बीजेपी के खिलाफ मिलकर लडेंगे माकपा और कांग्रेस
अगरतला। त्रिपुरा में विपक्षी मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) और कांग्रेस ने राज्य में सत्तारूढ़ भाजपा के खिलाफ मिलकर चुनाव लड़ने पर अंतत: सहमति जताते हुए गुरुवार को सीटों के आवंटन को लेकर समझौता कर लिया।
माकपा प्रदेश सचिव जितेंद्र चौधरी और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष बिरजीत सिन्हा ने अलग अलग बयान में यह जानकारी दी। बयान के मुताबिक दोनों दलों के शीर्ष नेताओं द्वारा लिये गये निर्णय के तहत माकपा 43 सीटों पर और कांग्रेस 13 सीटों पर चुनाव लड़ेगी। वहीं वामपंथी घटक भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) , फॉरवर्ड ब्लॉक और आरएसपी एक-एक सीट पर चुनाव लड़ेंगे। इसके अलावा रामनगर निर्वाचन क्षेत्र में निर्दलीय उम्मीदवार का समर्थन करने का निर्णय लिया गया है।
चौधरी ने कहा कि उनकी पार्टी ने 17 और कांग्रेस ने तीन सीटों से अपने उम्मीदवारों को वापस ले लिया है। उन्होंने जोर दिया कि त्रिपुरा के लोगों ने भाजपा के पांच साल के कुशासन में अपने लोकतांत्रिक अधिकारों को खो दिया है तथा सार्वजनिक धन के बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार , उत्पीड़न और हिंसक हमलों से जूझ रहे हैं। इसलिए जनता ने भाजपा के खिलाफ कांग्रेस और माकपा को मिलकर लड़ने के लिए राजी किया है।
उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र के भाजपा नेताओं ने कभी लोगों की भावनाओं पर विचार नहीं किया, बल्कि उनकी आवाज को दबाने के लिए पुलिस और केंद्रीय एजेंसियों का इस्तेमाल किया। इसके कारण अब प्रदेश के लोग , यहां तक कि भाजपा समर्थकों का एक वर्ग भी अपनी ही पार्टी की जनविरोधी नीतियों के खिलाफ संयुक्त संघर्ष का पक्षधर है। सिन्हा ने अपने बयान में कहा कि भाजपा को सत्ता से उखाड़ फेंकने के लिए कांग्रेस माकपा के साथ आयी है। उन्होंने कहा , " हम सभी निर्वाचन क्षेत्रों में कांग्रेस के वोटों को वाम दलों को हस्तांतरित करने और राज्य के कल्याण के लिए भाजपा को हराने के लिए एक साथ प्रचार करने की कोशिश करेंगे। हमारी पार्टियों के नेता प्रचार की रणनीति को अंतिम रूप देने के लिए काम कर रहे हैं।"