टिकट कटने से आहत RLD प्रवक्ता ने चुनी अलग राह-बोले सच्चे सिपाहियों का.
मुजफ्फरनगर। जनपद की खतौली विधानसभा सीट पर हो रहे उपचुनाव में टिकट कटने से बुरी तरह से आहत हुए पार्टी प्रवक्ता ने अब अलग राह पर चलने का ऐलान कर दिया है। हैंडपंप का हैंडल छोड़कर अब रालोद प्रवक्ता किसी अन्य दल से जुड़ने का विकल्प अपने पास रखे हुए हैं।
मंगलवार को जनपद मुजफ्फरनगर की राजनीति में हुए बड़े उलटफेर के अंतर्गत राष्ट्रीय लोकदल के प्रवक्ता रहे अभिषेक चौधरी गुर्जर ने अपने साथियों समेत रालोद से अलग होकर नई राह पर चलने का ऐलान किया है। खतौली के आवास विकास अपने आवास पर हुई समर्थको एवं इलाके के लोगों की बैठक के बाद अपने ट्विटर हैंडल पर ट्वीट करते हुए अभिषेक चौधरी गुर्जर ने लिखा है कि रालोद को समर्पित रहने वाले कार्यकर्ताओं एवं पार्टी नेताओं की जरूरत नहीं रही है। रालोद की ओर से मुझे जो भी जिम्मेदारियां सौंपी गई उनका मैंने पूरी निष्ठा और लगन के साथ निर्वहन किया।
अभिषेक चौधरी गुर्जर ने कहा है कि वर्ष 2017 के चुनाव में मुझे टिकट देने का भरोसा दिया गया था। लेकिन उस दौरान भी मुझे टिकट से वंचित कर वर्ष 2022 में इलेक्शन लड़ाने का आश्वासन पार्टी नेतृत्व की ओर से दिया गया था। वर्ष 2022 में 18वीं विधानसभा के गठन के लिए हुए चुनाव में रालोद का समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन हो गया, जिसके चलते पार्टी के हिस्से में आई ज्यादातर सीटों पर सपा नेता बतौर प्रत्याशी उतार दिए गए। गठबंधन की मजबूरी के चलते मैं उस समय भी चुप रहा था।
अब खतौली विधानसभा सीट पर हो रहे उपचुनाव में मुझे तैयारी करने का हाईकमान ने निर्देश दिया था। जिसके चलते मैं टिकट के प्रति पूरी तरह से आश्वस्त था और पार्टी मुखिया की खतौली विधानसभा क्षेत्र में हुई सभाओं को सफलता के मुकाम तक पहुंचाने के लिए अपने सहयोगियों के साथ पूरी दौड़-धूप की।
लेकिन अब पार्टी ने दूसरे जिले के नेता को लाकर खतौली विधानसभा सीट पर उतारते हुए पार्टी के समर्पित नेताओं एवं कार्यकर्ताओं को बुरी तरह से आहत किया है। ऐसे हालातों में पार्टी के साथ बने रहना दल के नेताओं एवं कार्यकर्ताओं के लिए अब सम्मान का सौदा नहीं रहा है।
अभिषेक चौधरी गुर्जर ने अपने ट्वीट में लिखा है कि जनपद मुजफ्फरनगर के तन, मन और धन से समर्पित रहने वाले रालोद नेताओं एवं कार्यकर्ताओं के लिए यह एक नई राह चुनने का समय है।