पूर्व सीएम ने कहीं मन की बात- अपने लिए मांगने से मरना बेहतर
भोपाल। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे शिवराज सिंह चौहान ने सत्ता की चौखट से अपनी विदाई के बाद उपलब्धियां को गिनाते हुए कहा है कि अपने लिए मांगने से बेहतर मरना है क्योंकि जब मैंने राज्य की कमान संभाल ली थी उस समय मध्य प्रदेश एक बीमारू राज्य था। लेकिन मुझे खुशी इस बात की है कि अब वह राज्य को विकास के पथ पर छोड़कर जा रहे हैं।
मंगलवार को मीडिया कर्मियों से बात करते हुए मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि जिस समय मैंने राज्य की सत्ता संभाली थी तो मध्य प्रदेश एक बीमारू राज्य था। उन्होंने वर्ष 2003 से लेकर अभी तक की अपनी यात्रा को याद करते हुए कहा कि यदि उनसे कभी कोई गलती हुई है तो उसके लिए वह क्षमा मांगते हैं।
मुख्यमंत्री रहे शिवराज सिंह चौहान ने 2023 में हुए विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी को मिली 163 सीटों के बावजूद अपनी विदाई को याद करते हुए कहा कि किस तरह 2003 में उमा भारती के नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी को बहुमत मिला था और उन्हें मुख्यमंत्री बनाया गया था।
शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि मुझे इस बात की खुशी है कि जब मेरी सत्ता की चौखट से विदाई हो रही है तो भाजपा को मेरी अगवाई में भारी बहुमत से जीत मिली है और अब तक की सर्वाधिक वोट शेयर वाली इस बार सरकार बनने जा रही है।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि मैं दिल्ली नहीं जाऊंगा और अपने लिए कुछ मांगने से बेहतर है कि मैं मरना उचित समझूंगा। दिल्ली जाना मेरा काम नहीं है इसलिए मैंने कहा था कि मैं दिल्ली नहीं जाऊंगा।