बोले रावत आतंकियों से लड़ने को भेजे ईडी,आईटी, सीबीआई एवं एनसीबी
मुंबई। शिव सेना सांसद संजय राउत ने सोमवार को जम्मू-कश्मीर में आतंकवादी हमले में बिहारी श्रमिकों की हत्या और गैर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) शासित राज्यों में केंद्रीय जांच एजेंसियों के दुरुपयोग के मुद्दे पर केंद्र सरकार पर जमकर निशाना साधा।
केंद्र सरकार पर तंज कसते हुए संजय राउत ने कहा कि उन्हें (केंद्र सरकार) प्रवर्तन निदेशालय, केंद्रीय जांच ब्यूरो तथा नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो के अपने बहादुर अधिकारियों को भाजपा शासित राज्यों के अधिकारियों और राजनेताओं को परेशान करने की बजाय राष्ट्र की सुरक्षा के लिए सीमा पर भेजना चाहिए।
उन्होंने आज यहां संवाददाताओं से कहा," केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को देश को बताना चाहिए जम्मू-कश्मीर से संबंधित संविधान के अनुच्छेद 370 को समाप्त किये जाने के बाद घाटी में क्या हो रहा है। कश्मीर घाटी में बिहारी श्रमिक, कश्मीरी पंडित और सिखों की हत्या एक गंभीर मामला है। "
शिव सेना सांसद ने केंद्र सरकार पर तंज कसते हुए कहा," सरकार ने कहा है कि हम पाकिस्तान पर सर्जिकल स्ट्राइक करेंगे। चीन के मुद्दे पर चुप क्यों हैं। वह (केंद्र सरकार) क्यों नहीं कहते हैं कि वे लोग (केंद्र सरकार) चीन पर सर्जिकल स्ट्राइक करेंगे। अरुणाचल प्रदेश में सीमा पर स्थिति क्या है। "
एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा," हम पाकिस्तान के साथ सामाजिक, वाणिज्यिक, आर्थिक और अन्य तरह के संबंधों को लंबे समय के लिए पूरी तरह से समाप्त करने की मांग कर रहे हैं।"
संजय राउत ने कहा, " हम पाकिस्तान के साथ संबंध रखना नहीं चाहते। सिर्फ पाकिस्तान के साथ क्रिकेट खेलने पर पाबंदी नहीं, बल्कि सभी मोर्चा पर उसके साथ संबंध तोड़ने की मांग कर रहे हैं। "
संजय राउत ने कहा, "अनुच्छेद 370 को समाप्त किये जाने के बाद क्या हुआ, सच्चाई सामने नहीं आती है। सरकार द्वारा मीडिया को नियंत्रित कर कर दिया गया है। अधिकारियों द्वारा विपक्षी नेताओं को नजरबंद कर दिया गया है। इस वजह से घाटी की वास्तविक स्थिति के बारे में जानकारी नहीं मिल पा रही है। सरकार को देश को बताना चाहिए की कश्मीर में क्या हो रहा है।"
उन्होंने महाराष्ट्र के मंत्रियों से अपील की कि वे अपनी कुर्सियों पर बैठने की बजाय विपक्षी पार्टियों द्वारा उन पर लगाए जाने वाले आरोप का जवाब दें। राज्य के मंत्रियों की छवि को बरकरार रखने के लिए उन्हें बोलना चाहिए।
वार्ता