हरियाणा में खट्टर सरकार को चुनौती

हरियाणा में खट्टर सरकार को चुनौती

चंडीगढ़। भाजपा के गठबंधन सरकार वाले राज्य हरियाणा में बजट सत्र 5 मार्च से शुरू हो गया है। हालांकि मनोहर लाल खट्टर की सरकार ने विपक्ष के हाथ से कई मुद्दे छीन लिये हैं। विशेष रूप से बेरोजगारी को दूर करने के लिए सरकार ने निजी क्षेत्र में 75 फीसद आरक्षण राज्य के लोगों को देने का कानून बनाया। इसका फिक्की की तरफ से विरोध किया गया है। इसी प्रकार आंदोलनरत किसान भी समस्या खड़ी किये हैं। मुख्य विपक्षी कांग्रेस ने सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने की घोषणा कर रखी है। इसी सत्र में सरकार लव जिहाद के खिलाफ एंटी कन्वर्जन बिल भी ला सकती है जिसका विरोध सरकार की साझीदार जननायक जनता पार्टी (जेजेपी) कर रही है।

सरकार के खिलाफ जहां तक अविश्वास प्रस्ताव का मामला है तो विधानसभा में 90 सीटें हैं। इनमें 45 विधायकों के साथ सरकार बनती है। भाजपा के पास अपने 40 विधायक हैं। दुष्यंत चौटाला के नेतृत्व वाली जेजेपी के 10 विधायक और पांच निर्दलीय मिलकर सरकार चला रहे हैं। इस प्रकार मनोहर लाल खट्टर सरकार के पास 55 विधायक हैं। विपक्ष में कांग्रेस के पास 30 विधायक हैं। निर्दलीय विधायक 7 हैं जिनमें 5 सरकार के साथ हैं। हरियाणा लोकहित पार्टी के पास एक विधायक है। मौजूदा हालात में 8 विधायक सरकार से नाराज हैं। इनमें जेजेपी के 6 विधायक हैं और निर्दलीय 2 विधायक कृषि कानून के खिलाफ सरकार का साथ छोड़ चुके हैं। सरकार के पास अब भी 47 विधायक हैं। इस प्रकार फिलहाल सरकार सुरक्षित दिख रही लेकिन नाराजगी बढ़ी तो समस्या खड़ी हो सकती है।

भारतीय जनता पार्टी शासित हरियाणा की मनोहर लाल खट्टर सरकार राज्य में जबरन धर्मांतरण को रोकने के लिए नया लव जिहाद बिल विधानसभा में पेश करने वाली है लेकिन सरकार की मुख्य सहयोगी जननायक जनता पार्टी के नेता और राज्य के उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने लव जिहाद शब्द पर आपत्ति जताई है। चौटाला ने कहा कि वह लव जिहाद शब्द से सहमत नहीं हैं, जिसे दक्षिणपंथी मुस्लिम पुरुषों द्वारा हिन्दू महिलाओं के जबरन धर्म परिवर्तन के लिए इस्तेमाल करते रहे हैं। उप मुख्यमंत्री ने कहा, मैं लव जिहाद नामक शब्द से सहमत नहीं हूं। हमें विशेष रूप से बलपूर्वक कराए जाने वाले धर्मांतरण की जाँच के लिए एक कानून मिलेगा और हम इसका समर्थन करेंगे।

यदि कोई स्वेच्छा से धर्मान्तरण करता है या किसी अन्य धर्म के साथी से विवाह करने के लिए धर्मांतरण करता है, तो इस पर कोई रोक नहीं है। दुष्यंत चौटाला की यह टिप्पणी ऐसे समय में आई है, जब किसान आंदोलन के मुद्दे पर जननायक जनता पार्टी और दुष्यंत चौटाला पहले से ही बीजेपी के स्टैंड से नाखुश हैं। चौटाला किसानों की मांगों का समर्थन कर चुके हैं और तीनों कृषि कानूनों की समीक्षा की मांग कर चुके हैं। चौटाला ने तो यहां तक कहा है कि अगर किसानों की बातें नहीं सुनी गईं तो वह सरकार से इस्तीफा दे देंगे।

