CM योगी का हमला: कानून व्यवस्था के लिये खतरा बने हुये हैं सपा के नेता
लखनऊ। उत्तर प्रदेश विधानसभा में कानून व्यवस्था के मुद्दे पर समाजवादी पार्टी (सपा) को कठघरे में खड़ा करते हुये मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि महिला सुरक्षा के लिये सपा के नेता खतरा बने हुये हैं।
मानसून सत्र के अंतिम दिन गुरुवार को अपने संबोधन में श्री योगी ने कहा कि अयोध्या में अति पिछड़ी बच्ची से दुष्कर्म व हरदोई में अधिवक्ता की हत्या में सपा के नेताओं का नाम आ रहा है। अयोध्या का आरोपी सांसद का करीबी है तो हरदोई मामले का आरोपी सपा का पूर्व जिलाध्यक्ष है और 2012 से 2017 के मध्य सपा शासन में इस पर कई मामले दर्ज हुए। यह समाज के कोढ़ हैं। इस कोढ़ को जब तक हटाएंगे नहीं, तब तक यूपी की स्थिति को ठीक करने में कठिनाई होगी। ऐसे अपराधियों को गोली न मारें तो क्या माला पहनाएं।
उन्होने 2016 से 2024 के एनसीआरबी के आंकड़ों को बताते हुए कानून का राज स्थापित करने की प्रााथमिकता को गिनाया। योगी ने एनसीआरबी के आंकड़ों को गिनाते हुए 2016 से 2024 के तुलनात्मक अंतर को बताकर यूपी में अपराधों में आई कमी की तरफ सदन का ध्यान आकृष्ट कराया। उन्होंने बताया कि डकैती में 86.47, लूट में 78. 17, हत्या में 43.21, बलवा में 67.42, ग्रह भेदन 4.31, फिरौती के लिए अपहरण में 70 फीसदी की कमी आई है।
सीएम योगी ने कहा कि दहेज मृत्यु दर में 17.43, बलात्कार में 25.30, शीलभंग में 16.56, अपहरण में 0.17 फीसदी की कमी आई है। महिलाओं के विरुद्ध घटित अपराधों में राष्ट्रीय औसत पर नजर डालें तो उत्तर प्रदेश में 2017 से 2022 तक महिलाओं के प्रति अपराध बहुत कम हुए हैं। 2017 से 2022में यूपी के सापेक्ष तेलंगाना, उड़ीसा, राजस्थान, पं. बंगाल, महाराष्ट्र में अपराध अधिक बढ़े थे। बलात्कार के मामले में इस दौरान छत्तीसगढ़, केरल, राजस्थान व झारखंड में यूपी से अधिक अपराध घटित हुए थे। यूपी का इसमें 24वां स्थान है। शील भंग में यूपी का 17वां स्थान है यानी 16 राज्यों में यूपी से अधिक अपराध हुए हैं।
उन्होने बताया कि यूपी में निरोधात्मक कार्रवाई के तहत शस्त्र अधिनियम के तहत 2016 की तुलना में 2024 में 4.45 प्रतिशत, एनडीपीएस में 14.98 फीसदी, आबकारी अधिनियम के अंतर्गत 57.95 प्रतिशत, गुंडा अधिनियम 70.69, गैंगस्टर के तहत 15.81 फीसदी अधिक कार्रवाई हमारी सरकार ने की है। प्रदेश सरकार द्वारा बढ़ाए गए कदम हर किसी के सामने है।
वार्ता