25 मई को राष्ट्रीय लोकदल के अध्यक्ष चुने जाएंगे जयंत चौधरी
नई दिल्ली। राष्ट्रीय लोकदल के अध्यक्ष व किसान नेता चौधरी अजीत सिंह के निधन के बाद उनके पुत्र जयंत चौधरी को ही संगठन की कमान विधिवत सौंपी जानी है। जिसके लिए निर्वाचन आयोग से अनुमति मांगी गई है। निर्वाचन आयोग से अनुमति मिलने के बाद 25 मई को अध्यक्ष के पद पर जयंत चौधरी की ताजपोशी संभावित है।
कोरोना महामारी का प्रकोप बढ़ने के कारण केंद्रीय कार्यालय कार्यकारिणी की बैठक सामान्य ढंग से करने के हालात नहीं है। ऐसे में वर्चुअल बैठक कर राष्ट्रीय अध्यक्ष निर्वाचित करने की अनुमति मांगी गई। राष्ट्रीय लोकदल के आयोजन अब से पूर्व बेहद सादगी के साथ होते आए हैं। मगर यह पहला मौका है जब राष्ट्रीय लोकदल के आयोजन बगैर किसी सादगी और बिना समर्थकों की भीड़ की आयोजित किए जा रहे हैं। चौधरी अजीत सिंह के निधन के बाद उनके पुत्र जयंत चौधरी ने कोरोना प्रोटोकॉल का कड़ाई से पालन किया है और पार्टी के समर्थकों और और कार्यकर्ता शुभचिंतकों को घर तक ही सीमित रखा है। चौधरी अजीत सिंह के अंतिम संस्कार से लेकर के तेहरवीं का कार्यक्रम भी केवल पारिवारिक सदस्यों के साथ ही पूर्ण कराया गया है। जयंत चौधरी ने चौधरी अजीत सिंह की तेहरवीं के समय हवन व पूजन कार्यक्रम का सीधा प्रसारण करते हुए समर्थकों को उनके घरों तक ही सीमित रखने का काम किया है। चौधरी चरण सिंह परिवार पश्चिमी उत्तर प्रदेश समेत देश के किसान नेता का परिवार कहा जाता है।
जयंत चौधरी द्वारा संगठन की कमान संभालने के बाद राष्ट्रीय लोकदल की राष्ट्रीय टीम का विस्तार भी हो सकता है जिसकी संभावना जताई जा रही है। सूत्रों के अनुसार जयंत चौधरी की पहली परीक्षा वर्ष 2022 में होने जा रही है। वर्ष 2022 में उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनावों में पहली बार प्रतिनिधित्वहीन हुई पार्टी को फिर से मुख्य मुकाबले में लाना है। सामाजिक समीकरणों चुनाव नजरिए से साधने के लिए जनता को अपनी कार्यकारिणी को भी संभालना होगा और जमीनी स्तर पर जी तोड़ मेहनत करनी होगी। अपना प्रभुत्व खो चुकी राष्ट्रीय लोकदल को जयंत चौधरी कहां तक लेकर जाते हैं यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा। हालांकि अभी राष्ट्रीय लोकदल को लेकर पश्चिमी उत्तर प्रदेश में काफी उत्साह नजर आ रहा है।