सरदार पटेल सेे जिन्ना की तुलना निकृष्ट राजनीति का परिणाम : योगी

सरदार पटेल सेे जिन्ना की तुलना निकृष्ट राजनीति का परिणाम : योगी

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भारत के विभाजन के लिये जिम्मेदार मोहम्मद अली जिन्ना की तुलना सरदार बल्लभ भाई पटेल से करने को निकृष्ट राजनीति बताते हुये कहा है कि कोई भी सभ्य समाज इसे स्वीकार नहीं कर सकता है। एक राष्ट्र नायक की तुलना अगर किसी खलनायक से होगी तो इसे कब तक स्वीकार किया जायेगा?

उल्लेखनीय है कि हाल ही में समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने एक चुनावी जनसभा में स्वतंत्रता संग्म में महात्मा गांधी, सरदार पटेल और पं नेहरू के समान जिन्ना का भी योगदान होने की बात कही थी। इस पर उपजे सियासी विवाद के बीच भाजपा अखिलेश के खिलाफ लगातार हमलावर है।

योगी ने रविवार को यहां 'ब्राह्मण परिवार, लखनऊ' के स्थापना दिवस पर आयोजित सम्मेलन को संबोधित करते हुये कहा, "पटेल की तुलना अगर कोई जिन्ना से करने लगे तो इसे वोट बैंक की निकृष्ट राजनीति ही समझा जायेगा। कोई भी सभ्य समाज इसे स्वीकार नहीं कर सकता है और इसे स्वीकार करना भी नहीं चहिये।" इस अवसर पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी मौजूद थे।

योगी ने इससे पहले वैश्य सम्मेलन में भी अखिलेश पर निशाना साधते हुये कहा कि जिन्ना के प्रति प्रेम रखने वालों को इस देश की जनता कभी माफ नहीं करेगी। योगी ने देश की एकता और अखंडता को सुनिश्चित करने में सरदार पटेल के योगदान का जिक्र करते हुये कहा कि देश आजाद होने पर अगर पटेल, रियासतों का भारत में विलय न कराते तो जरा सोचिये आज देश का मानचित्र कैसा होता।

योगी ने पूर्ववर्ती सरकारों पर राष्ट्रीय भावनाओं से जुड़े मुद्दों को लगातार नजरंदाज किये जाने का आरोप लगाते हुये दलील दी कि अयोध्या में भगवान राम के मंदिर के लिये 500 साल तक आंदोलन चला। इसी तरह कश्मीर से कश्मीरी पंडित क्यों भगाये गये? उन्होंने जनसमूह से पूछा कि आखिर क्यों हुक्मरानों ने इन बातों पर ध्यान नहीं दिया? योगी ने कहा, "इसकी वजह साफ है कि पूर्ववर्ती सरकारों के लिये सत्ता जरूरी थी, कश्मीरी पंडित या भगवान राम जरूरी नहीं थे। जबकि हमारे लिये सत्ता जरूरी नहीं है, जनहित महत्वपर्ण है। इसलिये भाजपा की सरकार बनने पर राम मंदिर निर्माण का काम शुरु हुआ और जम्मू कश्मीर से संविधान के अनुच्छेद 370 को भी हटाया गया।"

कांग्रेस और सपा का नाम लिये बिना योगी ने कहा कि कोई भी राजनीतिक दल आज यह नहीं कह सकता है कि उसे राम मंदिर या कश्मीर के मुद्दे को सुलझाने के लिये मौका नहीं मिला। उन्होंने कहा, "जब आपको मौका मिला तब आप राम भक्तों पर गोली चला रहे थे। आप तब कहते थे कि अयोध्या में परिंदा भी पर नहीं मार सकता है। आज हमें मौका मिला तो हमने अयोध्या में दीपोत्सव किया और कश्मीरी पंडितों की वापसी भी सुनिश्चित की।"


वार्ता

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