सरकार कर दे ऐलान, हमें किसानों से नहीं करनी बात, कर लेंगे घर वापसी राकेश
लखनऊ। राजधानी के इको गार्डन में संयुक्त मोर्चा के आह्वान पर आयोजित की जा रही किसान महापंचायत को संबोधित करते हुए भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा है कि 3 कृषि कानूनों को निरस्त करने की घोषणा के अलावा किसानों के कई अन्य मुद्दे भी हैं, जिनका समाधान किए जाने की जरूरत है। अगर सरकार इस बात को स्पष्ट कह दे कि वह किसानों के साथ बात नहीं करना चाहती है तो हम अपने घरों को लौटना शुरू कर देंगे।
सोमवार को राजधानी लखनऊ के इको गार्डन में आयोजित किसान महापंचायत को संबोधित करते हुए भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा है कि नए कृषि कानूनों को निरस्त करने की घोषणा पीएम की ओर से कर दी गई है। लेकिन अभी भी कई अन्य मुद्दे ऐसे हैं जिनका सरकार की ओर से समाधान कराए जाने की जरूरत है। राकेश टिकैत ने कहा है कि हालातों को देखकर ऐसा लग रहा है कि कृषि कानूनों को निरस्त किए जाने की घोषणा के बाद सरकार किसानों के साथ कोई बातचीत नहीं करना चाहती है? उन्होंने कहा है कि अगर सरकार का ऐसा इरादा है कि वह किसानों से बात नहीं करना चाहती है तो वह इस बात की स्पष्ट घोषणा कर दे तो हम अपने घरों को वापस चले जाएंगे। उन्होंने कहा है कि राजधानी दिल्ली के सिंघु बॉर्डर पर विरोध प्रदर्शन के बाद सरकार के साथ किसान संगठनों की 12 दौर की बातचीत हो चुकी है। अभी तक किसान आंदोलन के तहत हमारे 750 किसान शहीद हो चुके हैं। कृषि कानूनों की वापसी की घोषणा के बाद राकेश टिकैत ने संयुक्त किसान की मोर्चा की छह सूत्रीय मांगों को दोहराते हुए कहा कि समर्थन मूल्य पर कानून सरकार की ओर से बनाया जाना चाहिए। लखीमपुर हिंसा मामले को भी लेकर केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय कुमार मिश्रा टेनी की बर्खास्तगी की मांग भी पंचायत में किसान नेताओं की ओर से जोर शोर के साथ उठाई गई है।