नवनिर्वाचित विधायकों से और अधिक विकास की आस
देवरिया। उत्तर प्रदेश के देवरिया जिले में सभी सात सीटें भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को सौंपने वाली जनता को नवनिर्वाचित विधायकों से क्षेत्र के और अधिक विकास की आस लग गयी है।
दशकों से सरकारी उपेक्षा के शिकार रहे इस जिले में भाजपा की सरकार आने पर विकास कार्यो में तेजी आयी है हालांकि राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र के सांसद रहने के दौरान बनने वाली कुछ परियोजनाओं अभी भी पूरी नहीं की जा सकी है। राज्यपाल कलराज मिश्र ने अपने कार्यकाल के दौरान यहां सड़कों का निर्माण कराने के साथ देवरिया शहर को जाम से बचाने के लिये बाईपास बनवाने का कार्य शुरू कराया था,लेकिन उनका कार्यकाल समाप्त होने के बाद यह बाईपास अभी पूर्णरूप से तैयार नहीं हो सका है। इसी तरह देवरिया से सटे रजला गांव में केन्द्रीय विद्यालय का भवन अधर में लटक गया है। राज्यपाल कलराज मिश्र ने जब यहां से सांसद और केन्द्र में कैबिनेट मंत्री थे,तो उन्होंने यहां के पढ़े लिखे नौजवानों को रोजगार दिलवाने के लिये रोजगार मेला के माध्यम से देश की कई जानीमानी प्राइवेट कम्पनियों को बुलाकर रोजगार दिलवाने का काम करते रहे। लेकिन जब मिश्र राजस्थान का राज्यपाल बन गये तो यह रोजगार मेला भी लगना बंद हो गया।
इस समय देवरिया सदर से भाजपा के रमापति राम त्रिपाठी सांसद हैं। लोगों का कहना है कि जितना विकास कार्य कलराज मिश्र के कार्यकाल में हुआ।उतना विकास कार्य वर्तमान सांसद के कार्यकाल में देखने को नहीं मिल रहा है।अब यहां की जनता को उम्मीद है कि जिले के नवनिर्वाचित विधायक देवरिया सदर से शलभ मणि त्रिपाठी, पथरदेवा से सूर्य प्रताप शाही,रामपुर कारखाना से सुरेंद्र चौरसिया, रूद्रपुर से जय प्रकाश निषाद,बरहज से दीपक मिश्र,सलेमपुर से विजय लक्ष्मी गौतम और भाटपाररानी से सभा कुंवर जिले में विकास की गति को और गति देने का काम करते हुए देवरिया जिले को प्रदेश में एक आदर्श जिला का बनाने कार्य करेंगे।
जिले के लोगों का कहना है कि रूद्रपुर तहसील का कछार क्षेत्र, बरहज तहसील का कछार क्षेत्र सहित जिले के भाटपाररानी तहसील क्षेत्र के कुछ क्षेत्र बाढ़ में परेशानी का सामना करते रहते हैं।हर साल यहां बाढ़ बचाव के नाम पर लाखों रूपये खर्च होते है। बाढ़ की समस्या से निजात दिलाने के लिये यहां स्थाई समाधान की आवश्यकता है।इसी तरह से रूद्रपुर तहसील क्षेत्र में कुछ बंधे बहुत पुराने समय के बने हैं।उसका भी स्थाई समाधान करने बात जनता कहती रहती है।
वार्ता