बता दें कि उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और कर्नाटक सहित कई भाजपा शासित राज्यों ने पहले ही इस तरह के कानूनों को लागू कर दिया है लेकिन हरियाणा में इसकी तैयारी के बाद नूंह जिले में जेजेपी को मुस्लिम समुदाय का विरोध झेलना पड़ रहा है, जहां उसकी बड़ी आबादी है और जेजेपी का वोट बैंक है। इस बीच, चौटाला डैमेज कंट्रोल में जुट गए हैं। उन्होंने गत दिनों चंडीगढ़ में मुस्लिम सुदाय के नेताओं संग अहम बैठक की। जेजेपी के अल्पसंख्यक सेल के हेड मोहसिन चौधरी ने कहा, हमने अपने नेता दुष्यंत चौटाला के साथ मेवात के लोगों की एक बैठक आयोजित की थी।

उन्होंने विधानसभा में पेश किए जाने वाले नए कानून के बारे में हमारी चिंताओं को सुना और उस पर सकारात्मक भरोसा दिया है। सूचना का आधिकार के तहत प्राप्त जानकारी के मुताबिक हरियाणा में पिछले तीन साल में अंतर धार्मिक संबंधों की वजह से चार केस दर्ज किए गए हैं। इनमें से दो में पुलिस ने रिपोर्ट कैंसिल की है, जबकि तीसरे में कोर्ट ने आरोपी को बरी कर दिया है और चौथा अभी कोर्ट में लंबित है।

दूसरा मामला बेरोजगारी से जुड़ा है। हरियाणा सरकार ने निजी क्षेत्र में 75 फीसदी नौकरियां स्थानीय युवाओं के लिए आरक्षित करने के बिल को मंजूरी दी है, फेडरेशन ऑफ इंडियन चैंबर्स एंड इंडस्ट्री (फिक्की) ने इसे लेकर ऐतराज जताया है। फिक्की ने कहा है कि फैसले का प्रतिकूल असर होगा और इसके फलस्वरूप उद्योग राज्य से बाहर जाने के लिए मजबूर होंगे। हरियाणा राज्य स्थानीय उम्मीदवार रोजगार विधेयक, 2020 निजी क्षेत्र की उन नौकरियों में स्थानीय लोगों के लिए कोटा का प्रावधान करता है, जिनमें मासिक वेतन 50,000 रुपये से कम हो। विधेयक के मुताबिक यह कोटा शुरूआत में 10 साल तक लागू रहेगा। विधेयक के दायरे में राज्य में निजी कंपनियां, सोसाइटी, ट्रस्ट, साझेदारी फर्म आते हैं। विधेेयक योग्य लोगों के उपलब्ध नहीं होने की स्थिति में योग्य स्थानीय उम्मीदवारों के प्रशिक्षण का प्रावधान करता है।इस कोटे के तहत नौकरी प्राप्त करने के लिए किसी व्यक्ति का जन्म स्थान हरियाणा होना चाहिए या वह कम से कम 15 साल राज्य में रहा हो।

हरियाणा के उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने कहा था कि हरियाणा के राज्यपाल सत्यदेव नारायण आर्य ने इस बिल को मंजूरी दे दी है, इसमें निजी क्षेत्र की 75 प्रतिशत नौकरियां स्थानीय लोगों के लिए आरक्षित रखने का प्रावधान है। यह बिल दुष्यंत की पार्टी जननायक जनता पार्टी के प्रमुख चुनावी वादे में शामिल था। जननायक जनता पार्टी ने 90 सदस्यीय विधानसभा में 10 सीटों पर जीत हासिल की है और बीजेपी के साथ गठजोड़ करके सरकार बनाई है। उधर, फिक्की की ओर से पक्ष रखते हुए संगठन के अध्यक्ष उदय शंकर ने कहा है कि प्राइवेट सेक्टर में 75 फीसद नौकरियां स्थानीय लोगों के लिए रिजर्व रखने का कदम राज्य में औद्योगिक विकास और निजी निवेश के लिहाज से विनाशकारी साबित होगा। गौरतलब है कि भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) ने भी हरियाणा सरकार से निजी क्षेत्र की नौकरियों में स्थानीय लोगों को आरक्षण के कानून पर पुनर्विचार का आग्रह किया है। सीआईआई का कहना है कि आरक्षण से उत्पादकता और प्रतिस्पर्धी क्षमता प्रभावित होती है। इस प्रकार मनोहर लाल खट्टर की सरकार जो विधेयक बजट सत्र में ला रही है, उनका विरोध होगा। (हिफी)

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