लोकसभा चुनाव में BSP की हालत रही पतली- सिर्फ 7 प्रत्याशी ही बचा सके लाज
लखनऊ। लोकसभा चुनाव में बहुजन समाज पार्टी को इस बार बड़ा तगड़ा झटका लगा है। बहुजन समाज पार्टी की दयनीय स्थिति का पता इसी से लगाया जा सकता है कि उत्तर प्रदेश की सभी लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ी बहुजन समाज पार्टी का प्रत्याशी किसी भी लोकसभा सीट पर दूसरे नंबर पर नहीं आ सका है। बसपा सुप्रीमो मायावती ने इस बार अपने भतीजे आकाश आनंद को चुनाव की बागडोर सौंप दी थी। आकाश आनंद ने धुंआधार प्रचार भी शुरू किया था लेकिन सीतापुर में आयोजित एक कार्यक्रम में आकाश आनंद के एक बयान के बाद मायावती ने उन्हें चुनाव प्रचार से अलग करते हुए उनसे सारी जिम्मेदारी वापस ले ली थी।
मायावती के इस कदम को बसपा के समर्थक आत्मघाती भी मान रहे थे। खैर बात करते हैं कि बसपा ने उत्तर प्रदेश की लगभग सभी लोकसभा सीटों पर जातीय समीकरण को साधते हुए उम्मीदवार उतारे थे लेकिन इस बार चूंकि मुकाबला भाजपा गठबंधन और सपा कांग्रेस गठबंधन के बीच था। ऐसे में इस बार उत्तर प्रदेश के मतदाताओं ने बसपा के प्रत्याशियों को बुरी तरह से नकार दिया। बसपा प्रत्याशियों की हालत इस कदर खराब रही कि उत्तर प्रदेश की किसी भी लोकसभा सीट पर बसपा का प्रत्याशी दूसरे नंबर पर नहीं आ सका हालांकि बसपा के 7 ऐसे प्रत्याशी उत्तर प्रदेश में रहे जिन्होंने दो लाख से अधिक वोट हासिल करके कहीं ना कहीं बसपा प्रत्याशी के रूप में अपनी मजबूत दखलंदाजी की है।
कौन है यह बसपा प्रत्याशी जिन्होंने बसपा को 2 लाख से ऊपर वोटो पर ले जाकर छोडा , उनमें से हम सबसे पहले बात करेंगे बसपा के टिकट पर नोएडा से चुनाव लड़ने वाले राजेंद्र सोलंकी की। राजेंद्र सोलंकी ने उत्तर प्रदेश में बसपा प्रत्याशी के रूप में सबसे ज्यादा वोट हासिल किये। उन्होंने 2,51,615 वोट पाकर बसपा के टॉप प्रत्याशियों में अपना नंबर एक पर बनाया। नोएडा में भारतीय जनता पार्टी के डॉक्टर महेश शर्मा ने भी सर्वाधिक 5 लाख से अधिक वोटो से चुनाव जीता है।
इसके साथ ही दूसरे नंबर पर बसपा प्रत्याशी के रूप में मयंक द्विवेदी रहे। मयंक द्विवेदी ने बांदा लोकसभा सीट से बसपा के टिकट पर चुनाव लड़ा और उन्होंने 2,45,745 वोट पाकर यूपी में बसपा प्रत्याशियों की टॉप रैंक में दूसरा नंबर पाया। बांदा लोकसभा सीट पर समाजवादी पार्टी की प्रत्याशी कृष्णा देवी शिव शंकर पटेल ने जीत दर्ज की है।
तीसरे नंबर पर बसपा को सर्वाधिक मत दिलाने वाले प्रत्याशी का नाम है चौधरी विजेंद्र सिंह, चौधरी विजेंद्र सिंह पहले लोक दल के प्रदेश महासचिव थे। उन्होंने लोकसभा चुनाव से पहले बसपा का दामन थामा और बिजनौर लोकसभा सीट पर बसपा प्रत्याशी के रूप में अपनी एंट्री की। विजेंद्र सिंह ने राष्ट्रीय लोकदल - भाजपा गठबंधन के चंदन चौहान और समाजवादी पार्टी के दीपक सैनी के साथ त्रिकोणीय मुकाबला बनाया। हालांकि बिजनौर लोकसभा सीट पर रालोद के चंदन चौहान चुनाव जीत गए लेकिन चौधरी विजेंद्र सिंह ने बसपा प्रत्याशी के रूप में 2,18,986 वोट पाकर प्रदेश में बसपा प्रत्याशी की टॉप लिस्ट में तीसरा नंबर पाया।
इसके साथ ही उत्तर प्रदेश की लालगंज लोकसभा सीट पर बसपा प्रत्याशी इंदु चौधरी ने 2,10,053 वोट पाकर यूपी में बसपा प्रत्याशी की टॉप रैंक में चौथा नंबर पाया। लालगंज लोकसभा सीट पर समाजवादी पार्टी के दरोगा प्रसाद सरोज ने 1,15,023 वोट से बड़ी जीत दर्ज की।
बसपा प्रत्याशियों की सबसे ज्यादा वोट पाने की लिस्ट में पांचवें नंबर पर घोसी लोकसभा सीट से बसपा के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं बालकृष्ण चौहान का नंबर है। बालकृष्ण चौहान ने समाजवादी पार्टी के राजीव राय और सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के अरविंद राजभर के सामने चुनाव लड़ते हुए 2,09404 वोट पाई। इस सीट पर समाजवादी पार्टी के राजीव राय ने जीत दर्ज की है।
बसपा के सबसे ज्यादा वोट पाने वालों की लिस्ट में छठे नंबर पर हाथरस से चुनाव लड़े हेमबाबू धनगर का नाम आता है। हेम बाबू धनगर ने भारतीय जनता पार्टी के अनूप प्रधान वाल्मीकि और समाजवादी पार्टी के जसवीर वाल्मीकि के साथ हुए रोचक मुकाबले में 2,01263 वोट पाकर तीसरे नंबर पर रहे।
बसपा के टॉप प्रत्याशी की लिस्ट में सातवें नंबर पर अंबेडकर नगर से चुनाव लड़ रहे कमर हयात का नाम आता है हालांकि कमर हयात 2 लाख से अधिक वोट नहीं पा सके लेकिन उसके बाद भी उन्होंने 2 लाख के लगभग ही 1,99,499 वोट पाकर बसपा की टॉप 7 लिस्ट में सातवां नंबर हासिल किया। अंबेडकर नगर लोकसभा सीट पर समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी लाल जी वर्मा ने बड़ी जीत हासिल की जबकि बसपा के टिकट पर वर्तमान में सांसद रितेश पांडे ने बसपा का दामन छोड़कर भाजपा में शामिल हुए थे और भाजपा की टिकट पर चुनाव लड़े लेकिन इस बार उन्हें हार का सामना करना पड़ा। अंबेडकर नगर लोकसभा सीट पर कहीं ना कहीं यह मुकाबला बसपा के कार्यकर्ताओं के बीच लड़ा गया क्योंकि लालजी वर्मा समाजवादी पार्टी से पहले बहुजन समाज पार्टी में थे तथा बसपा के टिकट पर विधायक चुने गए थे। इसके साथ ही रितेश पांडे ने भी 2019 का लोकसभा का चुनाव बसपा के टिकट पर लड़ा था और वो सांसद बने थे अब अगर अंबेडकर नगर में पहले , दूसरे और तीसरे नंबर के प्रत्याशी की बात की जाए तो कहीं ना कहीं तीनों का संबंध बहुजन समाज पार्टी से रहा है।