झूठ का फूल बन चुका है लूट का फूल : अखिलेश
लखनऊ। समाजवादी पार्टी (सपा) अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा सरकार का 'झूठ का फूल' लूट का फूल' बन गया है।
अखिलेश ने मंगलवार को कहा कि उत्तर प्रदेश में 24 घंटे जनता को ठगा जा रहा है। किसान, नौजवान, गरीब, व्यापारी सभी परेशान है। अपराधियों को खुली छूट है और प्रशासन तंत्र कानून व्यवस्था बनाए रखने में पंगु साबित हो रहा है। महिलाओं की जिंदगी सर्वाधिक असुरक्षित है। भाजपा ने प्रदेश को बर्बादी और बदनामी में ढकेल दिया हैं, जनता अब उससे मुक्ति चाहती है। सन् 2022 के विधान सभा चुनावों में भाजपा को हर हाल में सत्ता से बाहर हो जाना है।
उन्होने कहा कि आज केन्द्र और उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकारों की प्राथमिकता है गरीब तबके की जेब काटना और गरीब परिवारों की मूलभूत सुविधाएं छीन लेना। खाद्य पदार्थों की कीमतें लोगों की पहुंच से बाहर हैं। रसोईं गैस महंगी है। बिजली की दरें भी बढ़ी है जबकि बिजली आपूर्ति बाधित रहती है। महंगाई चरम पर है। डबल इंजन सरकार के बावजूद बाजार पर नियंत्रण नहीं। गरीब को दो जून की रोटी भी मिलना दूभर है।
मुख्यमंत्री अपराध नियंत्रण की बड़ी डींगे हांकते हैं परन्तु हकीकत यह है कि अपराधी बेखौफ है। जाति-धर्म देखकर अपराधियों से भी व्यवहार किया जाता है। दबंगों के आगे पुलिस असहाय दिखती है। कानून व्यवस्था में सुधार की जगह पुलिस खुद फर्जी केस बनाने, फर्जी एनकाउंटर करने में बदनाम है। हिरासत में मौतों के मामले में मानवाधिकार आयोग कई नोटिसें राज्य सरकार को दे चुका है। अब तो स्थिति यह है कि अपराधी पुलिस पर भारी पड़ रहें है।
सपा अध्यक्ष ने कहा कि बेटी सुरक्षा पर खुले आम झूठ बोलने वाले भाजपाइयों की ढोल की पोल खुल ही जाती है। अभी मुख्यमंत्री के गृह जिले गोरखपुर के गुलरिहा क्षेत्र में एक 14 वर्षीय छात्रा के साथ छेड़छाड़ कर अगवा करने का प्रयास सुर्खियों में रहा। झँगहा में युवती के साथ छेड़खानी की घटना हुई। उसके भाई ने विरोध किया तो उसे भी पीटा गया।
भाजपा ने विकास के नाम पर सिर्फ समाज को बांटने का काम किया है। समाजवादी सरकार के कामों को अपना बताने के अलावा वह अपनी एक योजना नहीं गिना सकती है। झूठे वादों और लुभावने भाषणों से अब जनता प्रभावित होने वाली नहीं है। वह सच जान गई है और यह भी उसने तय कर लिया है कि अब वह भाजपा के किसी झांसे में नहीं आएगी। वह भाजपा को हराएगी और समाजवादी पार्टी को सत्ता में बिठाएगी।
वार्ता