भले ही खुद की जमानत जब्त परंतु साइकिल की हवा निकाल गए ओवैसी
मुरादाबाद। उत्तर प्रदेश में 18 वीं विधानसभा के गठन के लिए हुए चुनाव में बड़ी उम्मीदों के साथ अपने प्रत्याशियों के साथ उतरे ऑल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुल मुस्लिमीन के मुखिया भले ही अपने उम्मीदवार की जमानत बचाने में सफल नहीं हो सके हो मगर अपनी पार्टी के उम्मीदवार को खड़ा करके वह साइकिल की हवा जरूर निकालने में कामयाब हो गए हैं। उनके उम्मीदवारों ने समाजवादी पार्टी के प्रत्याशियों को हराने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
उत्तर प्रदेश में 18 वीं विधानसभा के गठन के लिए हुए चुनाव के दौरान ऑल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुल मुस्लिमीन के मुखिया असदुद्दीन ओवैसी ने मुरादाबाद में ताबड़तोड़ 5 जनसभाएं की थी। 3 दिन जिले में रहकर ओवैसी ने आसपास के जिलों को भी इस दौरान वोटों के लिये छान मारा था। मुरादाबाद जिले में समाजवादी पार्टी 6 में से 5 सीटों पर मजबूत अंतर से चुनाव जीतने में कामयाब रही है। लेकिन शहर की सीट पर बेहद मामूली अंतर से समाजवादी पार्टी को हार का सामना करना पड़ा है। जिले की सदर विधानसभा वह सीट है जिसके ऊपर असदुद्दीन ओवैसी का सबसे अधिक ध्यान था और वह यहां पर सबसे अधिक सक्रिय भी रहे।
इस विधानसभा सीट पर ओवैसी की तमाम कोशिशों के बावजूद उनके उम्मीदवार वकी रशीद को 2661 वोट ही हाथ लग सके। जबकि समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी युसूफ अंसारी जो भाजपा प्रत्याशी रितेश गुप्ता से महज 782 वोटों के अंतर से हारे हैं। उनकी साइकिल की हवा निकालने में जरूर ओवैसी उम्मीदवार को सफलता हाथ लगी है। वर्ष 2017 में हुए चुनाव में भी इस सीट पर हार जीत का अंतर तकरीबन 2000 वोटों का रहा था।
नजदीकी मुकाबले वाली इस सीट पर ओवैसी की अत्यधिक सक्रियता की वजह से जिले में साइकिल का विजय रथ रुक गया।