मुख्यमंत्री की तुलना भगवान जगन्नाथ से....
नई दिल्ली। आजकल राजनीति में देवी-देवताओ की कद्र कुछ ज्यादा ही बढ़ गयी है। राम के नाम पर सत्ता के शिखर तक पहुंची भाजपा ने सभी राजनीतिक दलों के ज्ञान चक्षु खोल दिये हैं। दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के संस्थापक अरविन्द केजरीवाल ने पिछले दिनों सुझाव दिया कि भारतीय करेंसी पर एक तरफ राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की फोटो छपी रहती है तो दूसरी तरह बुद्धि और समृद्धि के देव गणेश-लक्ष्मी की फोटो छापी जाए। दीपावली पर विशेष रूप से लक्ष्मी गणेश का पूजन किया जाता है। बेशक इसके पीछे राजनीति है लेकिन विरोध के पीछे उससे कहीं ज्यादा राजनीति हो रही है। धर्म का सहारा राजनीति ले रही है तो पूर्वोत्तर भारत का राज्य ओडिशा (उड़ीसा) पीछे कैसे रहता। वहां भी विधानसभा चुनाव शीघ्र होने हैं। इसलिए नवीन पटनायक के मंत्री ने अपने मुख्यमंत्री की तुलना भगवान जगन्नाथ से कर दी। भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने इसकी जमकर आलोचना की है। उधर नवीन पटनायक को उनके मंत्री ने जब जगन्नाथ बता ही दिया तो उन्होंने अन्न देवता अर्थात् किसानों को एक क्रेडिट पोर्टल का तोहफा दिया है। इस पोर्टल को सफल नाम दिया गया है जिसका सामान्य अर्थ है कृषि ऋण के लिए सरल प्रार्थना पत्र। इससे किसानों और कृषि उद्यमियों को 300 से अधिक सावधि ऋण मिल सकेंगे। इसका प्रभाव धामनगर उप चुनाव में दिखेगा।
ओडिशा के मंत्री पीके देब ने बीजू जनता दल (बीजद) की एक बैठक के दौरान कहा था कि उड़ीसा अब नवीन पटनायक के नाम से जाना जाता है, पहले यह भगवान जगन्नाथ के लिए जाना जाता था। पीके देब भी यह जानते हैं कि भगवान जगन्नाथ की भारत के जन-जन में मान्यता है। इसके बाद भी उन्होंने मुख्यमंत्री की तुलना भगवान जगन्नाथ से की है। मंत्री का आशय मुख्यमंत्री नवीन पटनायक की लोकप्रियता साबित करना था, इसीलिए भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने बिना देर किये अपनी प्रतिक्रिया मीडिया तक पहुंचा दी। संबित पात्रा कहते हैं कि यह पूरी तरह अहंकार का मामला है। उन्होंने कहा यह साढ़े चार करोड़ ओडिशा के लोगों और दुनिया भर के हिन्दुओं की भावना को ठेस पहुंचाने जैसा है। भाजपा के साथ ही ओडिशा प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष शरत पटनायक ने भी नवीन पटनायक के मंत्री के बयान को दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया है। श्री जगन्नाथ सेना पीछे कैसे रहती। जगन्नाथ सेना ने मंत्री देब के इस बयान का विरोध करते हुए प्रदर्शन भी किया। पुरी में जगन्नाथ मंदिर से एक सेवक विनायक दशमोह पात्रा ने कहा कि नवीन पटनायक के मंत्री ने इसलिए ऐसी टिप्पणी की है क्योंकि बीजद अधिक समय से सत्ता में हैं। वह कहते हैं कि कोई इंसान की तुलना भगवान के साथ कैसे कर सकता है। बहरहाल, इसी बीच मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने किसानों को ऋण सुविधा देने के लिये एक पोर्टल जारी कर दिया है।
ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने 26 अक्टूबर को किसानों के लिए एक साझा क्रेडिट पोर्टल 'सफल' (कृषि ऋण के लिए सरलीकृत ऐप्लीकेशन) की शुरुआत की। मुख्यमंत्री ने पोर्टल की शुरुआत करते हुए कहा कि यह सुविधा किसानों और कृषि-उद्यमियों को 40 से अधिक बैंक के 300 से अधिक सावधि ऋण उत्पादों तक पहुंचने में सक्षम बनाएगी। इसे 'कृषक ओडिशा' के साथ भी एकीकृत किया गया है और 70 से अधिक मॉडल परियोजना तक इसकी पहुंच संभव होगी। उन्होंने कहा कि यह पोर्टल किसानों और कृषि-उद्यमियों के लिए ऋण प्रावधानों में क्रांति ला सकता है। पोर्टल की शुरुआत होने पर संतोष व्यक्त करते हुए, पटनायक ने कहा कि यह ऐप किसानों और कृषि-उद्यमियों के लिए सार्वजनिक और निजी क्षेत्र के बैंकों, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों, राज्य सहकारी बैंकों और लघु वित्त बैंकों से औपचारिक रूप से ऋण प्राप्त करने का एकमात्र समाधान है। मुख्यमंत्री ने कहा कि पोर्टल किसानों और बैंक दोनों को लाभान्वित करने के लिए ऋण आवेदन प्रक्रिया को आसान बनाएगा।
