव में जाएंगे और पुश्तैनी सीट वापसी के लिए नुक्कड़ व जनसभा के माध्यम से लोगों से अपील भी करेंगे।
गौरतलब है कि चौधरी चरण सिंह परिवार से छपरौली सीट से संयुक्त भावानात्मक रिश्ता है। दरअसल, छपरौली वह विधानसभा सीट है, जिससे चौधरी चरण सिंह प्रथम बार वर्ष 1937 में विधायक बने थे। उसके बाद से वह सांसद बनने तक लगातार इसी विधानसभा से जीत दर्ज कराते रहे। इसी वजह से छपरौली को चौधरी चरण सिंह की कर्मभूमि कहा जाता है और उनके परिवार का छपरौली से भावनात्मक रिश्ता जुड़ा हुआ है।
रालोद के प्रदेश महासचिव सुखबीर सिंह गठीना व मीडिया प्रभारी राजू तोमर सिरसली ने बताया कि विधान सभा व बागपत लोकसभा चुनाव में प्रचार के लिए जब भी कोई अभियान शुरू होता है तो वह छपरौली से ही शुरू किया जाता है और मतदान से दो दिन पूर्व बड़ौत नगर में विशाल जनसभा के साथ समाप्त होता है। इस बार भी बागपत लोकसभा में शक्ति रथ यात्रा की शुरूआत छपरौली से की गई है।
मीडिया प्रभारी राजू तोमर सिरसली ने बताया कि गुरूवार को चौधरी जयंत सिंह ने छपरौली विधान सभा क्षेत्र से रोड शो शुरू किया जो नंगला सिनौली, छपरौली, कुर्डी, तुगाना, लूंब, किरठल, रमाला, किशनपुर बराल, बावली होते हुए शाम को पार्टी कार्यालय बड़ौत नगर में आकर समाप्त हुआ। उन्होंने बताया, इसके बाद छपरौली विधान सभा क्षेत्र के ही दाहा गांव से रथ यात्रा की शुरुआत की जाएगी।
वार्ता