पटनायक ने कहा कि यह पोर्टल किसानों को उनके ऋण आवेदन के हर चरण में सूचनाएं भेजकर सूचना विषमता को भी कम करेगा। पटनायक ने कहा कि 'सफल' सरकार को राज्यों में औपचारिक ऋण की मांग और वितरण की पूरी दृश्यता प्रदान करेगा और सुनिश्चित करेगा कि योजनाएं डेटा-समर्थित तरीके से तैयार की गई हों। उन्होंने आशा व्यक्त की कि 'सफल' ओडिशा में कृषि और संबद्ध क्षेत्रों को बढ़ावा देने और लंबे समय में किसानों की आर्थिक शक्ति को बढ़ाने के लिए ऋण की सुविधा प्रदान करेगा।
इसका प्रभाव धामनगर विधानसभा उपचुनाव पर पड़ेगा। यहां प्रचार के बीच सत्तारूढ़ बीजू जनता दल (बीजद) ने पूर्व विधायक राजेंद्र दास को 'पार्टी विरोधी गतिविधियों' का हवाला देते हुए दल से निष्कासित कर दिया। वर्ष 2009 में राजेंद्र बीजद उम्मीदवार के तौर पर धामनगर विधानसभा क्षेत्र से निर्वाचित हुए थे। उन्होंने पार्टी के फरमान के खिलाफ जाते हुए तीन नवंबर को होने वाले उपचुनाव के लिए एक स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में अपना नामांकन पत्र दाखिल किया था। पार्टी द्वारा नाम वापस लेने के अनुरोध के बावजूद दास ने अपना नामांकन पत्र दाखिल किया। बीजद ने एक बयान में कहा, ''बीजू जनता दल, धामनगर विधानसभा क्षेत्र, जिला-भद्रक के पूर्व विधायक श्री राजेंद्र कुमार दास को, श्री नवीन पटनायक, अध्यक्ष, बीजू जनता दल द्वारा पार्टी विरोधी गतिविधियों के कारण निष्कासित किया जाता है।''
पार्टी के फैसले पर पलटवार करते हुए दास ने कहा कि वह बीजद के फैसले से हैरान नहीं हैं। उन्होंने अपनी जीत का विश्वास व्यक्त करते हुए संवाददाताओं से कहा, ''मैं इस फैसले का स्वागत करता हूं क्योंकि धामनगर के लोग मेरे साथ हैं। उनकी कार्रवाई मेरे लिए एक आशीर्वाद है।'' दास के बाद अब, बीजद ने भद्रक जिले के तिहिड़ी ब्लॉक की महिला स्वयं सहायता समूह की कार्यकर्ता और अध्यक्ष अबनिति दास को अपना उम्मीदवार बनाया है। संयोग से राजेंद्र ने ही उन्हें तिहिड़ी ब्लॉक का अध्यक्ष बनाया था।
नवीन पटनायक भारतीय राज्य ओडिशा के 14वे मुख्य मंत्री हैं। इनका जन्म 16 अक्टूबर 1946 को कटक में हुआ था। इनके पिता का नाम बीजू पटनायक था, जिनके निधन के बाद नवीन पटनायक ने राजनीति में कदम रखा। इन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा देहरादून के वेल्हम बॉयज स्कूल से पूरी की, जिसके बाद दिल्ली विश्वविद्यालय के किरोड़ीमल कॉलेज से नवीन पटनायक ने कला स्नातक की उपाधि प्राप्त की। अपने पिता के निधन के बाद पटनायक ने 1997 में राजनीति में प्रवेश करने फैसला किया, जिसमें 1998 में उन्होंने अपने पिता के नाम पर पार्टी बनाई और उसका नाम बीजू जनता दल रखा। उन्हें पहली बार मार्च 2000 में ओडिशा के मुख्यमंत्री के रूप में चुना गया। वर्ष 2010 के एक ओपिनियन पोल में नवीन पटनायक को भारत का दूसरा सर्वश्रेष्ठ मुख्यमंत्री का दर्जा दिया गया था। यही नहीं उन्हें 2010 में भारत के सबसे लोकप्रिय मुख्यमंत्री की सूची में रखा गया था। इसके साथ ही 2013 में आये उष्णकटिबंधीय चक्रवात तूफान
फीलिन से लगभग एक लाख लोगों को बचाने के लिए संयुक्त राष्ट्र (यूएन) ने उन्हें सम्मानित किया। इसके बाद 2017 में पटनायक को आउटलुक द्वारा सर्वश्रेष्ठ प्रबंधक के पुरस्कार से नवाजा गया था। उन्हें जनवरी 2018 में पुणे में हुये आठवें भारतीय छात्र संसद में पूर्व राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल से आदर्श मुख्यमंत्री पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। (हिफी)